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Sunday, April 20, 2025 | 02:09 pm

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डॉ अश्विनी

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आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता दवा निर्माण क्षेत्र

चूंकि देश में भारी मात्रा में एपीआइ का निर्माण होना शुरू हुआ है, तो उनकी कीमतें घट रही हैं. लेकिन ध्यान रखना होगा कि जो उद्योग पीएलआई और सतर्क सरकारी नीतियों के कारण पुनर्जीवित हुए हैं.

स्थिर और मजबूत रुपये की आहट

डॉलर का वैश्विक रिजर्व करेंसी के रूप में प्रभुत्व विकासशील देशों के लिए हितकर नहीं रहा है. एक तरफ डॉलर की अस्थिरता और दूसरी तरफ उसके बावजूद डॉलर के भंडार को रखने की मजबूरी ने उन्हें नुकसान पहुंचाया है.

उत्तर-दक्षिण विभाजन की झूठी कहानी

जैसे खाद्यान्न उपलब्ध कराने में उत्तरी राज्यों का महत्वपूर्ण योगदान है, वैसे ही औद्योगिक उत्पादन, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक और आईटी उत्पाद, मुहैया कराने में दक्षिणी राज्यों का बड़ा योगदान है. इस प्रकार भारत एक परिवार की तरह है और सभी राज्य इसके सदस्य हैं.

वैश्विक मत्स्य संपदा बचाने में ईमानदारी की कमी

समुद्री संसाधनों के खत्म होने के लिए विकसित देश ही जिम्मेदार हैं क्योंकि उनके बड़े-बड़े जहाज अपनी मछली खत्म करने के बाद अपनी-अपनी सरकारों द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के सहारे सुदूर जल में गहरे समुद्री संसाधनों का दोहन कर रहे हैं.

चुनाव प्रक्रिया स्वच्छ एवं पारदर्शी हो

चुनाव में काले धन का प्रकोप जिस स्तर पर था, उससे निपटने की दिशा में इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था एक प्रगतिशील कदम थी. इसी सरकार के कार्यकाल में यह कानून बना था, इसलिए इसी सरकार को यह देखना होगा कि सर्वोच्च न्यायालय की आपत्तियों और निर्देशों का अनुपालन करते हुए एक संशोधित व्यवस्था लायी जाए.

अमीरों का क्लब है वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम

ऐसे मंच, जहां बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दबदबा हो और सामान्य प्रतिनिधियों की कोई प्रभावी भूमिका न हो, उससे दुनिया के भले की कल्पना नहीं की जा सकती. समझना होगा कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ऐसा ही एक मंच है. ऐसे मंचों से विश्व को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि उनका वास्तविक एजेंडा पारदर्शी नहीं है.

आर्थिक केंद्र भी है राम मंदिर

धार्मिक पर्यटन हमारे पर्यटन व्यवसाय का बड़ा भाग है, जिससे बड़ी मांग का सृजन होता है. अनुमान है कि भारत में धार्मिक पर्यटन का हिस्सा घरेलू पर्यटन में 60 प्रतिशत है, जबकि 11 प्रतिशत विदेशी सैलानी धार्मिक उद्देश्य से आते हैं.

संभव है ग्लोबल वार्मिंग का समाधान

यह माना जा सकता है कि कोयले से उत्सर्जन पेट्रोलियम पदार्थों के उत्सर्जन से ज्यादा होता है. लेकिन इस बहस में भारत का यह कहना था कि यदि जीवाश्म ईंधन के उपयोग को क्रमशः कम करना है, तो इसमें कोयले और पेट्रोलियम पदार्थों में भेद नहीं होना चाहिए. गौरतलब है कि भारत के पास कोयले के बड़े भंडार हैं.

नये संसद भवन पर बेमतलब सवाल

इस परियोजना के पूरे होने से केंद्र सरकार का खर्च बचेगा और उस धन का उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जा सकेगा. साथ ही, कर्मचारियों को अपने विभिन्न विभागों में आने-जाने की असुविधा से भी बचाया जा सकेगा. उदाहरण के लिए, वाणिज्य मंत्रालय के कई विभागों के कार्यालय अन्य स्थानों में थे.
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