![Karma Puja 2022: झारखंड में करमा पूजा की धूम, जानें आदिवासियों के लिए कितना खास है ये पर्व, देखें Photo 1 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-09/27ed9d97-46ea-4b45-92f3-d2f0f3c20ddb/karma_2.jpg)
Karma Puja 2022: करमा झारखंड के प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह पर्व झारखंड- बिहार के अलावा ओडिशा, बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम में आदिवासी समुदाय द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल करमा पर्व (karma festival) मंगलवार 6 सितंबर यानी आज मनाया जा रहा है. इस पर्व में बहनें अपने भाइयों की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और उनके दीर्घायु के लिए पूजन करती हैं.
![Karma Puja 2022: झारखंड में करमा पूजा की धूम, जानें आदिवासियों के लिए कितना खास है ये पर्व, देखें Photo 2 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-09/1c5f1823-5a43-476e-add0-c9cf8b636436/karma_3.jpg)
मान्यता है कि इस पर्व को बहनें अपने भाइयों के लिए करती हैं. इसके अलावा यह प्रकृति पूजन का भी प्रतीक जाना जाता है.
![Karma Puja 2022: झारखंड में करमा पूजा की धूम, जानें आदिवासियों के लिए कितना खास है ये पर्व, देखें Photo 3 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-09/b6016a4c-1c06-4f9a-903e-04d1b83f6898/karma_5.jpg)
करमा पर्व (karma festival) को आदिवासी संस्कृति का प्रतीक (Symbol of Tribal Culture) भी माना जाता है. करमा पर्व (karma festival) आदिवासी समाज (Tribal Society) का एक प्रचलित त्यौहार है . इस पर्व में एक खास नृत्य भी किया जाता है जिसे करमा नृत्य (karma Dance)भी कहा जाता है.
![Karma Puja 2022: झारखंड में करमा पूजा की धूम, जानें आदिवासियों के लिए कितना खास है ये पर्व, देखें Photo 4 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2021-09/e9ecf087-0e06-43dd-8a32-7a614835fd72/HAZARIBAGH_karma_puja.png)
झारखंड राज्य में यह दूसरा सबसे बड़ा प्रकृति पर्व (Natural Festival) है जिसे इस कामना से मनाया जाता है कि लगाया गया फसल अच्छा हो . करमा के अलावा सरहुल भी झारखंड का प्रसिद्ध प्रकृति पर्व है.
![Karma Puja 2022: झारखंड में करमा पूजा की धूम, जानें आदिवासियों के लिए कितना खास है ये पर्व, देखें Photo 5 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-09/a4c16736-c837-48bc-afcc-795c46ba864d/karma_puja_2022_giridih.jpg)
पूजा के दिन बहनें नए वस्त्र पहनकर, पैरों में अलता लगाती है. इसके बाद शाम के समय गांव के बड़े बुजुर्ग नए वस्त्र पहनकर मंदार बजाते, नाचते गाते हुए करम डाली काट कर लाते है. वहां पहुंचकर करम पेड़ का पूरे श्रद्धा से पूजा-अर्चना करके पेड़ पर चढ़कर तीन डालियां काटता है और साथ ही डाली लेकर पेड़ से उतरता है इसमें यह भी ध्यान रखा जाता है कि करम डाली जमीन पर गिरे नहीं.
![Karma Puja 2022: झारखंड में करमा पूजा की धूम, जानें आदिवासियों के लिए कितना खास है ये पर्व, देखें Photo 6 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-09/a8927f79-2bc9-4f4e-b987-a1ea1da7165d/karma_dhanbad.jpg)
करमा पर्व (karma festival) के कुछ दिन पूर्व युवतियां नदी या तालाब से बालू उठाती है. नदी या तालाब से स्वच्छ एवं महीन बालू उठाकर डाली में भरती है. इसमें सात प्रकार के अनाज भी बोती है, जौ, गेहूं, मकई, धान, चना, उरद, कुलथी आदि एवं किसी स्वच्छ स्थान पर रखती हैं.
![Karma Puja 2022: झारखंड में करमा पूजा की धूम, जानें आदिवासियों के लिए कितना खास है ये पर्व, देखें Photo 7 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-09/5d3805d5-53ea-4118-bc3f-a8d5aab84b04/01_Karma_Patta.jpg)
करमा पर्व (karma festival) को आदिवासी संस्कृति (Tribal Culture) का प्रतीक भी माना जाता है. कर्मा पूजा पर्व आदिवासी समाज का एक प्रचलित त्यौहार है . इस परवाह में एक खास नृत्य भी किया जाता है जिसे करमा नृत्य भी कहा जाता है .