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करम गीत पर झूमे गिरिडीह के लोग, संस्कृति को बचाने पर जयराम महतो ने दिया जोर

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जयराम महतो ने कहा कि समाज में जितने भी पर्व है, उसमें मां- बहनों की विशेष रूप से भागीदारी होती है. मां अपने बच्चों के लिए जिउतिया करती है तो पत्नी अपने पति के लिए तीज करती है. वहीं बहनें अपने भाई की सुरक्षा के लिए करमा करती हैं.

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झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के बैनर तले बगोदर बस पड़ाव में गुरुवार को विराट करम महोत्सव का आयोजन किया गया. संचालन संघ के दिनेश साहू द्वारा किया गया. महोत्सव की शुरुआत छोटी- छोटी बच्चियों ने विधि-विधान से अखड़ा की वंदना कर की. मौके पर बतौर मुख्य अतिथि जेबीकेएसएस के सुप्रीमो जयराम महतो और मोतीलाल महतो समेत अन्य लोग मौजूद थे. जिन्हें बगोदर इकाई द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया. इस दौरान विभिन्न टोलियों में युवतियों ने करमा पर आधारित विभिन्न गीतों पर नृत्य किया. इस दौरान झूमर, नटुवा नाच, तीन डेगवा समेत खोरठा गीतों पर लोगों ने जमकर नृत्य किया. करीब 20 से अधिक टीम ने नृत्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया. जिसमें सभी टीमों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया. करम महोत्सव में जेबीकेएसएस के सुप्रीमो जयराम महतो समेत बगोदर कमेटी से जुड़े लोगों ने भी करमा के गीतों पर नृत्य किया.

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शिक्षा, रोजगार व संस्कृति पर दिया गया बल

महोत्सव को संबोधित करते हुए जयराम महतो ने कहा कि समाज में जितने भी पर्व है, उसमें मां- बहनों की विशेष रूप से भागीदारी होती है. मां अपने बच्चों के लिए जिउतिया करती है तो पत्नी अपने पति के लिए तीज करती है. वहीं बहनें अपने भाई की सुरक्षा के लिए करमा करती हैं. करमा प्रकृति से जुड़ा पर्व है. संस्कृति को बचाये रखने के लिए नयी पीढ़ियों को आगे आना होगा. उन्होंने महोत्सव के दौरान गांव के लोगों को शिक्षा पर भी ध्यान देने की अपील की. साथ ही पर्व के दौरान नशा से दूर रहने तथा आने वाले 2024 के चुनाव पर भी केंद्रित करते हुए एक मौका देने की बात कही. रोजगार के सवाल पर भी एक बार जेबीकेएसएस के हाथों को मजबूत करने की बात कही. महोत्सव को संबोधित करते हुए मोती लाल महतो ने भी करमा पर्व की विशेषता पर प्रकाश डाला. साथ ही लोगों को एकजुट होने की अपील की.

ये थे मौजूद

मौके पर दिनेश साहू, सोहनलाल महतो, लखन मेहता, जितेंद्र साव, जितेंद्र कुमार, नीतीश पटेल, छोटन प्रसाद छात्र, त्रिभुवन महतो, डेगलाल महतो, जगदीश महतो, निरंजन कुमार, महेंद्र महतो, प्रकाश महतो, मनोज महतो, प्रेमचंद साहू, पंकज गुप्ता, बाल लखन महतो, राजेंद्र कुमार, कैलाश महतो, हाफिज अली, सिकंदर अली आदि मौजूद थे.

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