24.1 C
Ranchi
Wednesday, February 19, 2025 | 02:13 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार में 30 दिनों में पीक पर पहुंच जायेगी तीसरी लहर, जानिये विशेषज्ञों ने कोरोना को क्यों कहा बेहरूपिया

Advertisement

इस लहर से मुख्य रूप से बच्चों और लंबी बीमारी से ग्रसित मरीजों को बचाने की जरूरत है. यह बात पटना विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने प्रभात खबर से विशेष रूप से साझा की है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

राजदेव पांडेय,पटना. कोरोना की तीसरी लहर तेज होगी. 30 दिनों में यह पीक पर पहुंच सकती है. इसके बाद इसमें गिरावट शुरू हो सकती है. हालांकि, इस लहर के न्यूनतम बिंदु पर आने में कम-से-कम ढाई से तीन माह लग सकते हैं. हालांकि, इस लहर का असर बहुत कम होगा. पिछली लहर की तुलना में यह लहर कम समय के लिए हो सकती.

इस लहर से मुख्य रूप से बच्चों और लंबी बीमारी से ग्रसित मरीजों को बचाने की जरूरत है. यह बात पटना विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने प्रभात खबर से विशेष रूप से साझा की है.

प्रो वीरेंद्र ने साफ किया कि अब तक का कोरोना संंबंधी अध्ययन बताता है कि टीकाकरण से उपजी एंटीबॉडी एक समय सीमा के बाद घटने लगती है. लिहाजा उसे बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत महसूस होना तय है. दरअसल, भारत समेत दुनिया में कोरोना रोकने के लिए लगाये गये टीके आपातकालीन हैं. पांच साल के स्टेंडर्ड प्रोटोकाल से बनने वाले टीकों का हमें कम-से-कम ढाई साल और इंतजार करना होगा.

कोरोना की तीसरी लहर से सामना करने में हमारे टीके ढाल का काम कर रहे हैं. ये टीके वर्तमान संक्रमण को पूरी तरह रोकेंगे तो नहीं, लेकिन यह तय है कि अपेक्षाकृत उसके घातक असर को कम करने में पूरी तरह सक्षम हैं. वर्तमान परिदृश्य में हर्ड इम्युनिटी भी काम कर रही है.

इन्हीं दोनों वजहों से जान का जाेखिम कम देखा जा रहा है. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं होगा कि संक्रमण रोकने के उपायों को हाशिये पर रखा जाये. डेल्टा की तुलना में ओमिक्रोन वेरिएंट कई गुना अधिक संक्रामक है.इसलिए मास्क अनिवार्य है.

गले से नीचे नहीं उतर रहा ओमिक्रोन

डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट गले के नीचे नहीं पहुंच रहा है. इसलिए इसके लक्षण ज्यादा घातक नहीं दिख रहे हैं. दरअसल, फेफड़े इस वैरिएंट से अब तक सुरक्षित देखे गये हैं. यह स्थिति केवल उन लोगों के साथ है, जो पहले से किसी लंबी बीमारी से ग्रसित नहीं है. इस बीमारी के प्रति स्थायी कवच लेने के लिए बेहद अच्छा और संतुलित भोजन लगातार खाना होगा.

कोरोना का वायरस ज्यादा बहुरुपिया

डाॅ प्रसाद ने बताया कि दूसरे वायरस की तुलना में यह वायरस तेजी से रूप बदलता है. व्यवहार भी अलग-अलग है. दरअसल, यह वायरस आरएनए से बना है. उन्होंने बताया कि माइक्रो वायरोलॉजी का इतिहास बताता है कि जिस वायरस का न्यूक्लिक एसिड जितना छोटा होगा, वह उतना ही घातक होगा. इनमें होस्ट बदलने की भी क्षमता अधिक है. कोविड का संक्रमण उस दौर में हुआ है, जिस दौर में क्लाइमेट चेंज बेहद तेजी से हो रहा है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें