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कृषि विभाग की पहल पर मशरूम की पैदावार से किसान हो रहे समृद्ध

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कम लागत, न्यूनतम जोखिम और उच्च लाभ ने इसे किसानों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बना दिया है

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वीरपुर. बसंतपुर में कृषि विभाग के तहत प्रखंड उद्यान पदाधिकारी द्वारा वितरित किये गए मशरूम की कीट से किसान अब मुनाफे कमाने लगे हैं. इस खेती में कम लागत में बड़ा मुनाफा होने लगा है. जिसका जीता जगता उदाहरण बसंतपुर के किसान अवधेश मेहता हैं.

अवधेश मेहता ने बताया कि उन्होंने कृषि विभाग अंतर्गत प्रखंड उद्यान पदाधिकारी से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर 30 कीट प्राप्त किया था. बताया कि मशरूम पालन के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है. उन्होंने अपने घर पर बहुत कम लागत में मशरूम की खेती शुरू की, जो अब उनके लिए एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है.

मशरूम उत्पादन के लिए एक कीट की कीमत मात्र 60 रुपये आती है. एक कीट से 1 से 1.5 किलो मशरूम की पैदावार होती है. बाजार में मशरूम की बिक्री 250 से 400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से होती है. जिससे यह व्यवसाय अत्यंत लाभदायक साबित हो रहा है.

किसानों में बढ़ रहा मशरूम पालन का रुझान

अवधेश मेहता की इस सफलता से प्रेरणा लेकर बसंतपुर के 15 अन्य किसान भी मशरूम उत्पादन में जुट गए हैं. यह क्षेत्र अब मशरूम खेती के लिए जाना जाने लगा है. यह पहल क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है.

आर्थिक सशक्तिकरण की ओर कदम मशरूम खेती ने न केवल किसानों की आय में वृद्धि की है, बल्कि यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रहा है. कम लागत, न्यूनतम जोखिम और उच्च लाभ ने इसे किसानों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बना दिया है. श्री मेहता की मेहनत और इस नई दिशा ने साबित कर दिया है कि सही दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प से कृषि को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है.

कहते हैं पदाधिकारी

प्रखंड उद्यान पदाधिकारी मिथिलेश कुमार क्रांति ने बताया कि मशरूम पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किसानों को पहले प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद सब्सिडी पर मशरूम कीट उपलब्ध कराई जाती है. किसानों को इस प्रक्रिया के माध्यम से उन्नत खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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