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सारण में बाेरिंग दे रही धोखा, कई इलाकों में पानी की किल्लत

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जिले का तापमान लगातार बढ़ रहा है. सुबह सात बजे से ही कड़ी धूप निकल जा रही है. गर्मी बढ़ते ही कई इलाकों में जल स्तर भी प्रभावित हुआ है. ऐसे में पेयजल की किल्लत शुरू हो गयी है. गर्मी लगातार बढ़ रही है. पुराने कुओं की उड़ाही नहीं होने तथा तालाबों की साफ-सफाई में अनियमितता के कारण कई इलाकों में पानी का लेयर काफी नीचे चला गया है.

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सारण जिले का तापमान लगातार बढ़ रहा है. गर्मी बढ़ते ही कई इलाकों में जल स्तर भी प्रभावित हुआ है. ऐसे में पेयजल की किल्लत शुरू हो गयी है. गर्मी लगातार बढ़ रही है. पुराने कुओं की उड़ाही नहीं होने तथा तालाबों की साफ-सफाई में अनियमितता के कारण पानी का लेयर काफी नीचे चला गया है. शहर के सलेमपुर, दहियावां, तेलपा, गुदरी, भगवान बाजार आदि इलाकों में कई ऐसे पुराने कुएं हैं, जिनका पिछले एक दशक से मेंटेनेंस नहीं किया गया. वहीं कुछ प्रमुख तालाब भी अब बदहाली के कगार पर हैं. जलस्रोतों की उड़ाही नहीं होने से बरसात के समय इसमें जलसंचय भी नहीं हो पाता है. यही कारण है कि शहर का जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. जल स्तर के कम होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा पीएचइडी को शहर व गांव के सभी खराब पड़े चापाकलों को मेंटेन करने का निर्देश दिया गया. शहरी इलाके में कुछ जगहों पर खराब पड़े चापाकलों को ठीक भी किया गया, लेकिन दो-चार दिन बाद ही वो सूख गये. इसमें से पानी लेने के लिए पहले लोगों को ऊपर से चार-पांच बाल्टी पानी डालना पड़ता है. लोगों का कहना है कि जल स्तर कम होने के कारण बार-बार पानी नीचे चला जा रहा है. अप्रैल महीने में ही कई इलाकों में पानी की किल्लत शुरू हो गयी है. लोग अब पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं. बीते एक दशक में शहर में तेजी से घरों तक पानी सप्लाइ करने वाले एजेंसियों की संख्या बढ़ी है. 30 से 40 रुपये प्रति जार खर्च कर लोग एक दिन का पानी पीने के लिए मंगा रहे हैं. शहर के लगभग सभी कार्यालयों में भी इन्हीं एजेंसी द्वारा पानी सप्लाइ की जा रही है. अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब 15 से 20 लाख का पेयजल इन एजेंसियों द्वारा सप्लाइ की जा रही है. रिहायशी मुहल्ले तथा बाजारों में पेयजल की किल्लत न हो इसके लिए नगर निगम ने भी तैयारी शुरू कर दी हैं. शहर में कुल 20 जगहों को चिह्नित कर वहां प्याऊ का स्टॉल बनाये जा रहे हैं. अब तक 12 जगहों पर प्याऊ बना दिये गये हैं. वहीं कई जगहों पर जहां नल जल से सप्लाइ होती है, वहां नल का खराब हो गया था, जिसे बदला जा रहा है. नगर निगम में जलापूर्ति की समस्या से जुड़े प्रतिदिन 20 से 25 आवेदन आ रहे हैं. जिसका अविलंब निबटारा करने के लिए एक टीम भी बनायी गयी है. सभी सिटी मैनेजर को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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