26.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 05:20 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

केलांचल कहे जाने वाले पूर्णिया के बाजार से गुम हुआ लोकल केला

Advertisement

इस बार चढाये जायेंगे बंगाल के केले

Audio Book

ऑडियो सुनें

छठी मैया को प्रसाद के रूप में इस बार चढाये जायेंगे बंगाल के केले

पूर्णिया. लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारियां अब तेज हो गईं हैं. खुश्कीबाग फल मंडी के साथ शहर के चौक-चौराहों पर फलों का अलग बाजार सज चुका है. छठ पूजा में फलों का महत्व काफी होता है लेकिन केला का महत्व ही कुछ अलग है पर इस बार फलों के बाजार से लोकल केला गुम होकर रह गया है. यह विडंबना है कि केलांचल कहे जाने वाले जिस पूर्णिया से दूसरे प्रदेशों में केला भेजा जाता था वहां के लोग इस बार लोकल केला के मिठास का अहसास नहीं हो पाएगा. इस बार खुश्कीबाग फल मंडी में रविवार तक 15 से 20 तक ट्रक केले मंगाए गए हैं. यह अलग बात है कि कारोबारी इसमें भी अधिक मुनाफा की उम्मीद लगाए बैठे हैं. केले की मांग सबसे अधिकइस महापर्व पर फलों में सबसे अधिक मांग केला की होती है. हालांकि धार्मिक दृष्टिकोण से चिनिया केला का महत्व अधिक बताया गया है पर केलांचल के रुप में चर्चित होने के बाद पूर्णिया और इसके आस पास के इलाकों में उत्पादित केला की बिक्री सबसे अधिक हुआ करती थी. पूर्णिया में उत्पादित केला कुछ साल पहले तक दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित अनेक राज्यों में भेजा जाता था. केलांचल के नाम से मशहूर इस इलाके में लगभग जिले के पश्चिमी तथा उत्तरी भागों में केले की बड़ी मात्रा में खेती की जाती थी. जिला उद्यान कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले के धमदाहा, रुपौली, बनमनखी, कृत्यानंद नगर, श्रीनगर आदि क्षेत्रों में 1200 हेक्टेयर भूखंड पर केले की खेती होती रही है. मगर, कालांतर में अलग-अलग कारणों से केला की खेती का रकवा घटता चला गया. नतीजतन यहां अब बंगाल के केला के भरोसे पर्व त्योहार मनाया जा रहा है.

केला की खेती से किसानों ने मुंह मोड़ लिया

कभी केलांचल के नाम से विख्यात पूर्णिया जिले के किसानों ने कुछ वर्षों से या तो इसकी खेती से मुंह मोड़ लिया है या केले की खेती का रकवा कम कर दूसरी फायदेमंद खेती को स्थान दे दी है. काझा गणेशपुर के किसान राजू झा ने बताया कि विगत दो वर्षों से उन्होंने केले की खेती बंद कर दी है और उसकी जगह अन्य फसलों की खेती कर रहे हैं. धमदाहा के फल उत्पादक किसान अंजनी चौधरी ने इलाके में केले की सामान्य तौर पर खेती के अलावा अन्य फलों की ओर किसानों का झुकाव बताया. हालांकि विभाग का कहना है कि अब धीरे धीरे केले की खेती के प्रति किसानों की रुझान बढ़ रही है.

पनामाविल्ट ने प्रभावित की खेती

केले के कैंसर के रूप में विख्यात पनामाविल्ट रोग ने केला उत्पादक किसानों को काफी क्षति पहुंचाई. एकड़ की एकड़ जमीन पर लहलहाते केले के पौधों में इसके प्रकोप ने देखते ही देखते किसानों की मेहनत और पूंजी को समाप्त कर दिया. हालांकि इस दिशा में कई शोध वैज्ञानिकों ने किये और उपाय भी बताये गये लेकिन धीरे धीरे किसानों का उत्साह ठंडा पड़ता गया. इसके लिए टिश्यू कल्चर केले जी 9 वेराइटी को प्रमोट किया गया जो पनामाविल्ट रोग रोधी क्षमता वाला किस्म होने की वजह से किसानों द्वारा अपनाया गया. केला की यह वेराइटी बाजार तक पहुंची है पर इसकी गिनती काफी कम है.

कहते हैं अधिकारी

केलाा के उत्पादन में कमी आने की मुख्य वजह है पनामाबिल्ट नामक रोग का फैलाव. विभागीय स्तर पर इसके बचाव के लिए न केवल निरीक्षण किया गया बल्कि केला उत्पादकों को सुझाव भी दिये गये. मगर इस पर बहुत हद तक अमल नहीं हो सका जिससे किसानोंं को नुकसान होने लगा. फिर भी जी -9 वेराइटी को प्रमोट किया जा रहा है जिससे किसानों की रूणन बढ़ी है.

जय किशन कुमार, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण

———————

आंकड़ों पर एक नजर

1500 हेक्टेयर में होती रही है केले की खेती2500 से अधिक किसान जुड़े थे केला की खेती से50 ट्रक औसतन रोजाना बेचा जाता था केला14 में सात प्रखंडों में होती थी सर्वाधिक खेतीफोटो. 3 पूर्णिया 3- खुश्कीबाग फल मंडी में छठ पर्व के मौके पर सजा केला

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें