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कैंपस : जलवायु परिवर्तन के खतरे से निबटना और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना हम सबकी जिम्मेदारी

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पटना विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी और पटना लॉ कॉलेज की ओर से मंगलवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया

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पीयू और लॉ कॉलेज के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

संवाददाता, पटना

पटना विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी और पटना लॉ कॉलेज की ओर से मंगलवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय ”संकट में सद्भाव ” रखा गया है. सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश समरेंद्र प्रताप सिंह, विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति प्रो केसी सिन्हा और आइआइटी खड़गपुर के एसोसिएट प्रो डॉ उदय शंकर ने सम्मिलित रूप से किया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो (डॉ) केसी सिन्हा ने कहा कि मौजूदा दौर में जिस गति से पर्यावरण का क्षरण हो रहा है, इससे जलवायु में बदलाव होना स्वाभाविक है. उन्होंने देश की 65 प्रतिशत युवा आबादी को सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने और इसमें सहायता करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे से निबटना और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना हम सभी की जिम्मेदारी है. वहीं मुख्य वक्ता प्रो उदय शंकर ने कहा कि सरकार द्वारा केंद्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के खतरे और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. लेकिन स्थानीय निकायों की भूमिका उन नीतियों को लागू करने तक सीमित कर दी गयी है, जिन्हें वे कमी के कारण हासिल करने में विफल रहते हैं. उन्होंने कहा कि योजना शहर के स्तर पर बनायी जानी चाहिए क्योंकि ये आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं और अधिकतम ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भी योगदान करते हैं. इस प्रकार यह वास्तव में अधिकांश विशिष्ट मुद्दों से निबटने में बहुत प्रभावी होगा. वहीं मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति समरेंद्र प्रताप सिंह ने जलवायु परिवर्तन के अर्थ, इसके कारणों और उपायों पर संक्षेप में चर्चा की. सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजय कुमार सिंह ने की. मौके पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो (डॉ) वाणी भूषण, डॉ योगेंद्र कुमार वर्मा, प्रो मो शरीफ, डॉ वीरेंद्र पासवान समेत अन्य शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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