कार्यक्रम. एसएलबीसी की 88वीं- 89वीं संयुक्त बैठक का आयोजन
राज्य में बैंकों का एनपीए 11.5 % से घटकर 7.54 % हुआ
संवाददाता,पटना
उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने लोगों को जरूरत के मुताबिक बैंकों द्वारा लोन नहीं दिये जाने पर चिंता जतायी और बैंकों को फटकार लगायी. बैंकों में सिंगल विंडो के माध्यम से ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.आवेदन मिलने की तिथि के बाद ऋण भुगतान की समय- सीमा भी निर्धारित करने को कहा.बैंकों को ऋण देने की प्रक्रिया को और सुलभ बनाने का निर्देश दिया.श्री चौधरी शुक्रवार को स्थानीय होटल में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 88वीं एवं 89वीं (संयुक्त) बैठक को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने बैंकों को राज्य का साख-जमा (सीडी)औसत बढ़ाने के लिए कहा.उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार के बैंकों में जमा राशि की तुलना में ऋण उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने बड़े बैंकों से आग्रह किया कि वे सीडी औसत बढ़ाने में अपना अधिक योगदान दें.श्री चौधरी ने कहा कि राज्य में बैंकों का एनपीए 11.5 फीसदी से घटकर 7.54 फीसदी हो गया है.यह अच्छा संकेत है.बिहार काउ बेल्ट’ वाले राज्य में होने के बाद दूध उत्पादन में गुजरात से पीछे रहने पर उन्होंने नाराजगी जतायी.
कृषि क्षेत्र को जरूरत के हिसाब से ऋण मिले
एसएलबीसी की बैठक में कृषि मंत्री मंगल पांडेय के तेवर तल्ख दिखे.उन्होंने कहा कि जिस तरह से बैंक द्वारा कृषि क्षेत्र को नेगलेक्ट दिया जा रहा है वह कतई उचित नहीं है.बिहार का विकास, कृषि क्षेत्र के विकास के बिना संभव नहीं है, लेकिन कृषि सेक्टर में लोन देने में बैंक कोताही बरत रहा है.वर्ष 2023 के किसान क्रेडिट कार्ड के लक्ष्य की तुलना में बैंकों ने महज 27 फीसदी केसीसी बांटे.
स्वरोजगार के लिए कर्ज देने में बैंकों ने की कोताही
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने स्वरोजगार के लिए 4561 आवेदनों में मात्र 1417 आवेदनों को ही बैंकों द्वारा मंजूरी देकर ऋण उपलब्ध कराने पर नाराजगी जतायी और शेष 2862 प्रशिक्षित आवेदकों को भी ऋण देने का जाने को कहा. पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु कुमारी ने कहा कि बिहार मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है. यदि बैंक सहयोग करे बिहार बड़ा निर्यातक हो सकता है.
फुटपाथी वेंडरों को ऋण उपलब्ध कराएं बैंक
नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने फुटपाथी वेंडरों को ऋण उपलब्ध कराने और शहरी क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक मदद देने के लिए कहा.बैठक में विभिन्न विभागों के मंत्री के अतिरिक्त विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक ओम दीक्षित और नाबार्ड के सीजीएम डॉ सुनील कुमार आदि ने भी अपनी बातें रखीं.
दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार का सीडी औसत 58.71% ही क्यों : विकास आयुक्त
संवाददाता, पटना
एसएलबीसी की बैठक को संबोधित करते हुए विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने साख-जमा औसत को लेकर बैंकों से कहा कि दक्षिण और पश्चिम के राज्यों का सीडी औसत 100% से अधिक तो बिहार का 58.71% ही क्यों? उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश का सीडी अनुपात 157%, तेलंगना का 126%,तमिलनाडु का 144% और महाराष्ट्र का 101% है, पर बिहार का अभी राष्ट्रीय औसत 86% की तुलना में भी महज 58.71% ही क्यों है, जबकि राज्य की गैर निष्पादित संपत्तियां में भी लगातार कमी आ रही है. विकास आयुक्त ने कहा कि मार्च 2023 में बिहार का एनपीए 9.28% था, जो मार्च 2024 में कम होकर 7.46% रह गया है.बैंकों को बिहार के विकास के लिए आगे आना होगा.
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