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फुटाब और फुस्टाब की संयुक्त संघर्ष समिति का प्रदर्शन 31 अगस्त को

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बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुटाब) और बिहार राज्य विश्वविद्यालय (सेवा) शिक्षक महासंघ (फुस्टाब) की संयुक्त संघर्ष समिति ने शिक्षा विभाग की नौकरशाहों की तरफ से उच्च शिक्षा और उससे जुड़े सेवारत और सेवानिवृत्त शिक्षकों के प्रति लिये जा रहे मनमाने फैसलों की तीखी आलोचना की है.

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संवाददाता, पटना

बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुटाब) और बिहार राज्य विश्वविद्यालय (सेवा) शिक्षक महासंघ (फुस्टाब) की संयुक्त संघर्ष समिति ने शिक्षा विभाग की नौकरशाहों की तरफ से उच्च शिक्षा और उससे जुड़े सेवारत और सेवानिवृत्त शिक्षकों के प्रति लिये जा रहे मनमाने फैसलों की तीखी आलोचना की है. संयुक्त संघर्ष समिति ने राज्य के विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों के शिक्षकों का आह्वान किया है कि आगामी 31 अगस्त को प्रत्येक विश्वविद्यालय और महाविद्यालय इकाइयों में शिक्षक धरना-प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान प्राचार्य, कुलपति, शिक्षामंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेंगे. पांच सितंबर (शिक्षक दिवस) के दिन प्रतिरोधस्वरुप काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे और सम्मान समारोह आदि में भाग लेंगे. फुटाब के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो केबी सिन्हा, महासचिव व विधान पार्षद प्रो संजय कुमार सिंह, फुस्टाब के अध्यक्ष प्रोरामजतन सिन्हा एवं महासचिव प्रो.दिलीप चौधरी ने कहा है कि पिछले एसीएस के कार्यकाल में शिक्षकों/कर्मियों पर की गयी कार्रवाई को शिक्षा विभाग ने वापस लिया है. इसका हम स्वागत करते हैं. हालांकि, संघ-संगठन के अधिकार एवं विश्वविद्यालयों की विहित अकादमिक स्वायत्तता को चुनौती देने वाला पत्र अभी तक वापस नहीं लिया गया है. संयुक्त रूप से कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए वेतन-पेंशन के लिए नया पोर्टल बनाकर विश्वविद्यालयों को मुट्ठी में करने के प्रयास , उपयोगिता प्रमाणपत्र के बहाने वेतन-पेंशन को रोकना, जिलास्तरीय पदाधिकारियों से जांच और निरीक्षण कराने जैसे फैसले पूरी तरह अस्वीकार्य हैं. अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ ने भी फुटाब-फुस्टाब द्वारा लिये गये फैसलों का पुरजोर समर्थन किया है. एआइफुक्टो के महासचिव डॉअरुण कुमार ने कहा है कि बिहार के शिक्षक अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे.

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