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कहीं संप की क्षमता कम, तो कही आउटलेट नाला नहीं संभाल पा रहा फ्लश आउट किये गये पानी का दबाव

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बीते शनिवार की रात में हुई मूसलधार बारिश के बाद शहर के कई हिस्सों में भीषण जलजमाव हो गया.

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संवाददाता, पटना

बीते शनिवार की रात में हुई मूसलधार बारिश के बाद शहर के कई हिस्सों में भीषण जलजमाव हो गया. कुछ हिस्सों से तो पानी बारिश समाप्त होने के दो-चार घंटे में निकल गया, लेकिन कई ऐसे क्षेत्र भी रहे, जहां का पानी निकलने में 24, 36 और कहीं-कहीं 48 घंटे तक लग गये. पाटलिपुत्रा कॉलोनी के कुछ लिंक रोड में तो लगभग 72 घंटे बाद मंगलवार की देर रात तक भी पानी दिखा. प्रभात खबर की टीम ने जब इसकी पड़ताल की, तो मालूम हुआ कि ऐसी जगहों पर या तो संप हाउस में लगे पंपाें की क्षमता जरूरत से कम थी या सभी पंपाें को एक साथ चलाया नहीं जा सका, क्योंकि आउटलेट नाला इतना चौड़ा नहीं था कि कई पंपों को एक साथ चलाने से खींचे जा रहे जल की भारी मात्रा को उससे फ्लश आउट किया जा सके. यही वजह रही कि पूरी तरह जलनिकासी में 24 से 72 घंटे तक लग गये.

पाटलिपुत्रा में जलनिकासी के लिए 581 एचपी के पंप की जरूरत, लगे केवल 143 एचपी के : पाटलिपुत्रा क्षेत्र से जल्द जलनिकासी नही होने और पूरे क्षेत्र में दो-तीन दिनों तक भीषण जलजमाव की वजह इस क्षेत्र की जलनिकासी के लिए गोसाई टोला में बने अस्थायी संप हाउस में लगे पंपों की क्षमता जरूरत से कम होना रहा. गोसाई टोला संप हाउस में इस क्षेत्र की जलनिकासी के लिए चार पंप लगे हैं. इनमें से दो पंप 40-40 एचपी के, जबकि एक-एक 38 एचपी और 25 एची के हैं. भीषण जलजमाव होने के बाद यहां 183 एचपी का एक पंप लगाया जा चुका है और 105 एचपी का एक पंप यहां और लगाया जाने वाला है. इस प्रकार यहां के पंपों की क्षमता बढ़ा कर 143 एचपी से 288 एचपी की गयी है. इतनी क्षमता के बावजूद जब जलनिकासी तेजी से नहीं हो पा रही थी, तो पाटलिपुत्राा थाने के पास भी एक अस्थायी डीपीएस बना कर वहां 105 -105 एचपी के दो पंप लगाये गये, जबकि 83 एचपी का एक पंप और लगाया जाना है. इस प्रकार पाटलिपुत्र क्षेत्र में कुल 581 एचपी के पंप की जरूरत है. इसको यदि पहले लगा कर रखा जाता, तो जलनिकासी में वैसी समस्या नहीं झेलनी पड़ती.

सैदपुर संप हाउस में नौ पंप लगे हैँ. इनमें 270 एचपी के तीन, 315 एचपी के दो और 375 एचपी, 240 एचपी और 125 एचपी के एक-एक पंप लगे हैं. इन सभी को एक साथ चलाने पर बहुत ही तेजी से इस क्षेत्र के जल को खींचा जा सकता है, लेकिन भारी बारिश के बाद ऐसा अधिक देर तक नहीं किया जा सका, क्योंकि सैदपुर नहर जो पहले से ही भरा था, सैदपुर संप हाउस से निकले भारी मात्रा में तेज धार वाले पानी का दबाव नहीं झेल सका.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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