दिव्यांग आश्रितों के लिए खुशखबरी है.अब उन्हें शादी के बाद भी माता-पिता को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशन राशि का लाभ मिलता रहेगा.
संवाददाता,पटना
दिव्यांग आश्रितों के लिए खुशखबरी है.अब उन्हें शादी के बाद भी माता-पिता को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशन राशि का लाभ मिलता रहेगा. इतना ही नहीं यदि उनके माता-पिता दोनों सरकारी सेवा में हो और उन्हें पेंशन मिली रही हो तो दिव्यांग अश्रितों को दोनों की पेेंशन मिलती रहेगी.सरकार ने इसके लिए फैमिली पेंशन के नियमों में कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया है.दिव्यांगों की हितों को देखते हुए यह प्रस्ताव वित्त विभाग ने तैयार किया है.जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट के अनुमोदन के लिए भेजा जायेगा.वर्तमान में दिव्यांग बच्चे या भाई-बहन तब तक फैमली पेंशन के पात्र होते हैं, जब तक उनकी शादी न हो जाये. शादी के बाद पेंशन रोक दी जाती है. दरअसल,सरकार का उद्देश्य है कि दिव्यांग आश्रितों को शादी के बाद भी पेंशन मिलेगी तो उनकी शादी की संभावना बढ़ जायेेगी.
फैमिली पेंशन का क्या है नियम
जब कोई सरकारी कर्मचारी सेवा के दौरान या सेवानिवृत्ति के बाद मर जाता है, तो परिवार को फैमली पेंशन देय होती है.इसमें परिवार पेंशन के उद्देश्य के लिए परिवार का मतलब को भी परिभाषित किया गया है. जिसमें पत्नी-पति,25 वर्ष के उम्र तक के अविवाहित बेटें और बेटियां,दिव्यांग आश्रित,विधवा या तलाकशुदा बेटी जिसे छोड़ देता है वह भी माता-पिता के परिवार पेंशन की सामान्य दर के हकदार हैं.विधवा और विधुर के मामले को छोड़कर, परिवार पेंशन का अनुदान रुपये की आय मानदंडों की शर्त के अधीन है.मृतक कर्मचारी द्वारा प्राप्त अंतिम वेतन का 30% या पेंशनर को मिल रही फैमिली पेंशन का 30 परसेंट और उस पर मंहगाई राहत का कुल योग दिया जायेगा.
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