17.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 11:24 pm
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

18 से दाखिल- खारिज के कार्य से अपने को अलग रखेंगे सीओ

Advertisement

बोधगया और नवादा के अकबरपुर के सीओ अविनाश कुमार एवं सुमित कुमार के निलंबन के विरोध में अंचलाधिकारियों का संघ उतर आया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बोधगया और अकबरपुर के सीओ के निलंबन से अंचलाधिकारियों का संघ खफाकाली पट्टी बांध प्रत्येक दिन दो मिनट का माैन से आरंभ करेंगे काम संवाददाता,पटना बोधगया और नवादा के अकबरपुर के सीओ अविनाश कुमार एवं सुमित कुमार के निलंबन के विरोध में अंचलाधिकारियों का संघ उतर आया है. संघ ने राजस्व एवं भूमि सुधर विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर तत्काल दोनों सीओ के निलंबन वापस लेने की मांग की है. निलंबन वापसी होने तक सभी सीओ शुक्रवार से काली पट्टी बांध कर काम करेंगे और कार्यालय में आने से पहले दो मिनट का मौन व्रत धारण करेंगे. संघ ने कहा है कि निलंबन वापसी नहीं होने पर 18 जुलाई से राज्य के सभी सीओ दाखिल खारिज के कार्य से अपने को अलग कर लेंगे. संघ ने कहा कि दाखिल खरिज के लिए आवेदकों की ओर से दवाब बनाया जाता है. जबकि सभी अंचलों में भू माफिया सक्रिय हैं और सभी सीओ उनके निशाने पर हैं. सरकार की ओर से सीओ की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. सभी सीओ अपने सीमित संसाधनों केदम पर दाखिल खारिज के अलावा राजस्व्, निविदा, आपदा, विधि व्यवस्था, खनन पर रोक आदि जैसे कार्य कर रहे हैं. ऐसे में सीओ को निलंबित किये जाने से संघ के सदस्य अपमानित महसूस कर रहे हैं.सघ ने कहा कि कुछ अंचलों में न तो खतियान उपलब्ध है और न हीं महत्वपूर्ण दस्तावेज, जिससे कि सरकारी, सीलिंग और भूदान की जमीन चिन्हित किया जा सके. कुछ अंचलों में जमाबंदी केडेस्ट्रल सर्वे, रिविजनल सर्वे एवं चकबंदी के आधार पर किया जाता है. जमीन पर दखल सर्वे के आधार पर तथा जमीन की बिक्री चकबंदी खेसरे के आधार पर होती है.इस वैधानिक भूल भूलैया , अधूरे राजस्व अभिलेख और चौतरफा दवाब के बाद जब कोई सीओ दाखिल खारिज का निर्णय लेता है तो उसपर कार्रवाई कर दंडित किया जाता है. संघ ने कहा कि प्रावधानों में सीओ को जज के अधिकार दिये गये हैं. लेकिन, आज तक ऐसा कोई उदाहरण भी नहीं मिला.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें