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बिहार सबसे कम मृत्यु के मेडिकल सर्टिफिकेशन करनेवाला राज्य

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बिहार के नागरिकों की मृत्यु हादसों , बीमारियों व अन्य कारणों से होती है. अस्पतालों में मरनेवाले मरीजों की मृत्यु का कारण कहीं दवाओं का रिएक्शन तो नहीं है.

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राज्य में सिर्फ 3.4 प्रतिशत मौत की ही मौत के कारणों का चिकित्सीय प्रमाणपत्र उपलब्ध संवादादाता,पटना बिहार के नागरिकों की मृत्यु हादसों , बीमारियों व अन्य कारणों से होती है. अस्पतालों में मरनेवाले मरीजों की मृत्यु का कारण कहीं दवाओं का रिएक्शन तो नहीं है. इस प्रकार के पुख्ता आंकड़े तैयार करने में राज्य देश के सबसे निचले पायदान पर खड़ा है. जिन लोगों की मौत होती है, उसमें 96 प्रतिशत लोगों की मृत्यु के कारणों की जानकारी ही उपलब्ध नहीं है. मौत के कारणों का प्रमाणपत्र नहीं रहने से यह समस्या आ रही है. मृत्यु के कारणों का पता चलने पर सरकारी की प्राथमिकता भी निर्धारित हो जायेगी, जिससे इसके लिए योजना तैयार किया जा सके. प्रावधान के अनुसार मृत्यु के बाद उसके मृत्यु के कारणों का चिकित्सीय प्रमाणपत्र तैयार होना चाहिए. इस मामले में बिहार 34वें नंबर पर खड़ा है.अब राज्य में मृत्यु के कारणों का चिकित्सीय प्रमाणपत्र के आंकड़े तैयार करने को लेकर प्रशिक्षण की तैयारी की जा रही है. भारत सरकार द्वारा मृत्यु के कारण के चिकित्सा प्रमाणीकरण (एमसीसीडी) पर रिपोर्ट -2020 जारी की गयी है. इसमें बताया गया है कि बिहार में 692 अस्पतालों को मृत्यु के कारणों का चिकित्सा प्रमाणीकरण करना है, पर अभी तक इसकी प्रगति संतोषजनक नहीं है. अभी तक मृत्यु के जो बड़े कारण हैं उसमें हर्ट अटैक, श्वास के कारण निमोनिया, दमा, सेप्टिसिमिया, टीबी, मधुमेह, इंज्यूरी और दवा के कारण फैलनेवाले जहर (साइड इफैक्ट) बड़े कारणों में शामिल हैं. मृत्यु के चिकित्सा प्रमाणीकरण नहीं होने से मौत की वास्तविक आंकड़े नहीं हैं. वर्ष 2018 के आंकड़ों के अनुसार बिहार में कुल मृत्यु का निबंधन 213989 किया गया था ,जिसमें एमसीसीडी सिर्फ 29112 यानी 13.6 प्रतिशत का दर्ज किया गया. वर्ष 2019 में कुल मौत का रजिस्ट्रेशन 359349 हुआ, जिसमें एमसीसीडी 18233 यानी पांच प्रतिशत दर्ज किया गया. इसी प्रकार से वर्ष 2020 में मृत्यु का कुल निबंधन 425047 हुआ था जिसमें एमसीसीडी 14591 यानी 3.4 प्रतिशत किया गया. अब राज्य सरकार सभी मृत्यु के कारणों को दर्ज करने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित 692 अस्पतालों में तैयारी कर रही है. मृत्यु के कारण के चिकित्सा प्रमाणीकरण (एमसीसीडी) वर्षवार वर्ष — प्रतिशत 2011- 4.8 2012 – 3.0 2013- 11.3 2014 -10.6 2015- 6.6 2016- 6.2 2017- 6.8 2018- 13.6 2019- 5.1 2020- 3.4

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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