19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 09:57 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

नेपाली नगर के थानेदारों व आवास बोर्ड पर कार्रवाई नहीं होने से पटना हाईकोर्ट नाराज, कहा- छोड़ेंगे नहीं

Advertisement

नेपाली नगर में मकानों को तोड़ने को लेकर दायर दो रिट याचिकाओं पर पटना हाइकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की. इस दौरान न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने जब महाधिवक्ता से पूछा कि राजीवनगर थाने में पिछले 25 वर्षों से पदस्थापित थानेदारों को क्या नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब तलब किया गया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना. नेपाली नगर में मकानों को तोड़ने को लेकर दायर दो रिट याचिकाओं पर पटना हाइकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की. इस दौरान न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने जब महाधिवक्ता से पूछा कि राजीवनगर थाने में पिछले 25 वर्षों से पदस्थापित थानेदारों को क्या नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब तलब किया गया. इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि कार्रवाई जारी है. कोर्ट ने महाधिवक्ता को कहा कि नेपाली नगर में जो भी अवैध निर्माण हुआ है, उसमें राजीव नगर थाने में पदस्थापित थानेदार और आवास बोर्ड के कर्मचारियों व अधिकारियों के हाथ हैं. इन लोगों ने नाजायज पैसा लेकर यहां गैरकानूनी तरीके से निर्माण होने दिया.

यह मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं

कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सरकार ऐसे गलत कार्य करने वाले पर कार्रवाई नहीं करती है, तो कोर्ट उन्हें नहीं छोड़ेगा. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि यह मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं, क्योंकि याचिकाकर्ता का कोई भी कानूनी अधिकार इस जमीन पर नहीं है. जिला प्रशासन ने जो भी कार्रवाई की गयी है, वह कानून और एक्ट के अनुसार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में की गयी है. इस पर अगली सुनवाई अब चार अगस्त को होग

मकान बनानेवाले जानते हैं कि जमीन बोर्ड की है

इससे पहले महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि जो भी रिट याचिका दायर की गयी है, उसमें किसी ने भी यह नहीं लिखा है कि जिस जमीन पर उनका या अन्य का मकान बना है या था, उसकी चौहद्दी, खाता, प्लाॅट और रकबा क्या है. यह जमीन इन लोगों ने कब और किससे खरीदी और उस पर कब और किसकी अनुमति के बाद अपना मकान बनाया, यह अंकित नहीं है. जबकि उन्हें यह पूरी तरह मालूम है कि यह जमीन आवास बोर्ड की है. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कानून के तहत की गयी है. इसके लिए अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया गया था. सुनवाई की गयी. समाचार पत्रों में इसे प्रकाशित कराया गया. याचिकाकर्ता का यह आरोप गलत है कि बिना नोटिस के यह कार्रवाई की गयी.

आवास बोर्ड के वकील ने कहा- कार्रवाई 2010 के कानून के तहत

आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि आवास बोर्ड ने जो भी कार्रवाई की है, वह सही है. बोर्ड ने वर्ष 2010 के कानून के तहत यह कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि 400 एकड़ जमीन को खाली रखना है. इस पर किसी भी तरह के अवैध निर्माण को खाली कराना बोर्ड की जिम्मेदारी है और इसे देखना राज्य सरकार को है.

राजीव नगर के 600 एकड़ में मकान बन गये

राज्य सरकार और संबंधित डीएम को लगा कि आवास बोर्ड की जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा है, तो उसे खाली कराने का काम संबंधित डीएम का है. वह स्वयं इसके लिए सक्षम हैं. उन्हें किसी के आदेश या निर्देश की आवश्यकता नहीं है. शाही ने कहा कि राजीव नगर के 600 एकड़ में क्षेत्र में जो मकान बन गये हैं, उन्हें सेटल करने की कार्रवाई हो रही है, लेकिन किसी भी नये निर्माण पर वहां भी रोक लगा दी गयी है. इस मामले में अब राज्य सरकार और आवास बोर्ड की दलील का जवाब याचिकाकर्ता को चार अगस्त को देना है.

2007 से लेकर अब तक के ये रहे हैं थानाध्यक्ष

रवींद्र प्रसाद यादव (करीब एक साल), अशोक कुमार पांडेय (दो साल), अभय कुमार (छह माह), निहार भूषण (दो माह), रंजीत कुमार सिंह (करीब तीन माह), गोविंद देव उपाध्याय (करीब आठ माह), रंजीत कुमार (तीन माह), अतनु दत्ता (करीब पांच माह), धीरेंद्र पांडेय (करीब दो माह), राजीव कुमार (एक साल पांच माह), शंभू यादव (तीन माह), सिंधु शेखर सिंह (करीब पांच माह), देवेंद्र कुमार (करीब पांच माह), रमाकांत तिवारी (11 माह), मृत्युंजय कुमार (दस माह), रोहन कुमार (एक साल तीन माह), मधुसुदन कुमार (करीब छह माह), निशांत कुमार (करीब आठ माह), सरोज कुमार (करीब डेढ़ साल) और वर्तमान में नीरज कुमार (चार माह से).

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें