15.1 C
Ranchi
Saturday, February 15, 2025 | 09:28 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार में ठंढ़ बढ़ने के साथ बढ़ने लगी हार्ट अटैक पीड़ित मरीजों की तादाद, जानें चिकित्सकों की राय

Advertisement

Bihar news: हर्ट रोग की पहचान है कि रोगी के छाती में दर्द के साथ जलन, गैस की तरह लगना, चक्कर व पसीना आना. धड़कन तेज हो जाना . शरीर में कंपन होना है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भागलपुर: सामान्य तौर पर हृदय मेंं अगर दर्द होता है, तो लोग इसे गैस समझ लेते हैं. किसी भी मेडिकल स्टोर में जाकर गैस की दवा खा लेते है. तत्काल तो उन्हें राहत मिल जाती है, लेकिन यह गैस नहीं होकर हृदय रोग के रूप में सामने आती है. दरअसल लोग हृदय रोग के प्रति जागरूक नहीं हैं. परिणाम जब तक ऐसे रोगी डॉक्टर के पास जाते हैं, तब तक देर हो चुकी होती है. हर्ट रोग को लेकर किस तरह की परेशानी आती है. प्रभात खबर ने शहर ही नहीं विदेशों में अपनी पहचान बना चुके केके नर्सिंग होम के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष सिन्हा से बातचीत की. पेश से वार्ता के महत्वपूर्ण अंश…

सवाल – हृदय रोग की पहचान कैसे करें

जबाव – डॉ. आशीष सिन्हा कहते हैं कि सामान्य तौर पर लोग हर्ट की परेशानी को गैस से जोड़ देते हैं. हर्ट रोग की पहचान है कि रोगी के छाती में दर्द के साथ जलन, गैस की तरह लगना, चक्कर व पसीना आना. धड़कन तेज हो जाना . शरीर में कंपन होना. वहीं महिलाओं में इस लक्षण के साथ साथ पेट में दर्द बार-बार होना. पोस्ट मॉनोपाॅज महिलाओं में यह परेशानी ज्यादा आ सकती है .

सवाल – किस तरह का होता है रोग

जवाब – डॉ सिन्हा कहते है हर्ट रोग के कई प्रकार हैं. इसमें हर्ट के खून की नली में ब्लॉकेज, मसल में कमजोरी, हर्ट के वल्ब में खराबी, बिजली का करंट में कमी और हर्ट के छिल्ली में बीमारी इसमें पानी जमा हो जाना है. इसमें खून की नली में ब्लॉकेज होता है, तो चलने में परेशानी होती है. थकान होता है तो छाती में दर्द होती है. हर्ट के वल्ब में परेशानी होने पर हर्ट में आवाज आने लगता है . कान की आवाज हर्ट में सुनाई देने का एहसास होता है. हर्ट में करंट कम होने से तेज आवाज सुनने पर दिल की धड़कन बढ़ जाती है.

सवाल – क्या हर लक्षण और रोग का एक ही इलाज है

जवाब – सभी लक्षण में एक ही रोग हो, यह संभव नहीं है. इसलिए मरीज का इलाज लक्षण के जांच के आधार पर की जाती है. सामान्य तौर पर दिल का वल्ब खराब होता है, तो इसका अलग इलाज है. करंट की वजह से परेशानी है, तो इसका सामान्य इलाज है. यानी जांच के बाद हर्ट में जो परेशानी होती है, उस आधार पर इलाज की जाती है .

सवाल – एंजाइना क्या हर्ट रोग होने से पहले का संकेत है

जबाव – डॉ आशीष कहते है कि एंजाइना हर्ट रोग होने से पहले का लक्षण है. सही समय पर अगर एंजाइना को पहचान कर इसका इलाज करा लिया जाता है, तो हर्ट रोग होने की संभावना बेहद कम हो जाती है. इसके शिकार रोगी को चलने में हर्ट में दर्द, सीने में भारीपन, गैस समेत अन्य परेशानी होती है. इस रोग को नजरअंदाज करने पर हर्ट में ब्लॉकेज हो जाता है. सभी नली बंद होने पर मरीज को हर्ट अटैक हो जाता है. अटैक का शिकार हुए तीस प्रतिशत मरीज को ही बचाया जा सकता है .

सवाल – हर्ट अटैक होने पर क्या करें

जबाव – हर्ट अटैक होने पर बिना समय गवाएं योग्य चिकित्सक के पास मरीज को लेकर जाये. ऐसे मरीज को बचाने के लिए कई तरह का उपचार किया जाता है. अगर मरीज को तीनों नली ब्लॉकेज हो चुका है, तो बायपास सर्जरी की जाती है. इसके अलावा भी कई और इलाज है जिसे मरीज की गंभीरता को देखते हुए की जाती है .

सवाल – हर्ट का रोग नहीं हो इसके लिए क्या करे

जवाब – हर्ट रोग से बचने के लिए हमें सावधान रहना होगा. इसके अलावा बीपी को कंट्रोल में रखे. सभी उम्र वाले 140 से 80 बीपी को रखे. भ्रांति है कि बुजुर्ग का बीपी ज्यादा होता है उससे कोई नुकसान नहीं होता है . इस सोच से बचे. प्रदूषण से बचे. अगर हर्ट का पहले से परेशानी है और आप प्रदूषण की वजह से अपने लंग्स को खराब कर रहे है तो यह और भयावह हो सकता है . रोजाना दो रंग का सेव का सेवन करे. चालीस मिनट तक कसरल या मार्निग वॉक करे. मांस मछली से बचे. तनाव नहीं ले. सबसे महत्वपूर्ण अगर आप स्वस्थ है या हर्ट के रोगी आप एक्स्ट्रा वर्जिन ओली वायल का प्रयोग करे . इसे आप पंद्रह एमएल तक रोजाना ले . यह हर्ट के रोग को दूर करने में काफी मददगार है .

सवाल – क्या युवा भी हर्ट रोग का शिकार हो रहे है

जवाब – डॉ सिन्हा कहते है हैरान करने वाली बात यह है की युवा हर्ट के रोगी ज्यादा हो रहे है . तीस से चालीस उम्र के युवा हर्ट रोगी बन रहे है. वजह काम का तनाव , कार्यालय के अधिकारियों का आप पर बेवजह दबाव, सिगरेट, खैनी और ताडी . ऐसे में युवाओं को सलाह है तनाव में नहीं रहे . बेवजह परेशान होकर हर्ट के रोगी नहीं बने .

सवाल – हर्ट रोग होने पर जांच करना होता है जो महंगी होती है

जवाब – हर्ट रोग होने पर जांच सबसे जरूरी है. इस जांच से बच कर आप अपनी जिंदगी नहीं बचा सकते है. ऐसे में अगर आप आर्थिक रूप से कमजाेर है, तो जो जरूरी जांच है सबसे पहले उसे कराएं. चिकित्सक की सलाह ले की कौन सो जांच हम दो से तीन दिन के बाद भी करा सकते है, उसी आधार पर काम करे. जांच से किसी भी सूरत में भागे नहीं .

सवाल – ठंड में किस तरह के मरीज बढ़ सकते है

जवाब – डॉ सिन्हा कहते है कि ठंड के मौसम में लोग कसरत से दूर हो जाते है . बीपी नियंत्रित नहीं रहता है . ऐसे में बीपी बढ़ने से लोग हर्ट के रोगी हो ही सकते है. साथ ही लकवा के मरीज भी बन सकते है. बदलते मौसम में सतर्क रहने की जरूरत है. कसरत रोज करे . यह आप को हर्ट, लकवा, मधुमेह, बीपी और यौन कमजारी से दूर रखेंगा.

सवाल – झोलाछाप डॉक्टरों क्या हर्ट रोग में कारगर है

जबाव – डॉ सिन्हा कहते है हर्ट रोग को गैस समझ कर लोग झोलाछाप चिकित्सक के पास चले जाते है. ये गैस की दवा दे देते है. कई बार तो हमने जो दूसरे मरीज को दवा दिया है उसे भी मरीज को लिख कर दे दिया जाता है. इसका परिणाम यह होता है कि मरीज गंभीर हो जाते है. इसके बाद इनको ठीक करना बेहद मुश्किल हो जाता है. ऐसे में हम लोग मरीज को जागरूक भी करते है. इलाज कहीं भी कराएं, लेकिन बेहतर जानकार चिकित्सक के पास जाये . डॉक्टर आप को आपकी बीमारी जांच कर बता दे यह जरूरी है . ज्यादातर मामले में डॉक्टर आप को बीमारी की जानकारी सही से नहीं देते है. ये आप के हेल्थ के लिए घातक हैं. मरीज को जागरूक रहना बेहद जरूरी है .

सवाल – सिगरेट हर्ट के लिए कितना धातक है

जवाब – डॉ सिन्हा कहते हैं कि सिगरेट पीने वाले को पीछे मौत रहती है. इनको अगर हर्ट अटैक आता है, तो उसे समय नहीं मिलेगा अस्पताल जाने का. दरअसल, सिगरेट का धुआं दिल की नली की मांसपेशी को खराब कर देता है. इससे लंग्स में कैंसर हो जाता है. इसका परिणाम मौत होती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें