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मजदूरों के अधिकार व हक के लिए लड़ना एटक की जिम्मेदारी : गजनफर

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एटक मुंगेर इकाई के तत्वावधान में रविवार को शहीद स्मारक में आइटीसी मजदूरों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

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प्रतिनिधि, मुंगेर. एटक मुंगेर इकाई के तत्वावधान में रविवार को शहीद स्मारक में आइटीसी मजदूरों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें एटक के राज्य अध्यक्ष गजनफर नवाब, राज्य कोषाध्यक्ष अमरनाथ, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता गोपाल कृष्ण, सीपीआई के पूर्व जिला सचिव दिलीप सिंह ने मुख्य रूप से भाग लिया. कार्यक्रम के पहले चरण में वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे. अमरनाथ ने कहा कि कल तक आइटीसी मजदूरों में यह भ्रम था कि प्रो. अजफर शमशी नहीं हटाये जा सकते. उनके लिए यह एक उदाहरण है कि आज प्रो. शमशी की जगह सियाराम जी अध्यक्ष बन गये. इस काम को करने में एटक की एक महती भूमिका है. आगे भी जब समस्या आयेगी और मजदूर हमारे संगठन से सहयोग मांगेंगे हम उनका मदद जरूर करेंगे. गजनफर नवाब ने कहा कि औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत ही मजदूरों को सुविधा मुहैया कराई जाती है और हम सब इसी कानून के अंतर्गत अपनी सुविधा की मांग करते हैं. हर कंपनी को इस कानून को मानना मजबूरी है. जो नहीं मानता हमें इसके लिए संघर्ष करना होता है. उन्होंने कहा कि मजदूरों के हक लिए लड़ना एटक की जिम्मेदारी है. हम मजदूरों के हित के लिए सहयोग किये है, अगर वह भी मजदूरों का हित नहीं करेंगे तो हम उनके भी खिलाफ संघर्ष करेंगे. गोपाल कृष्ण ने कहा मजदूरों को अपने हक के लिए न केवल संघर्ष करना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने अधिकार और कानून की समझ भी रखनी चाहिए. हम आज एक दिवसीय कार्यशाला में इसे बताने का प्रयास कर रहे हैं. एक दिन में सभी बातें नहीं हो सकती. इसके लिए कम से कम तीन दिवसीय कार्यशाला होनी चाहिए. मौके पर दिलीप सिंह, राम गौरव सहित आइटीसी के श्रमिक मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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