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किसानों को नहीं लुभा पाया गेहूं का सरकारी दर

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7500 एमटी के विरुद्ध मात्र 27.500 एमटी हुई खरीद

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मुंगेर. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद को लेकर राज्य सरकार के दिशा निर्देश के बावजूद मुंगेर का सहकारिता विभाग गेहूं खरीद में पिछड़ गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार एमएससी पर गेहूं खरीद का अभियान लगभग फेल हो चुका है, क्योंकि मुंगेर में सहकारिता विभाग मात्र 27.500 एमटी गेहूं की खरीद कर सका है, जबकि जिले को 7500 एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया था. लक्ष्य पूरा नहीं होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि किसानों को सरकारी दर लुभा नहीं पायी. सरकारी दर से अधिक खुले बाजार में गेहूं की कीमत किसानों काे मिल रही है.

मात्र 27.500 एमटी गेहूं की खरीद हो पाया संभव:

मुंगेर सहकारिता विभाग को सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7500 एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया था. 15 मार्च से गेहूं की खरीद की शुरूआत की गयी और सरकार 15 जून तक ही गेहूं की खरीद करेगी. इस समय सीमा के खत्म होने में मात्र एक दिन शेष बचा हुआ है. विभाग के आकंड़ों पर गौर करें तो सहकारिता विभाग ने गेहूं खरीद के लिए 45 पैक्स और 2 व्यापार मंडल को अधिकृत किया है. 268 किसानों ने गेहूं सरकार के पास बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया, लेकिन इसमें 21 पैक्स के पास 31 किसानों ने ही गेहूं बेचा. इसका वजन 27.500 एमटी है. यानी लक्ष्य से कोसों दूर. विभाग की मानें तो जिन 31 किसानों ने पैक्स अथवा व्यापार मंडल के पास गेहूं बेचा, उन किसानों को 11 लाख 40 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन गेहूं खरीद में मुंगेर का पिछड़ना तय है.

सरकार दर से अधिक बाजार में मिल रही कीमत:

सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए 2275 रुपये प्रति क्विंटल दर निर्धारित किया है. जबकि खुले बाजार में वर्तमान में गेहूं 2400 से 2700 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है. इस कारण किसान सरकारी दर पर गेहूं बेचने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. किसानों का कहना है कि बाजार में जब गेहूं का अधिक मूल्य मिल रहा है, तो आखिर हमलोग क्यों सरकार के पास गेहूं बेचेंगे. इसके कारण गेहूं खरीद में मुंगेर जिला काफी पीछे रह गया है.

कहते हैं पदाधिकारी:

जिला सहकारिता पदाधिकारी धर्मनाथ प्रसाद ने बताया कि गेहूं खरीद के लिए 47 पैक्स व व्यापार मंडल को अधिकृत किया गया है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य बाजार भाव से कम रहने की वजह से किसान एमएसपी पर गेहूं नहीं बेच रहे हैं. यही वजह है कि एमएसपी पर गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है. किसान 15 जून तक अपना गेहूं बेच सकते हैं. अभी तक जिले में कुल 27.500 एमटी गेहूं की खरीद की जा सकी है. किसानों को राशि का भी भुगतान कर दिया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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