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Explainer: बदलते मौसम में बढ़ी मरीजों की संख्या, आई फ्लू के बाद डायरिया का प्रकोप, जानें क्या है बचने के उपाय

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Bihar News: बिहार में बदलते मौसम में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. आई फ्लू के बाद डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है. इस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

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Bihar News: बिहार में पिछले दो दिनों से झमाझम बारिश हो रही है. बिहार के अधिकतर स्थानों पर आज भी बारिश के आसार है. वहीं, कई दिनों से लोग बारिश के इंतजार में थे. राज्य में मानसून पर ब्रेक लगने के कारण सामान्य से कम बारिश हुई थी. फिलहाल, बारिश का यह दौर 15 अगस्त तक बने रहने की संभावना है. आइएइमडी के मुताबिक बुधवार को विशेषकर उत्तर-पश्चिम बिहार-उत्तर-मध्य बिहार, उत्तर-पूर्व बिहार, दक्षिण-पूर्व बिहार के जिलों में बारिश होगी. वहीं, दक्षिण -मध्य बिहार यानि पटना, गया आदि जिलों में कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश के आसार बने हुए हैं. बारिश से एक तरफ जहां उमस भरी गर्मी से राहत मिली है. वहीं, मौसमी बीमारी के मरीजों में इजाफा हुआ है. आई फ्लू के बाद डायरिया का प्रकोप बढ़ रहा है. मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

48 घंटे में बिहार में 343 मिलीमीटर बारिश

मौसम की बात करें तो जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे बिहार में 23 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है. राहत की बात है कि लगातार हो रही बारिश से बिहार में सूखे की आशंका लगातार कमजोर हो रही है. 48 घंटे में बिहार में 343 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 39 % कम है. दो दिन पहले तक यह आंकड़ा सामान्य से 45 % तक का था. आइएमडी की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सोमवार से मंगलवार के बीच बिहार के पूर्णिया, अररिया, कटिहार, सुपौल, समस्तीपुर, खगड़िया, मुंगेर, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, किशनगंज आदि जिलों में भारी बारिश दर्ज हुई है. उत्तरी बिहार में बुधवार को भी बारिश बारिश का अंदेशा है. इस दौरान काफी जगह पर ठनका गिरने की भी आशंका है. जानकारी के मुताबिक बिहार में मानसून की द्रोणी रेखा सुपौल से हो कर गुजर रही है.

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बदलते मौसम में खान पान में परहेज की जरूरत

बांका जिले के सीएचसी में आई फ्लू के साथ ही डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. प्रखंड क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बूंदा बूंदी से आम लोगों को जहां गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर डायरिया और दस्त की भी शिकायत शुरु हो गयी है. मंगलवार को सीएचसी शंभुगंज में ऐसे आधा दर्जन मरीज इलाज कराने पहुंचे. श्यामपुर डाका की रेखा देवी, मिर्जापुर की शकुंतला देवी, बिरनौधा के रंधीर मंडल सहित अन्य मरीजों ने बताया कि अचानक पेट दर्द के साथ लूज मोशन और दस्त होने लगा. जिससे शरीर में कमजोरी देख घबरा गये. परिजनों द्वारा सीएचसी में भर्ती कराया गया.

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बासी भोजन करने से होगी डायरिया की समस्या

सीएचसी प्रभारी डा. अजय कुमार शर्मा ने बताया कि बदलते मौसम में लोगों को खान पान में परहेज रखने की जरूरत है. बारिश होने के कारण कुएं और चापानल का जलस्तर ऊपर आया है. इस स्थिति में लोग कुआं और चापानल का बगैर उबाले पानी का प्रयोग कर लेते हैं. जिससे यह परेशानी हो रही है. इसके साथ बासी भोजन करने से भी डायरिया की समस्या उत्पन्न होती है. उन्होंने बताया कि अभी कुआं और चापानल का पानी काफी दूषित हो गया है. पानी उबाल कर पीना चाहिए. अचानक इस तरह की समस्या आने पर ओआरएस के घोल का प्रयोग करें अथवा बगैर देर किये चिकित्सक से संपर्क करें. प्रभारी ने बताया कि बरसात के दिनों में आंखों में संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है. इसके लिए हमेशा चश्मे का प्रयोग करें. यदि संक्रमण हो जाता है, तो आंखों में एंटीबायटिक ड्रॉप देने के साथ भीड़ वाले स्थानों से परहेज करें.

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साफ-सफाई का रखें ख्याल

डायरिया से बचने के लिए बासी भोजन करने से बचना चाहिए. साथ ही पानी को उबाल कर पीना चाहिए. समय रहते चिकित्सक से संपर्क करना भी बहुत जरुरी है. डायरिया से बचने के लिए शुद्ध पानी पीएं, अच्छी तरह पका हुआ खाना खाएं, ताजा पके हुए गर्म खाने का सेवन करें, कच्चे भोजन का सेवन करने से बचें, चाय, कॉफी, सोडा, चॉकलेट आदि के सेवन से बचें, बार-बार हाथ धोएं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें.

डायरिया की चपेट में आने से व्यक्ति की स्थिति गंभीर

बांका के प्रखंड के हड़हार पंचायत अंतर्गत महेशमारा गांव में मंगलवार को डायरिया की चपेट में आने से एक व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो गयी. लगातार उल्टी व दस्त की शिकायत पर शिवन दास के पुत्र श्यामसुंदर दास (40वर्ष) को गंभीर स्थिति में परिजनों ने मंगलवार की रात्रि रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया. जहां चिकित्सक डा विनोद कुमार ने उसका प्राथमिक उपचार किया. परिजनों ने बताया कि दोपहर बाद से ही उसे दस्त के बाद उल्टी भी होना शुरू हुआ. फिर उसकी स्थिति गंभीर होने लगी. रेफरल अस्पताल में मेडिकल टीम द्वारा उसका उपचार किया जा रहा है.

आई फ्लू से लोगों को बढ़ी परेशानी

इधर, कटिहार में आंख आने यानी पिंक आई या आई फ्लू बीमारी के लक्षण से जिले के मनियारी के 50 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित है. इसका संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि एक व्यक्ति की आंख ठीक नहीं होती कि पूरा परिवार इसकी चपेट में आ जाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि एक या दोनों आंखें लाल या गुलाबी रंग जैसी हो जाती है. आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलता है. पीएचसी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया की दवा काफी कम मात्रा में आई है वो भी आशा की हड़ताल के कारण बाधित है. मरीज आई ड्रॉप का सेवन करे उनके साथ ही प्रत्येक घंटे ठंडा पानी से अपनी आंख को धोते रहें. तीन से चार घंटे पर दो दो बूंद आई ड्रॉप अपनी आंख में रखे़ं दो से तीन दिनों में इस बीमारी से निजात मिल जायेगी.

राजधानी में तेजी से बढ़ रहा आई फ्लू

पटना में आई फ्लू तेजी से बढ़ रहा है. रोज शहर के आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच व राजेंद्र नगर अतिविशिष्ट नेत्रालय में 450 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं. पिछले सप्ताह यह आंकड़ा 300 के आसपास था. अचानक मरीजों के बढ़ने से डॉक्टरों की भी चिंता बढ़ गयी है. सबसे ज्यादा 150 के आसपास मरीज शहर के आइजीआइएमएस के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में आ रहे हैं. इसके बाद करीब 70 से 80 मरीज पीएमसीएच में इसके बाद राजेंद्र नगर नेत्रालय व एनएमसीएच के नेत्र रोग विभाग में आ रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार कुल मरीजों में 70 प्रतिशत मरीज बच्चे हैं.

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आई फ्लू को लेकर आइजीआइएमएस आइ बैंक के इंचार्ज डॉ निलेश मोहन ने जानकारी दी है. उनके अनुसार परिवार में किसी को भी आइ फ्लू हो जाये तो अपने आप स्टेरोयड न लें. इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें. इसके लिए आर्टिफिशियल टीयर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. डॉ निलेश ने बताया कि सबसे ज्यादा एहतियात बच्चों को बरतनी चाहिए. अक्सर पेरेंट्स बच्चों की केयर करने के लिए आया को रखते हैं. उन्होंने बताया कि बिना हाथ धोए चेहरे को न छूएं. छोटे बच्चों के पेरेंट्स भी बिना हाथ धोए उन्हें न छूएं. अपने हाथ बार-बार साफ करें, अपने चेहरे और आंखों को हाथ लगाने से बचें. साथ ही सूती कपड़े से घर पर आंखों का बर्फ से सेक सकते हैं. जो लोग इन दिनों स्वीमिंग पूल में जा रहे हैं, उन्हें कुछ दिन तक स्वीमिंग करने से परहेज करना चाहिए. स्वीमिंग करते हुए पानी सीधे आंखों में पड़ता है, जिससे इनफेक्शन होने का खतरा रहता है.

बारिश में होने वाली पांच बीमारियों का अलर्ट

मुजफ्फरपुर में बारिश में होने वाली बीमारियों को लेकर अलर्ट किया गया है. प्रधान सचिव ने सूबे के सभी सिविल सर्जन को कहा है कि बरसात में होने वाली पांच बीमारियों को लेकर दवाओं की स्टॉक रखें. इस मौसम में तापमान में बार-बार बदलाव और उमस के कारण बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती है. उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में इंफेक्शन, एलर्जी, सर्दी-जुकाम, डायरिया, फ्लू, वायरल जैसी बीमारियां पानी और हवा से होने वाली बीमारियां अधिक होती है. प्रधान सचिव के इस निर्देश के बाद जिले के सभी पीएचसी व सीएचसी से दवाओं की स्टॉक की सूची मांगी गयी है. इसके साथ ही दवाएं नहीं होने पर दवा भंडार से उठाव करने को कहा गया है. सीएस उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि बारिश में मच्छरों के पैदा होने समस्या बहुत ही आम है. ज्यादातर बीमारियों के फैलने का कारण भी मच्छर ही होते हैं. मच्छरों के काटने पर उनका स्लाइवा बॉडी के प्रोटीन से मिलकर रिएक्शन पैदा करता है, जिससे एलर्जी शुरू हो जाती है. स्किन में सूजन आ जाती है और लाल चकत्ते बन जाते हैं. उनमें खुजली भी होने लगती है. ज्यादा खुजली कई बार बड़े घाव का कारण बन जाती है.

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दूषित पानी व खाने से रोग होते है. बारिश के मौसम में गंदे पानी और खाद्य पदार्थो से भी कई रोग होते हैं. प्रदूषित व संक्रमित पानी पीने से दस्त जैसी बीमारी हो जाती है. दस्त में पेट दर्द और बुखार के साथ आंतों में सूजन आ जाती है. दस्त लगने पर छाछ में भुना हुआ जीरा डालकर सेवन करना चाहिए.

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