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बिहार के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के अनुसार मिलेगा अंक या सर्टिफिकेट, एनईपी के तहत तैयार होगा पाठ्यक्रम

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एक्जिट-एंट्री प्रोग्राम के तहत विद्यार्थी को अध्ययन के हिसाब से अंक या सर्टिफिकेट निर्धारित किये हैं. उदाहरण के लिए चार वर्षीय स्नातक डिग्री में अगर कोई विद्यार्थी एक साल में ही कोर्स छोड़ता हो, उसे सर्टिफिकेट दिया जायेगा. दो वर्ष पढ़ कर छोड़ा, तो उसे डिप्लोमा दिया जायेगा.

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पटना. बिहार के विश्वविद्यालयों के लिए च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत चार वर्षीय स्नातक स्तरीय एंट्री-एक्जिट कार्यक्रम का रोडमैप तैयार करने उच्चतर शिक्षा परिषद ने राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा है. बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद ने आग्रह किया है कि इस कार्यक्रम को प्रदेश के विश्वविद्यालयों में प्रभावी कराने बाकायदा रेगुलेशन तैयार किया जाये. नयी शिक्षा नीति के तहत बिहार में सीबीसीएस संबंधित चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम लागू नहीं है.

नयी शिक्षा नीति के तहत एंट्री-एक्जिक्ट स्नातक कार्यक्रम में यह व्यवस्था होती है कि उसे निर्धारित समय से पहले वह पाठ्यक्रम से बाहर हो सकता है. पाठ्यक्रम में बने रहने तक की समयावधि के हिसाब से विद्यार्थी को अंक या जरूरी सर्टिफिकेट दिये जाने का प्रावधान रहता है.

बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ कामेश्वर झा ने बताया कि राज्यपाल सह कुलाधिपति से आग्रह किया गया कि रेगुलेशन बनाने एक उच्चस्तरतीय कमेटी बनायी जाये. उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में यूजीसी ने अभी तक सीबीसीएस सिस्टम के लिए गाइडलाइन तो दी है, लेकिन उसे प्रभावी करने की जिम्मेदारी राज्यों को सौंप दी है.

झा के मुताबिक राज्य इस सिस्टम को प्रभावी करने के लिए प्रतिबद्ध है. एक्जिट-एंट्री प्रोग्राम के तहत विद्यार्थी को अध्ययन के हिसाब से अंक या सर्टिफिकेट निर्धारित किये हैं. उदाहरण के लिए चार वर्षीय स्नातक डिग्री में अगर कोई विद्यार्थी एक साल में ही कोर्स छोड़ता हो, उसे सर्टिफिकेट दिया जायेगा. दो वर्ष पढ़ कर छोड़ा, तो उसे डिप्लोमा दिया जायेगा. तीन साल में उसे स्नातक और चौथे साल में स्नातक के साथ रिसर्च की उपाधि दी जायेगी.

एनइपी के तहत विश्वविद्यालयों के लिए तैयार होगा केरिकुलम फ्रेम वर्क

एनइपी के तहत विश्वविद्यालयों के लिए कैरिकुलम फ्रेम वर्क तैयार करने नीति निर्धारित करने देशभर के राज्यों की बैठक हैदराबाद में हुई. इसमें बिहार का प्रतिनिधित्व बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष एवं एएन कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ गौरव सिक्का ने किया. प्रो सिक्का ने यहां बिहार का पक्ष का प्रेजेंटेशन किया. सिक्का ने बताया कि इस फ्रेम वर्क के बाद विभिन्न विषयों का सिलेबस तैयार किया जायेगा. इसमें क्रेडिट ट्रांसफर और एकेडमिक बैंक की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गयी है.

डॉ झा ने बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों की जानकारी दी. तेलंगाना में हुआ यह सम्मेलन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के विंग निपा(द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से आयोजित किया गया है.एनइपी के तहत विश्वविद्यालयों के लिए कैरिकुलम फ्रेम वर्क तैयार करने नीति निर्धारित करने देशभर के राज्यों की बैठक हैदराबाद में हुई. इसमें बिहार का प्रतिनिधित्व बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष एवं एएन कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ गौरव सिक्का ने किया.

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प्रो सिक्का ने यहां बिहार का पक्ष का प्रेजेंटेशन किया. सिक्का ने बताया कि इस फ्रेम वर्क के बाद विभिन्न विषयों का सिलेबस तैयार किया जायेगा. इसमें क्रेडिट ट्रांसफर और एकेडमिक बैंक की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गयी है. वहीं डॉ झा ने बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों की जानकारी दी. तेलंगाना में हुआ यह सम्मेलन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के विंग निपा(द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से आयोजित किया गया है.

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