27.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 04:56 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 23 जुलाई से, डीएम ने की समीक्षा बैठक

Advertisement

जिले में 23 जुलाई से 22 सितंबर तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जायेगा. साथ ही दस्त के कारण शिशु मृत्यु व इसकी रोकथाम के बारे में आमजनों को जानकारी दी जायेगी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

किशनगंज.बाल मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयासों में तेजी लाने की आवश्यकता है, जो कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का एक प्रमुख लक्ष्य है, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में 13 प्रतिशत की मौत डायरिया के कारण होती है तथा इनमें से अधिकांश मौतें ग्रीष्म और मानसून के मौसम में होती हैं. इसे देखते हुए जिले में 23 जुलाई से 22 सितंबर तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जायेगा. साथ ही दस्त के कारण शिशु मृत्यु व इसकी रोकथाम के बारे में आमजनों को जानकारी दी जायेगी.

जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला की अध्यक्षता में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा (आईडीसीएफ) कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमे स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग, शहरी विकास एवं आवास विभाग, सार्वजानिक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग , शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, के सभी अधिकारियो ने भाग लिया.| बैठक में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार ने कहा कि जिले की आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा जिले के 3.70 लाख घरों के 3.29 लाख पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के बीच में एक- एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा. वहीं पखवाड़े के दौरान कोई भी बच्चा दस्त से पीड़ित पाया जाता है तो उन बच्चों को जिंक की 14 गोली और दो ओआरएस पैकेट देने के साथ ही इसके प्रयोग को लेकर जागरूक भी किया जाएगा. हालांकि नियमित रूप से ओआरएस पैकेट और जिंक की गोली का वितरण किया जाता है. जिले में इसकी उपलब्धि 98 प्रतिशत है.

सभी विभागों के समन्वय से होगी लक्ष्य की प्राप्ति

जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला ने स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग, शहरी विकास एवं आवास विभाग, सार्वजानिक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग , शिक्षा विभाग , ग्रामीण विकास विभाग, के सभी अधिकारियों निर्देश देते हुए कहा की 31 जुलाई तक अचूक रूप से ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक कर सभी कर्मियों को इस कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित करते हुए आम लोगों को जागरूक अपने स्तर से करना सुनिश्चित क्र्रेंगे. वहीं अभियान के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्र, अतिसंवेदनशील क्षेत्र शहरी झुग्गी, झोपड़ी, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्ठे क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसे चिह्नित क्षेत्र जहां दो तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों, छोटे गांव व टोले जहां साफ सफाई व पानी की आपूर्ति एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी हो आदि को प्राथमिकता वाले क्षेत्र में रखा गया है.इस पूरे कार्यक्रम के लिए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. इनसाइट एप्प के माध्यम सभी पदाधिकारी इसका अनुश्रवन करना सुनिश्चित करेंगे |

आशा करेंगी ओआरएस का वितरण

आशा को पांच वर्ष तक के उम्र के बच्चों की सूची बनाने के लिए निर्देशित किया गया है. पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक—एक ओआरएस पैकेट का वितरण करना है.. आशा द्वारा परिवार के सदस्यों को ओआरएस के घोल बनाने एवं इसके उपयोग की विधि तथा इसके लाभ के बारे में बताना है. परिवार के सदस्यों को साफ-सफाई तथा हाथ धोने के तरीकों की जानकारी देनी है. परिवार को दस्त होने के दौरान बच्चों को जिंक का उपयोग करने की जानकारी देनी है.जिंक का प्रयोग करने से दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है. दस्त ठीक नहीं होने पर गंभीर स्थिति में बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने में परिवार की मदद करनी है. दस्त के कारण हुई मृत्यु की रिपोर्ट प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को देनी है.दस्त से ग्रसित अति गंभीर कुपोषित बच्चों को रेफर करना है. घर पर पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरीन गोली के उपयोग को बढ़ावा देना है.कार्यक्रम में शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और ग्रामीण विकास विभाग की अहम भूमिका होगी.

आमजन इन बातों का रखें ध्यान

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन जारी रखा जाना चाहिए. पीने के लिए साफ और सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें. खाना बनाने और खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोना जरूरी है. दस्त को रोकने के लिए शौचालय का उपयोग करें.खुले में शौच नहीं जायें. बच्चे के मल का सुरक्षित एवं त्वरित निपटान.स्तनपान जारी रखें, जिसमें उन बच्चों को स्तनपान कराना भी शामिल है जिन्हें स्तनपान कराया जा रहा है तथा बीमारी के दौरान और बाद में अतिरिक्त आहार दें.सुरक्षित संचालन के बाद स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें.माँ को भोजन तैयार करने से पहले, बच्चे को खिलाने से पहले तथा बच्चे का मल साफ करने के बाद अपने हाथ साबुन से धोने चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps News Snaps
News Reels News Reels Your City आप का शहर