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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एलपीजी गैस से लगी आग को बताया गया मौत का कारण

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पौआखाली नगर पंचायत के वार्ड संख्या 11 स्थित ननकार बस्ती में 30 अप्रैल की रात घटित रसोई गैस सिलिंडर लीकेज कांड में मां समेत तीन मासूम बच्चों की मृत्यु से संबंधित पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को उपलब्ध हो गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रसोई घर में उपयोग होने वाले तरल पेट्रोलियम गैस एलपीजी गैस से लगी आग को ही मौत का कारण बताया गया है.

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पौआखाली(किशनंगज)। पौआखाली नगर पंचायत के वार्ड संख्या ग्यारह स्थित ननकार बस्ती में 30 अप्रैल की रात घटित रसोई गैस सिलिंडर लीकेज कांड में मां समेत तीन मासूम बच्चों की मृत्यु से संबंधित पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को उपलब्ध हो गई है. इस संबंध में पौआखाली थाना के थानाध्यक्ष आशुतोष मिश्रा ने पूछे जाने पर बताया है कि शवों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रसोई घर में उपयोग होने वाले तरल पेट्रोलियम गैस एलपीजी गैस से लगी आग को ही मौत का कारण बताया गया है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतकों के शरीर में मौजूद रक्त में एलपीजी गैस की मुख्य सामग्री का पाया जाना तत्काल इस बात की पुष्टि करती है कि मृत्यु का कारण एलपीजी गैस यानी खाना पकाने के काम आने वाले रसोई गैस से हुई है. लेकिन इस घटना में आग कैसे लगी थी इस बात की जानकारी से परिजन सहित गांव पड़ोस अन्य लोग आज भी अनजान हैं. हालांकि इस घटना में फोरेंसिक टीम की जांच भी कराई गई है जिनका रिपोर्ट अभी आना बाकी है. उधर घटना के तीसरे दिन ही आनन- फानन में अंचल प्रशासन के द्वारा सभी मृतकों के एक ही आश्रित मो अंसार को अनुग्रह अनुदान के रूप में चार चार लाख कर कुल 16 लाख रुपए का चार अलग- अलग चेक आपदा मद से हस्तगत करा दिया गया था.

इधर घटना को घटित हुए 11 दिन गुजर जाने के बाद भी यह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ हैं कि जिस घरेलू गैस सिलिंडर से आग लगने की वजह से इतनी बड़ी दुर्घटना घटी थी वह गैस सिलिंडर, पाइप और रेगुलेटर पुलिस और अन्य जांच टीम को सुरक्षित कैसे मिला है. दूसरा यह कि पड़ोसी जोरदार धमाके की बात कर रहे हैं तो उस रात घटना के वक्त आखिर धमाके की आवाज कैसे सुनी गई, क्योंकि मामला सिलिंडर ब्लास्ट का तो था ही नहीं. इसका खुलासा आजतक नहीं हो सका है.

सूत्रों के अनुसार घटना स्थल पर पाये गए मोबाइल फोन और एक अज्ञात बाइक आखिर किसका था क्या उसे जब्त कर जांच पड़ताल की गई? इतना ही नहीं रसोई गैस सिलेंडर से दुर्घटना होने पर संबंधित एलपीजी कंपनी पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत ग्राहकों को बीमा क्लेम उपलब्ध करवाती है किंतु इस मामले में कंपनी या गैस वितरक से इसका दावा नहीो किया गया है आखिर क्यों ? लोगों के अनुसार जांच का विषय तो यह भी है कि क्या मृतक के रसोई घर में जो गैस सिलिंडर पाया गया है वो किसी गैस वितरक एजेंसी से रजिस्टर्ड है या नहीं. क्या सिलिंडर उपलब्ध कराने से पहले एजेंसी के द्वारा प्री डिलिवरी चेक किया गया था. बताया जाता है कि जिस रात को घटना घटी थी उसी दिन सुबह सिलिंडर मंगवाया गया था हालांकि गैस रिसाव के कारण ही घटना घटने की फिलहाल बात कही जा रही है तो इसकी वास्तविक सच्चाई के लिए उक्त घरेलू गैस सिलिंडर में बचे गैस को जांच पड़ताल के क्रम में मापना जरूरी क्यों नही समझा गया.

क्या है पूरा मामला

30 अप्रैल की रात ननकार बस्ती के एक मकान में जोरदार धमाके की आवाज के बाद चीख पुकार मच गयी, जहां एक ही परिवार के छह लोग आग में झुलसकर गंभीर रूप से घायल हो गए थें. आग घरेलू गैस सिलिंडर लीकेज से लगने की बात कही गई थी. इसके बाद घायलों को आप पड़ोस के लोग तुरंत ही स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती के लिए लेकर गया किंतु घायलों की गंभीर अवस्था को देखकर उन्हें सरकारी एंबुलेंस वाहन से किशनगंज रेफर कर दिया गया और वहां से बेहतर इलाज के लिए पूर्णिया. घटना के दूसरे दिन अहले सुबह छह में से चार जिनमें मां समेत तीन छोटे- छोटे मासूम बच्चों की इलाज के क्रम में मौत हो गई थी. मौत के बाद घटना को लेकर गांव परोसियों ने तरह तरह के सवाल खड़े किये जाने के बाद मामला डीएम से लेकर सीएम तक पहुंच गया. शोक संवेदना भी प्रकट किये गए और डीएम के निर्देश पर एडीएम आपदा और अन्य पदाधिकारियों की टीम घटना स्थल पहुंचकर मामले की जानकारी ली थी. उधर मृतकों के आश्रित को पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के आने से पूर्व ही अनुग्रह अनुदान की राशि 16 लाख का चेक प्रदान कर दिया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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