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5251 वर्ष बाद जन्माष्टमी पर बन रहा अद्भुत संयोग, घड़ी अत्यंत शुभकारक

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आज से 5251 वर्ष पहले यानी द्वापर युग में श्रीकृष्ण के प्रकट होने के समय जो अद्भुत संयोग बना था वहीं संयोग इस बार की जन्माष्टमी पर बन रहा है.

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कटिहार. आज से 5251 वर्ष पहले यानी द्वापर युग में श्रीकृष्ण के प्रकट होने के समय जो अद्भुत संयोग बना था वहीं संयोग इस बार की जन्माष्टमी पर बन रहा है. पंडित कौशलेन्द्र कुमार झा ने बताया कि स बार जन्माष्टमी चार शुभ संयोग को लेकर अत्यधिक शुभ माना जा रहा है. एक साथ चार संयोग के मिलान के कारण व्रत और उपासना करनेवाले भक्तों को जीवन में शांति और सफलता प्रदान करेगा. उन्होंने बताया कि इस बार विशेष संयोग के कारण इस वर्ष की जनाष्टमी अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गयी है. बताया कि भगवान श्रीकृष्णका जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. इस बार अष्टमी तिथि का संयोग बन रहा है और रात 9:12 मिनट के बाद रोहणी नक्षत्र भी शुरू हो जायेगी. इस प्रकार अर्द्धरात्रि में अष्टमी तिथि रोहणी नक्षत्र साथ ही सोमवार का दिन मिल जाने से जयंती योग का उत्तम अवसर प्राप्त होगा. रोहणी नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा हैं और चंद्रमा का संबंध मन से होता है. धामिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत और उपासना करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है. वषों बाद इस तरह का संयोग बन रहा है. इस बार विशिष्ट चार संयोग है. रोहणी क्षत्र का संयोग, रात्रि छह 12 मिनट के बाद शुरू हो जायेगा. अष्टमी तिथि जनामष्टमी के दिन भी संयोग बन रहा है जो इस पर्व को और भी पवित्र बनाता है. वृषभरात्रि का संयोग, श्रीकृष्ण का जन्म वृषभ रात्रि में हुआ था. इस बार भी चन्द्रमा वृष्भ राशि में ही रहेगा. वृष्भ राशि का स्वामी शुक्र हैं जो प्रेम सौंदर्य व भौतिक सुखों का कारक माना जाता है. इस बार बसुदेव योग भी बन रहा है. बसुदेव योग को अत्यिधक शुभ माना जाता है क्यों यह योग भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय भी था.

27 को होगा जागरण कार्यक्रम

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भेरिया रहिका स्थित राधा श्रीकृष्ण मंदिर में जनाष्टमी को लेकर भव्य रूप से तैयारी की जा रही है. पूजा कमेटी के अध्यक्ष, सचिव व सदस्यों में गंगा चौहान, श्रीराम कुमार, कमल चौहान, सागर चौहान, प्रकाश कुमार अन्य ने बताया कि जन्माष्टमी के अवसर पर भव्य मेला का भी आयोजन हर वर्ष होता है. इस बार भी इसका आयोजन किया जाना है. इसको लेकर भी तैयारी पूरी कर ली गयी है. उनलोगों ने बताया कि सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा का स्थापना व रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म, दूसरे दिन 27 अगस्त को जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. जागरण के लिए सभी बेगूसराय के कलाकार होंगे. जबकि 28 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा का विसर्जन होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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