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कर्मनाशा नदी के तटीय इलाके में फैला पानी

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कैमूर न्यूज : नौगढ़ और मूसाखांड़ बांध से पानी छोड़े जाने से मंडराया बाढ़ का खतरा

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कैमूर न्यूज : नौगढ़ और मूसाखांड़ बांध से पानी छोड़े जाने से मंडराया बाढ़ का खतरा

कर्मनाशा.

नौगढ़ व मूसाखांड़ बांध से पानी छोड़े जाने के बाद कर्मनाशा नदी का जलस्तर मंगलवार से तेजी से बढ़ने लगा और बुधवार को कर्मनाशा नदी के तटीय इलाके में बाढ़ का पानी फैलने लगा. इससे कारण कर्मनाशा नदी के तटीय इलाके में रहने वाले लोगों में बाढ़ आने का अंदेशा बढ़ने के साथ बेचैनी बढ़ गयी है. लेकिन, बुधवार की सुबह 11:00 बजे से नौगढ़ व मूसाखांड़ बांध से पानी छोड़े जाने का सिलसिला बंद कर दिया गया. इससे कर्मनाशा नदी के तटीय इलाके में रहने वाले गांव के लोगों ने राहत की सास ली है. दरअसल, बरसात नहीं होने से धान की रोपनी के समय मूसाखांड़ बांध में जरूरत के अनुसार ही पानी भरा था और बांध के एक फाटक से ही पानी कर्मनाशा नदी में गिर रहा था. इसके चलते कर्मनाशा नदी में लगे पंप कैनाल नहीं चल पा रहे थे. धान की रोपनी को लेकर किसानों के समझ एक विकट समस्या खड़ी हो गयी थी. लेकिन, इधर दो दिन पहले बरसात अच्छी हो जाने के बाद अचानक नौगढ़ एवं मूसा खांड़ बांध से पानी कर्मनाशा नदी में छोड़ दिया गया और यह पानी लतीफ शाह डैम में आकर ओवरफ्लो होकर कर्मनाशा नदी में गिरने लगा, जिससे कर्मनाशा नदी के तटीय इलाके में बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा. यह देखकर लोगों में बाढ़ आने की संभावना दिखने लगी और लोग भयभित होने लगे. साथ ही किसानों के खेतों में लगी फसल बाढ़ में डूबने लगी, जिससे किसान परेशान हो गये. हालांकि, बुधवार की सुबह 11:00 बजे से नौगढ़ एवं मूसा खांड़ बांध से पानी छोड़े जाने का सिलसिला बंद कर दिया गया. इससे कर्मनाशा नदी के तटीय इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है.

16 सितंबर से पानी छोड़े जाने का सिलसिला शुरू

दरअसल, पहाड़ी इलाके में अच्छी बरसात होने से 16 सितंबर की शाम 5:00 बजे नौगढ़ बांध पूरी तरह से लबालब भर गया और नौगढ़ बांध से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. नौगढ़ बांध से होकर मूसाखांड़ बांध में पानी आता है, जिससे मूसाखांड़ बांध में निर्धारित अधिकतम जल स्तर से मात्र तीन फीट पानी ही नीचे रह गया और अलर्ट जारी किया गया कि किसी भी समय मूसाखांड़ बांध से पानी छोड़ा जा सकता है. मूसाखांड़ बांध के जलस्तर की क्षमता 357 फुट है. मूसाखांड़ बांध से ही कर्मनाशा नदी होकर लतीफ शाह डैम में पानी आता है और लतीफ शाह डैम से पानी नदी में गिरता है. बताते चलें कि लगातार दो दिन पानी होने के बाद नौगढ़ बांध से मंगलवार को 30000 क्यूसेक तथा मूसाखांड़ बांध से 44000 क्यूसेक पानी छोड़ गया. परिणाम स्वरूप लतीफ शाह डैम से करीब नौ फीट पानी ओवरफ्लो होकर कर्मनाशा नदी में गिरने लगा, जिसका नतीजा हुआ कि कर्मनाशा नदी के तटीय इलाके में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ने लगा और दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के खजुरा, सरैयां, ढड़हर, कानपुर, धनसराय, लरमा, जमुरनी करारी तथा मसौढ़ा पंचायत के गांवों में बाढ़ का पानी फैलने लगा. पानी के बढ़ते जलस्तर को देखकर ग्रामीण बाढ़ आने की संभावना से भयभीत होने लगे. कर्मनाशा नदी के तटीय इलाके में बाढ़ का पानी घुसने से किसानों की कई एकड़ फसल भी डूब गयी. लेकिन, बुधवार की सुबह नौगढ़ बांध से पानी कम डिस्चार्ज किये जाने के बाद मूसाखांड़ से सुबह के वक्त 10000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और क्रमशः पानी छोड़े जाने का सिलसिला कम कर दिया गया और जब नौगढ़ बांध से पानी छोड़े जाना बंद कर दिया गया, तो धीरे-धीरे पानी कम करते हुए 11:00 सुबह से मूसाखांड़ बांध से भी पानी छोड़े जाने का सिलसिला बंद कर दिया गया.

क्या कहते हैं अधिकारी

मूसाखांड़ बांध के जूनियर इंजीनियर हरीश मौर्य ने बताया कि मंगलवार को नौगढ़ बांध से 30000 तथा मूसाखांड़ बांध से 44000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. बुधवार की सुबह 10000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. लेकिन, धीरे-धीरे क्रमशः पानी कम करते हुए 11:00 से मूसाखांड़ बांध से पानी छोड़े जाने का सिलसिला बंद कर दिया गया है. मूसाखांड़ बांध का जलस्तर क्षमता 357 फीट है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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