17.1 C
Ranchi
Friday, February 14, 2025 | 01:23 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं

Advertisement

जिले में सबसे बड़ा अस्पताल भभुआ सदर अस्पताल को माना जाता है, लेकिन सबसे बड़े अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते लोग बिचौलियों के शिकार बन रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भभुआ सदर. जिले में सबसे बड़ा अस्पताल भभुआ सदर अस्पताल को माना जाता है, लेकिन सबसे बड़े अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते लोग बिचौलियों के शिकार बन रहे हैं. हालांकि, महिला ओपीडी में सामान्य अल्ट्रासाउंड मशीन लगी हुई है, लेकिन उक्त मशीन से केवल महिला रोग विशेषज्ञ ही जांच करने में सक्षम हैं. इसके अलावा सदर अस्पताल में आज भी सामान्य और विशेषज्ञ डॉक्टर की भारी कमी है. सदर अस्पताल में चिकित्सकों के 36 पद है, लेकिन मात्र 23 डॉक्टर ही तैनात हैं. सदर अस्पताल में चर्म रोग के डॉ संतोष कुमार सिंह, आंख के डॉ रविरंजन कुमार, दंत चिकित्सक के पद पर डॉ अविनाश बहादुर सिंह, नाक, कान व गला के डॉ श्यामा कांत प्रसाद, सामान्य रोग विभाग में डॉ विनय तीवारी, डॉ अभिलाष चंद्रा, डॉ कमलेश कुमार आदि अपनी सेवा दे रहे हैं. इसके अलावा सर्जरी विभाग में डॉ चंदन कुमार व डॉ धनंजय सिन्हा की तैनाती की गयी है. आयुष चिकित्सक के चार सीटों में एक सीट पर डॉ संजय कुमार कार्यरत हैं. सदर अस्पताल में नियमित लेडी डॉक्टर के दो पदों पर डॉ किरण सिंह व डॉ मधु यादव पदस्थापित हैं. मुंह, गला व कान के डाॅक्टर की छह सीटों में से एक पर चिकित्सक सेवा दे रहे हैं और पांच सीटें खाली पड़ी हैं. जबकि, इस अस्पताल में नेत्र चिकित्सक की दो सीटों में से एक पर डॉक्टर डॉ रवि प्रकाश रंजन कार्यरत हैं. डायलिसिस, सिटी स्कैन व डिजिटल एक्सरे की सुविधा उपलब्ध सदर अस्पताल में भले ही अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था अब तक नहीं की जा सकी है, लेकिन अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए सीटी स्कैन, डायलिसिस व डिजिटल एक्स-रे की सेवा मुहैया करायी जा रही है. सदर अस्पताल में फिलहाल प्रतिदिन औसतन 50 मरीजों का सीटी स्कैन व 70 मरीजों की डिजिटल एक्स-रे की जा रही है. सदर अस्पताल में सीवीसी सहित 46 प्रकार के स्वास्थ्य जांच की भी सुविधा उपलब्ध हैं. इसके अलावा सदर अस्पताल में किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा भी उपलब्ध है. हालांकि पूर्व में सीटी स्कैन, डायलिसिस व डिजिटल एक्स-रे की सुविधा जिला अस्पताल में नहीं रहने से मरीजों को दूसरी जगह इस सेवा के लिए शुल्क देना पड़ता था. इसके अलावा कोरोना काल के समय अस्पताल के हर बेड पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा बहाल की गयी थी, जो आज भी सुचारू रूप से कार्य कर रहा है. इसके साथ ही सदर अस्पताल परिसर में पांच सौ लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन सप्लाई के लिए ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया है. महीनों से हड्डी के डॉक्टर का पद रिक्त सदर अस्पताल में महीनों से आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में हड्डी के डॉक्टर नहीं हैं. खास बात यह है कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों के कमी के साथ साथ जीएनएम, एएनएम, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, ड्रेसर के 90 रिक्त पदों पर काम करनेवाला कोई नहीं है. साथ ही जिला अस्पताल में ड्रेसर की दोनों सीटें एक लंबे अर्से से रिक्त पड़े हैं. सदर अस्पताल में जीएनएम के 35, एएनएम के 7, लैब टेक्नीशियन के 9, फर्मासिष्ट के 5 और ड्रेसर के दोनों सीटें रिक्त हैं. इनके अलावा सदर अस्पताल में न्यूरो, नेफ्रो सहित अन्य विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं. इससे डॉक्टरों व कर्मियों की कमी के चलते मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. साथ ही इसके चलते अक्सर सदर अस्पताल में दुर्घटना व मारपीट सहित गोली लगने से गंभीर रूप से घायल, करेंट व आग लगने से गंभीर रूप से झुलसे गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर करना मजबूरी बन जाता है, जिनके पास पैसे होते है वह बाहर जाकर इलाज करवा लेते हैं. फजीहत उन गरीब व लाचार मरीजों को होती है जिन्हें मुफ्त मिल रहे इलाज की जगह कर्ज या उधार के रुपये लेकर इलाज कराना पड़ता है. = ओपीडी काउंटर पर 160 प्रकार की दवाएं उपलब्ध दरअसल, भभुआ सदर अस्पताल को वर्ष 1994 में जिला अस्पताल का दर्जा मिला था. तब घोषणा की गयी थी कि इसमें मरीजों के लिए सुविधायुक्त वार्ड में 300 बेड स्थापित होंगे. लेकिन, अभी तक 150 बेड की ही सुविधा मुहैया करायी जा रही है. मतलब 150 बेड अब भी नदारद हैं. यह बेड अस्पताल के विभिन्न कक्ष में हैं, जहां मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाता है. जिला अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर फिलहाल 160 प्रकार की दवाएं और इमरजेंसी में 150 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं. = सदर अस्पताल में पीपीपी मोड में शुरू होगा अल्ट्रासाउंड सदर अस्पताल में डॉक्टर और कर्मियों की कमी पर सिविल सर्जन डॉ शांति कुमार मांझी ने बताया कि सदर अस्पताल में डाॅक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को पदस्थापित करने के लिए सरकार को लिखा गया है. जो संसाधन उपलब्ध हैं, उससे मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. जहां तक अल्ट्रासाउंड जांच की बात है तो उसको लेकर जल्द ही अस्पताल में संचालित सिटी स्कैन जांच की ही तरह पीपीपी मोड में अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराये जाने पर विचार किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें