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जीटी रोड पर 14 किमी गश्ती नहीं रहने पर कैमूर-रोहतास एसपी से मांगी रिपोर्ट

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जीटी रोड पर 14 किलोमीटर की दूरी में कहीं भी गश्ती गाड़ी मौजूद नहीं रहने व शिवसागर पुलिस द्वारा मोबाइल फोन नहीं उठाये जाने के साथ घटनास्थल पर देर से पहुंचने के मामले में शाहाबाद रेंज के डीआइजी नवीन चंद्र झा ने कैमूर व रोहतास दोनों एसपी से घटना को लेकर रिपोर्ट मांगी है.

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भभुआ कार्यालय. गुरुवार की रात कुदरा के सकरी से बाइक चोरी कर भाग रहे अपराधियों को पीछा करने के दौरान पकड़े जाने पर अपराधियों द्वारा बाइक मालिक भानु प्रताप सिंह की हत्या मामले में जीटी रोड पर 14 किलोमीटर की दूरी में कहीं भी गश्ती गाड़ी मौजूद नहीं रहने व शिवसागर पुलिस द्वारा मोबाइल फोन नहीं उठाये जाने के साथ घटनास्थल पर देर से पहुंचने के मामले में शाहाबाद रेंज के डीआइजी नवीन चंद्र झा ने कैमूर व रोहतास दोनों एसपी से घटना को लेकर रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने यह भी रिपोर्ट मांगी है कि घटना के वक्त उक्त दोनों जिलों के संबंधित थानों की गश्ती गाड़ी व 112 की गाड़ी कहां थी. घटना के बाद जब गाड़ी मालिक द्वारा जीटी रोड पर अपनी कार से चोरी करने वाले अपराधियों का पीछा किया जा रहा था और लगभग 14 किलोमीटर तक पीछा किया गया, तो इस बीच में गश्ती गाड़ी कहा पर थी और क्यों नहीं गाड़ी मालिक के सूचना देने के बाद भी गश्ती गाड़ी मौके पर पहुंची. वहीं, रोहतास के एसपी से रिपोर्ट मांगा गयी है कि जब उक्त घटना को लेकर वाहन मालिक द्वारा शिवसागर पुलिस को लगातार फोन किया गया, तो क्या उनके स्तर से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. वहीं, शिवसागर पुलिस पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया, तो इस मामले में कितनी सत्यता है इसकी भी जांच कर रिपोर्ट देनी है. हालांकि, डीआइजी नवीन चंद्र झा ने बताया कि उक्त मामले में फोन नहीं उठाने के बाबत पूछा गया तो बताया गया है कि शिवसागर थानेदार द्वारा फोन रात में उठाया गया था और उन्होंने रात में ही अपने सर्किल इंस्पेक्टर को घटना की सूचना भी दी थी. जबकि, परिजनों का कहना है कि कुदरा के थानेदार व वाहन मालिक के परिजनों द्वारा शिवसागर थाना के थानेदार के मोबाइल पर लगातार फोन किया जाता रहा, लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया और वह घटनास्थल पा सुबह में 6:00 बजे पहुंचे थे. जबकि, डीआइजी को बताया गया है कि शिवसागर पुलिस टोल प्लाजा पर मौजूद थी और वहीं पर घेराबंदी कर रही थी. डीआइजी द्वारा उक्त मामले में दोनों एसपी से रिपोर्ट मांगी गयी है और जो आरोप लगाये गये हैं उसे लेकर डीआइजी ने बताया है कि सभी आरोपों की जांच की जायेगी, अगर कोई दोषी होगा तो उन पर कार्रवाई भी की जायेगी. = वाहन मालिक ने जिस तरह की दिखायी बहादुर, गश्ती गाड़ी होती तो पकड़ा जाता बड़ा गैंग हथियारों से लैस चोरी करने वाला और विरोध करने पर गोली मार देने वाला उक्त गैंग के अपराधी गुरुवार की रात जिस तरह से बाइक के मालिक भानु प्रताप सिंह ने अपने दो भाइयों के साथ बहादुरी दिखाते हुए 14 किलोमीटर तक पीछा कर पकड़ा था, अगर रास्ते में पुलिस की गश्ती गाड़ी मिली होती, तो निश्चित रूप से भानु प्रताप सिंह की बहादुरी से कैमूर-रोहतास की एक बड़े गैंग के अपराधी आज पुलिस की गिरफ्त में होते. लेकिन, जिस तरह से भानु प्रताप सिंह ने अपने दो भाइयों के साथ 14 किलोमीटर तक पीछा किया और उन्हें पकड़ा, लेकिन रास्ते में कहीं भी जीटी रोड पर कोई गश्ती गाड़ी नहीं होने के कारण वाहन मालिक द्वारा पकड़े जाने के बावजूद अपराधियों जिस तरह से ताबड़तोड़ गोली मार कर भानु प्रताप की हत्या करते हुए बड़े आराम से फरार हो गये, यह पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने के साथ-साथ उक्त अपराधियों ने कैमूर व रोहतास पुलिस के लिए एक खुली चुनौती पेश की है. चोरी करने वाले गैंग के पास हथियार के साथ-साथ उनके द्वारा भगाने के क्रम में छोड़ा गया कटर भी बरामद किया गया है, जो स्पष्ट रूप से बता रहा है कि उक्त अपराधी काफी पेशेवर हैं. आमतौर देखा जाता है कि चोरी करने वाला गिरोह को अगर कोई पीछा करने लगता है, तो वह चोरी का सामान फेंक कर भाग जाते हैं या अगर पकड़े जाते हैं तो उनके पास कोई हथियार नहीं होता है. इसी गलतफहमी के शिकार भानु प्रताप भी हो गये. जब उनके दरवाजे पर सीकर को काटकर उनकी बाइक की चोरी कर अपराधी ले जा रहे थे, तब उन्होंने देख लिया और अपनी कार से उनका पीछा करना शुरू किया. उन्हें यह कतई अंदाजा नहीं था चोरी करने वाले अपराधियों के पास हथियार मौजूद होगा. उन्होंने पहले उन्हें धक्का मारा और और उनके गिरने के बाद उन्हें पकड़ लिया, लेकिन तब तक दूसरे अपराधी ने पिस्तौल से ताबड़तोड़ गोली बरसा कर भानु प्रताप सिंह की हत्या कर दी और कार में मौजूद दो भाइयों पर भी गोलियां चलायी, लेकिन भाग्य से उक्त दोनों भाई बच गये. उसके बाद कार के टायर में गोली मार कर अपराधी बड़े आराम से फरार हो गये. बड़ी बात यह है कि कैमूर रोहतास की सबसे व्यस्ततम सड़क पर 14 किलोमीटर तीन थानों के क्षेत्र के बीच अपराधियों का पीछा किया जाता रहा, लेकिन पुलिस का कहीं आता पता नहीं था. = जल्द गिरफ्तार होंगे अपराधी शाहाबाद रेंज की डीआइजी नवीन चंद्र झा ने बताया उक्त घटना को काफी गंभीरता से लिया गया है. दोनों जिलों के एसपी से रिपोर्ट मांगी गयी है. साथ ही बहुत जल्द उक्त घटना में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. अगर इस मामले में पुलिस स्तर पर कहीं कोई लापरवाही बढ़ती गयी होगी, तो जांच में दोषी पाये जाने पर उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी.

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