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Jamui News : सावधान! इमरजेंसी कक्ष में इलाज कराने पर हो सकते हैं इन्फेक्शन का शिकार

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सर्जिकल उपकरण की नहीं होती है नियमित साफ-सफाई

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जमुई.

दुर्घटनाओं में घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाते है, तो सावधान हो जाएं. क्योंकि इमरजेंसी कक्ष में इलाज के साथ नि:शुल्क इंफेक्शन भी मिल सकता है. इससे भविष्य में गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. दरअसल सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में सर्जिकल उपकरणों की भारी कमी है. एक मात्र आरटी फोरसेफ के सहारे इमरजेंसी कक्ष चल रहा है. उसकी भी उचित साफ-सफाई नहीं की जाती है. सिर्फ थीनर से धोकर रख दिया जाता है, जो मरीजों में इन्फेक्शन फैलाने के लिए काफी है. राज्य सरकार द्वारा सदर अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर मिशन-60, मिशन क्वालिटी के तहत सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष को हाइटेक बनाया गया है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण मरीजों को इमरजेंसी कक्ष में इलाज के साथ इंफेक्शन भी बांटा जा रहा है. नाम नहीं छापने के शर्त पर एक स्वास्थ्य कर्मी द्वारा बताया गया कि इमरजेंसी कक्ष में लगभग छह माह से अधिक समय से जरूरी सर्जिकल उपकरण की कमी है. जरूरत पड़ने पर लेबर वार्ड से सर्जिकल उपकरण मांग कर लाते हैं और फिर काम होने के बाद पहुंचा दिया जाता है. स्वास्थ्य कर्मियों को भी सर्जिकल उपकरण के अभाव में मरीजों का इलाज करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि इसे लेकर कई बार प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन अबतक सर्जिकल उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया है.

इमरजेंसी में सर्जिकल उपकरण की रहती है आवश्यकता

इमरजेंसी कक्ष में ज्यादातर सड़क दुर्घटना या मारपीट में गंभीर रूप से घायल मरीज आते हैं. इन मरीजों को टांका लगाने सहित अन्य इलाज के लिए जिन आवश्यक सर्जिकल उपकरण की जरूरत होती है, वह इमरजेंसी कक्ष में उपलब्ध नहीं है. विशेषज्ञों की मानें तो इमरजेंसी कक्ष में सीजर, आरटी फोरसेफ, निडिल होल्डर, बीपी ब्लेड, टूथ फोरसेफ, कैंची आदि प्रमुख सर्जिकल उपकरण में आते हैं. इसका इमरजेंसी कक्ष में होना अनिवार्य है. साथ ही कम से कम दो सेट में होना चाहिए. ताकि एक सेट के गंदा होने पर दूसरे सेट से कार्य किया जा सके. पहले सेट की उचित साफ-सफाई करने के उपरांत ही दूसरे मरीज के इलाज में उक्त सर्जिकल उपकरण का उपयोग किया जा सके. ऐसा नहीं करने पर एक मरीज से दूसरे मरीज में इंफेक्शन फैलने का खतरा 99 फीसदी बढ़ जाता है. उक्त मरीज भविष्य में कभी भी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो सकता है.

कहते हैं अधिकारी

इमरजेंसी कक्ष के लिए सभी तरह के सर्जिकल उपकरण की खरीदारी की गयी है. यदि इमरजेंसी कक्ष में सर्जिकल उपकरण उपलब्ध नहीं हैं, तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.

-रमेश कुमार पांडेय, अस्पताल प्रबंधक, सदर अस्पताल, जमुईB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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