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कारू का शव गांव पहुंचते ही परिजनों में मचा कोहराम

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मुंबई में रहकर मेहनत मजदूरी कर परिवार का कर रहा था भरण-पोषण

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चकाई. थाना क्षेत्र के रामचंद्रडीह पंचायत के कोहवाराटांड़ गांव निवासी 45 वर्षीय मजदूर कारू मोहली का शव मंगलवार सुबह गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. घटना को लेकर पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. मृतक कारू की पत्नी कबूतरी देवी पति की शव से लिपट कर दहाड़ मार रही थी. जबकि बेटा-बेटी की रो-रोकर बुरा हाल था. घर के लोगों के रोने से गांव के लोगों की भी आंखें नम हो रही थी. जानकारी के अनुसार मृतक कारू मोहली मुंबई में रहकर एक निजी कंपनी में काम करता था. इसी दौरान रविवार को उनकी मौत होने की सूचना घर के लोगों को मिली. सूचना गांव के ही वहां कार्य कर रहे नन्हकु कोल ने दी थी. परिजनों ने बताया कि करीब 10 माह पूर्व नन्हकु कोल ही कारू मोहली को कार्य दिलाने की बात कहकर अपने साथ मुंबई ले गया था और उसे एक कंपनी में काम पर लगा दिया. था. घर के सदस्यों ने बताया कि मंगलवार को कारू ने दस हजार रुपया भी भेजा था और इसके बाद रविवार को उसके मरने की खबर आ गयी. क्या बीमारी हुई थी, कैसे उनकी मौत हुई, इस बारे में नन्हकु भी कुछ नहीं बोल रहा है. केवल इतना बताता है कि उसे अचानक लकवा मार दिया था. इस कारण से उसका शरीर काम नहीं कर रहा था. लोगों ने बताया कि कारू बहुत ही गरीब था और घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था. उसकी मौत से पत्नी सहित तीन बेटी, तीन बेटा का भरण-पोषण अब भगवान भरोसे ही है. इस बाबत बीडीओ दुर्गाशंकर ने बताया कि तत्काल परिजनों को कबीर अंत्येष्टि योजना से तीन हजार रुपया स्थानीय मुखिया से दिलवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि इसके बाद पारिवारिक लाभ योजना से पीड़ित परिवार को 20 हजार रुपये दिया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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