24.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 02:02 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

हर माह बढ़ रहे टीबी के मरीज, 2025 तक टीबी मुक्त भारत की राह कठिन

Advertisement

हर माह बढ़ रहे टीबी के मरीज, 2025 तक टीबी मुक्त भारत की राह कठिन

Audio Book

ऑडियो सुनें

जमुई. सरकार ने 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इधर, जिले में टीबी मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधा व जागरूकता कार्यक्रम कारगर साबित नहीं हो रहे. वर्तमान में जिले में टीबी के करीब 300 से अधिक एक्टिव मरीज हैं. अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक जिले में 790 नये टीबी के मरीजों की पहचान हुई है. सिर्फ अप्रैल 2024 में 59 नये टीबी मरीजों की पहचान की गयी है. जबकि एक वर्ष में 11 टीबी मरीजों की मौत हो चुकी है. ऐसे में 2025 तक जिले को टीबी मुक्त बनाने का उद्देश्य मुश्किल नजर आ रहा है.

हर महीने मिल रहे 50-60 नये मरीज

टीबी उन्मूलन को लेकर जिलेभर में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान कारगर साबित नहीं हो रहे. हर महीने की जांच में औसतन 50-60 नये मरीजों की पहचान हो रही है. वर्ष 2023 अप्रैल माह से 2024 मार्च तक 790 नये मरीजों की पहचान हुई है. ऐसे में विभाग टीबी के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह दे रहा है. प्रत्येक माह लगभग 250 से 300 संदिग्ध लोगों की जिला में टीबी जांच की जा रही है. जांच में किसी माह 25 तो किसी माह 50 मरीज पाये जा रहे हैं. जिले की बात करें तो हर वर्ष टीबी के मरीजों में वृद्धि देखी जा रही है. विभागीय जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021 के जनवरी से लेकर दिसंबर तक कुल 910 लोग टीबी के मरीज पाये गये थे. वहीं 2022 में जनवरी से दिसंबर तक 918 लोग टीबी के मरीज पाये गये.

वर्तमान में हैं टीबी के 353 एक्टिव मरीज

जिले में टीबी के 353 एक्टिव मरीज हैं. उनके इलाज की जिम्मेदारी जिला यक्ष्मा विभाग पर है. हालांकि यक्ष्मा विभाग में केवल टीबी मरीजों की जांच और दवा देने की ही व्यवस्था है. इनके लिए ना तो कोई वार्ड है और ना ही कोई स्पेशलिस्ट चिकित्सक. यदि टीबी मरीजों की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है तो उन्हें सदर अस्पताल के सामान्य वार्ड में भर्ती कराया जाता है. सामान्य चिकित्सक द्वारा ही इलाज किया जाता है. जबकि यक्ष्मा विभाग से अधिकारी या कर्मी वार्डों में भर्ती टीबी के मरीजों को देखने तक नहीं आते हैं. हद तो यह है कि यदि किसी टीबी के मरीज के साथ उनके परिजन ना हों, तो उसके लिए यक्ष्मा विभाग से दवा लाना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में जिले में टीबी के मरीजों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है.

टीबी से बचाव के लिए सावधानी जरूरी

जिला यक्ष्मा केंद्र के पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि टीबी संक्रमण से बचाव को लेकर समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. साथ ही लोगों को इस बीमारी को लेकर सावधान भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया की टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक से दूसरे लोगों में फैलती है. यह बीमारी छूने से नहीं फैलती, बल्कि टीबी मरीजों द्वारा जहां-तहां थूकने और खांसने से फैलती है. मरीजों को सलाह दी जाती है कि अपने घर या बाहर जहां-तहां ना थूकें. उन्होंने बताया कि टीबी के मरीज खांसते या छींकते समय मुंह पर रूमाल जरूर रखें और लोगों बीच में रहने पर मास्क का प्रयोग करें. ऐसा करने से टीबी बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों की संख्या पर्व-त्योहारों के समय बढ़ जाती है क्योंकि इस समय बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लोग घर आते हैं. इस दौरान एक टीबी संक्रमित से कई लोग संक्रमण के दायरे में आ जाते हैं.

नियमित दवा सेवन बीमारी का है एकमात्र इलाज

टीबी बीमारी जानलेवा लेकिन है. लेकिन नियमित इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है. चिकित्सक ने बताया कि टीबी से पीड़ित मरीजों का 6 से 12 महीने का इलाज होता है. पीड़ित मरीज लगातार 6 से 12 महीने तक नियमित दवा सेवन करें और थोड़ा परहेज और सावधानी बरतें, तो टीबी को जड़ से खत्म किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि टीबी पीड़ित मरीजों को 6 माह में डाट्स की 76 खुराक दी जाती है. उसके बाद भी ठीक नहीं हुए, तो दो माह की अतिरिक्त दवा दी जाती है. इसे जड़ से मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब नया तरीका अपना रहा है. इन माध्यमों से बीमारी पर कंट्रोल किया जा रहा है.

क्या है टीबी

टीबी एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया के कारण होता है. यह बैक्टीरिया शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर रोगग्रस्त कर देता है. यह ज्यादातर फेफड़ों में ही पाया जाता है लेकिन इसके अलावा आंतें, मस्तिक, हड्डियां, गुर्दे, त्वचा, हृदय भी टीबी से ग्रसित हो सकते हैं.

टीबी के लक्षण

दो सप्ताह से ज्यादा लगातार खांसी व साथ में बलगम आनाखांसी के साथ कभी-कभी खून आना

भूख कम लगना, लगातार वजन कम होना

शाम या रात के समय बुखार आना

सर्दी में भी पसीना आना

सांस उखड़ना, सांस लेते समय सीने में दर्द होना

बचाव

बच्चों को जन्म से 1 माह के अंदर टीबी का टीका लगवाएं

खांसते – छींकते समय मुंह पर रूमाल रखें

टीबी के रोगी जगह-जगह न थूकें

पूरा उपचार कराएं, अल्कोहल और धूम्रपान से बचें

बहुत अधिक मेहनत वाला काम ना करें

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps News Snaps
News Reels News Reels Your City आप का शहर style/div>