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हाथ मिलाने से नहीं फैलती है टीबी, मरीजों से परिजन न बनाएं दूरी : एसीएमओ

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स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले भर में टीबी से बचाव एवं सही समय पर जांच व इलाज को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान लोगों को जागरूक करते हुए एसीएमओ डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से टीबी नहीं फैलती है.

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जमुई. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले भर में टीबी से बचाव एवं सही समय पर जांच व इलाज को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान लोगों को जागरूक करते हुए एसीएमओ डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से टीबी नहीं फैलती है. इसलिए टीबी मरीजों की उपेक्षा नहीं करें. टीबी पीड़ित व्यक्ति से अपनत्व की भावना रखते हुए उसे टीबी की सही जांच और सही जगह पर इलाज कराने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने बताया कि सांस संबंधित संक्रामक बीमारियों में टीबी भी एक बीमारी है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है. उन्होंने सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के हवाले से बताया कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने व बोलने से निकले थूक की बूंद में मौजूद टीबी बैक्टीरिया हवा के माध्यम से अन्य स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंचता है.

जागरूकता के अभाव में आज भी समाज में हैं कुछ भ्रांतियां

लोगों को जागरूक करते हुए डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि जागरूकता के अभाव में समाज में अभी भी टीबी संक्रमण को ले कुछ भ्रांतियां हैं जिस वजह से लोग टीबी बीमारी से पीड़ित लोगों की उपेक्षा करने लगते हैं. टीबी मरीज के प्रति इस तरह से उपेक्षा किया जाना उसके इलाज में भी असुविधा ही पैदा करती है. लोगों को जागरूक करते हुए कहा जा रहा है कि टीबी संक्रमण होने के सही कारणों की जानकारी लें. उन्होंने बताया सीडीसी के अनुसार यह रोग हाथ मिलाने, किसी को खानपान की सामग्री देने या लेने, बिस्तर पर बैठने व एक ही शौचालय के इस्तेमाल करने से बिल्कुल भी नहीं फैलता है. एसीएमओ डॉ कुमार ने बताया कि ट्यूबरक्लोसिस दो प्रकार के होते हैं. इनमें एक लेंटेंट टीबी होता है जिसमें टीबी के बैक्टीरिया शरीर में मौजूद होते लेकिन उनमें लक्षण स्पष्ट रूप से नहीं दिखते हैं. रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर इसका असर उभर कर देखने को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि टीबी मरीज की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाने एवं समय से इलाज शुरू होकर दवा का कोर्स पूरा लेने से मरीज जल्द स्वस्थ हो जाते हैं. इसलिए टीबी का लक्षण नजर आए तो बिना देर किए जांच करवाने के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान आएं. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल स्थित टीबी विभाग में टीबी का जांच एवं इलाज की नि:शुल्क उचित व्यवस्था है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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