16.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 03:58 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज कराने जा रहे हैं, तो पास में रखें मोबाइल

Advertisement

अगर आप सर्दी, खांसी या अन्य बीमारियों की इलाज कराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरहट जा रहे हैं तो साथ में स्मार्टफोन या फिर की-पैड मोबाइल ले जाना होगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बरहट. अगर आप सर्दी, खांसी या अन्य बीमारियों की इलाज कराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरहट जा रहे हैं तो साथ में स्मार्टफोन या फिर की-पैड मोबाइल ले जाना होगा. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो बिना इलाज कराये अस्पताल से वापस आना पड़ सकता है. दरअसल डिजिटल हैल्थ मिशन के तहत सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जांच रिपोर्ट तथा बीमारियों की जानकारी सुरक्षित रखने के लिए आभा ऐप से हैल्थ आइडी बनाया जा रहा है. आइडी बनाने के लिए स्मार्ट मोबाइल फोन या फिर की-पैड मोबाइल जरूरी है, क्योंकि आईडी बनाने के समय ओटीपी से मरीजों का नाम वेरीफाई किया जाता है. इलाज कराने वाले अगर मोबाइल नहीं रखते हैं तो उन्हें बिना इलाज कराये ही वापस लौटना पड़ेगा. मंगलवार को बरहट गांव निवासी सावित्री देवी अपने बेटे का इलाज कराने के लिए अस्पताल आई थी किंतु गरीब परिवार से तालुक रखने के कारण साथ में मोबाइल नहीं लेकर आयी और इस कारण से उनका पर्ची नहीं बन सका और इलाज कराये बिना ही उन्हें वापस जाना पड़ा. अस्पताल में इलाज कराने आये रंजीत कुमार, मोनी कुमारी ने बताया कि पैसे की अभाव में ज्यादातर गरीब तबके के लोग ही इलाज के लिए सरकारी अस्पताल आते हैं और उनके पास मोबाइल नहीं रहता है. पर्ची बना रहे डाटा ऑपरेटर ने बताया कि आभा ऐप से मरीजों के जोड़ने की प्रकिया चल रहा है. मरीज का नाम एक बार आभा एप में सबमिट हो जाता है तो मरीज के पूरी जानकारी ऐप के हिस्ट्री में सुरक्षित हो जाती है. मरीज दोबारा जब भी अस्पताल आएंगे तो उन्हें पर्ची बनाने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. क्यूआर कोड को स्कैन करते ही तुरंत नया पर्ची बन जायेगा. मरीजों की कौन सी बीमारी है और क्या इलाज चल रहा है इसकी भी जानकारी ऐप्प पर मौजूद रहेगी. आभा एप के बारे में जागरुकता अभियान भी चलायी जा रही है.

कहते हैं स्वास्थ्य प्रबंधक

इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक जूही अलका ने बताया कि आभा ऐप से जोड़ने की प्रक्रिया पांच महीने से चल रही है. आभा ऐप पर मरीजों का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है. जिन मरीजों पास मोबाइल नहीं रहता उन्हें इलाज में परेशानी होती है. विभागीय नियमानुसार ही इलाज किया जा रहा है. उन्होंने अस्पताल आने वाले मरीजों से मोबाइल लेकर आने की अपील किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें