15.1 C
Ranchi
Friday, February 14, 2025 | 04:29 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सेविका-सहायिका की कमी का दंश झेल रहा आइसीडीएस विभाग, लाभ से वंचित हो रहे लोग

Advertisement

जिले में छह वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती और धात्री माताओं के संपूर्ण पोषण के साथ किशोरियों व 44 वर्ष तक की महिलाओं की देख भाल के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही समेकित बाल विकास परियोजना विभागीय उदासीनता का शिकार बनते जा रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

हाजीपुर. जिले में छह वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती और धात्री माताओं के संपूर्ण पोषण के साथ किशोरियों व 44 वर्ष तक की महिलाओं की देख भाल के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही समेकित बाल विकास परियोजना विभागीय उदासीनता का शिकार बनते जा रही है. इस परियोजना के तहत जिले में कुल 3,883 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे है. जिनमें 600 केंद्र को अपना भवन मिल चुका है तथा 2,700 केंद्र किराये के मकान में संचालित है.

जानकारी के अनुसार सेवानिवृत के बाद उस केंद्र के लिए सेविका और सहायिका की बहाली नहीं होने के कारण लगभग 100 से अधिक केंद्र किसी सरकारी विद्यालय या अगल-बगल के केंद्र के साथ टैग होकर संचालित हो रहे है. बताया गया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में कुल 97 केंद्रों पर सेविका की बहाली लंबित है. वही 187 केंद्र सहायिका के बिना संचालित हो रही है. दर्जनों ऐसे केंद्र है जहां अधिकारियों की शिथिलता के कारण सरकारी भवन होने के बावजूद किराये के भवन में संचालित हो रहा है. जिसमें प्रखंड स्तर के पदाधिकारी की मिली भगत से प्रति माह लाखों रुपये किराये के नाम पर बंदरबांट किया जाता है. जिसपर न जिला प्रशासन की नजर जा रही है और न ही विभागीय अधिकारी इस मामले की जांच करने का जहमत उठाना चाहते है.

सेविका-सहायिका की कमी के कारण लाभ से वंचित हो रहे है क्षेत्र के लोग

जिले के विभिन्न प्रखंडों में जहां सेविका एवं सहायिका की कमी है. वैसे क्षेत्र के लोगों को इस योजना का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. साथ ही तीन से छह वर्ष के बच्चों में प्री स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के सरकार एवं विभाग के दावे भी खोखले साबित हो रहे है. कई क्षेत्रों में सेविकाओं एवं सहायिकाओं की लापरवाही के कारण भी लोगों को अति महत्वाकांक्षी योजना के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. जबकि हर माह सरकार बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं के संपूर्ण पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने के लिए करोड़ो रुपये खर्च करती है.

आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन से बच्चों के मृत्यु-दर में आई है कमी

जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन से जिले में बच्चों की मृत्यु-दर में काफी कमी आई है. साथ ही गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व देखभाल हाेने के कारण सुरक्षित प्रसव को भी बढ़ावा मिला है. आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से किशोरियों की नियमित निगरानी एवं समय-समय पर आवश्यक विटामिन की गोलियां और सलाह देने से एनीमिया जैसी घातक बीमारी को भी कंट्रोल किया गया है.

क्या कहते है अधिकारी

जिले के विभिन्न प्रखंडों में लगभग 97 केंद्रों पर सेविकाओं एवं 187 केंद्रों पर सहायिका का पद खाली है. लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सभी केंद्रों पर सेविका एवं सहायिका की नियुक्ति की जानी है. इसके लिए विभागीय स्तर पर रिक्त पदाे की संख्या के साथ विज्ञप्ति जारी की जायेगी. ऑनलाइन आवेदन मंगाने के लिए बेवसाइट बनाया जा रहा है. इसके लिए विभाग के निर्देश पर प्रखंडवार रिक्तियां भी मंगाई जा रही है.

ललीता कुमारी, डीपीओ, आईसीडीएस

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें