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EXPLAINER: बिहार में कई प्रमुख नदियों ने खतरे के निशान को किया पार, बाढ़ की दहशत, जानें बचाव की क्या है तैयारी

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Bihar Flood Update: बिहार में कई नदियों ने खतरे के निशान को पार कर दिया है. शहर में पानी घुस रहा है. दीघा इलाके में बिंद टोली जाने का रास्ता बंद हो चुका है. पुनपुन नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है. इस बीच बचाव की तैयारी भी की जा रही है.

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Bihar Flood Update: बिहार में कई प्रमुख नदियों ने खतरे के निशान को पार कर दिया है. गांधी घाट पर गंगा ने खतरे के निशान को पार कर दिया. इस कारण रास्ते में पानी घुस गया है. दीघा इलाके में बिंद टोली जाने का रास्ता बंद हो गया है. जनार्दन घाट पर किनारे तक पानी होने से लोगों को अंतिम संस्कार में परेशानी हो रही है. नदी का जलस्तर बढ़ने से गंगा रिवर फ्रंट पर पानी पहुंच चुका है. गांधी घाट के पास अंदर जानेवाले रास्ते में भी पानी घुसा है. दीघा घाट पर भी गंगा का जल स्तर बढ़ा है. पानी बढ़ने से दीघा के बिंद टोली जाने वाले रास्ते में पानी बढ़ गया है. इससे आवाजाही बाधित हो गयी है. लोग पानी में घुस कर आ-जा रहे हैं. जनार्दन घाट के किनारे तक पानी आने से अंतिम संस्कार के बहुत कम सूखी जगह बची है. जलस्तर बढ़ने पर अंतिम संस्कार में भी परेशानी होगी. पटना कलेक्ट्रेट के पूरब एनआइटी घाट, गुलबी घाट पर ऊपर तक सीढ़ियों पर पानी पहुंच गया है.

नावों के सुरक्षित परिचालन को लेकर सतर्कता

गंगा के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. गुरुवार को दीघा में गंगा का जलस्तर 49.66 मीटर, जबकि गांधी घाट में 48.54 मीटर रहा. जानकारों के अनुसार इलाहाबाद व वाराणसी में गंगा नदी के जलस्तर में कमी होने से पटना में भी जलस्तर में कमी होने का अनुमान है. यह कमी एक-दो दिनों में संभव है. पानी के बढ़ने के कारण निचले इलाकों में अलर्ट किया गया है. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से गंगा से सटे प्रखंडों के इलाके में अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के लिए कहा गया है. गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से मनेर, दानापुर, पटना सदर, फतुहा, बख्तियारपुर व मोकामा प्रखंड के 27 गांव प्रभावित होंगे. इसलिए सभी प्रखंड में अधिकारियों को सारी तैयारी रखने के लिए कहा गया है. गंगा में नावों के सुरक्षित परिचालन को लेकर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. दियारा क्षेत्र के लोगों की शहर में आवाजाही का एकमात्र साधन नाव है.

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बढ़ते जलस्तर से पूजा में परेशानी

भद्र घाट पर स्थित मंदिर के पास गंगा नदी पानी आ गया है. चबूतरे की चारों तरफ पानी जमा है. सीढ़ियां भी पानी में डूब गयी हैं. ऐसे में पूजा-पाठ करने वालों को परेशानी हो रही है. लोगों का कहना है गंगा के बढ़ते जलस्तर से पूजा अर्चना व गंगा आरती में परेशानी हो रही है. प्रत्येक मंगलवार को यहां गंगा आरती होती है. चौताल पर जमे पानी में गंगा की आरती करायी जा रही है.

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सूखी नदियों में भी आई जान

हाथीदह में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 41.760 मीटर से ऊपर पहुंच गया है. गुरुवार की शाम पांच बजे तक जलस्तर 41.780 मीटर रिकार्ड किया गया. इससे हाथीदह के पास सेतु का निर्माण कार्य ठप हो गया है. हालांकि, शाम के पांच बजे के बाद जलस्तर स्थिर है. दूसरी ओर टाल की सूखी नदियों में भी जान आ गयी है. यह धान उत्पादकों के लिए वरदान साबित हुआ है.

खेती ने पकड़ी रफ्तार

केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी राज्य की नदियों के जलस्तर के आंकड़ों के अनुसार भागलपुर में भी गंगा खतरे के निशान से नीचे बह रही है. उधर गोपालगंज के डुमरियाघाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर ऊपर था. सीतामढ़ी में बागमती नदी खतरे के निशान से नीचे, जबकि सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से 96 सेमी ऊपर था. खगड़िया में कोसी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी.

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मानसून पर ब्रेक लगने के कारण किसानों को सुखाड़ का भय सता रहा था. इसके बाद अब धान की खेती ने रफ्तार पकड़ ली है. लेकिन, बाढ़ और बारिश से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. कटिहार, अररिया, पूर्णिया में गंगा-कोसी-महानंदा, सौरा आदि छोटी-बड़ी नदियां उफान पर लोगों में दहशत है और निचले इलाकों को खाली करने का आदेश है. पटना में शहर के किनारे रिवर फ्रंट तक पानी फैल गया है. इसके बाद पानी नहीं फैले इलके लिए निगम की ओर से पूरी तैयारी की जा रही है.

पंप के जरिए निकाला जा रहा पानी

शहर के सीवरेज और नाले के पानी को पंप के जरिए निकाला जा रहा है. निगम क्षेत्र के सभी स्लुइस क्षेत्रों को गेट को बंद कर दिया जाएगा. गंगा के साथ ही पुनपुन नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है.निगम क्षेत्र के सीवरेज और ड्रेनेज के जरिए गंगा और पुनपुन में बड़े नालों से पहुंचने वाले नालों के पानी को पंप के माध्यम से डाला जा रहा है. दीघा से लेकर बादशाही नदर तक अतिरिक्त पंप लगाया जा रहा है. स्लुइस गेट को बंद करने का कारण यह है कि गंगा का पानी नाला का जरिए शहर में ना आ जाए.

स्लूइस गेट होगा बंद

पुनपुन नदी का लगातार जलस्तर बढ़ रहा है. इस कारण यहां भी स्लुइस गेट को बंद कर दिया जाएगा. यहां पर लगे सभी पंप को लगातार चलाया भी जा रहा है. मालूम हो कि नदियों का जलस्तर बढ़ने से स्लूइस गेट को बंद कर दिया जाता है. ऐसा नहीं करने से शहर का पानी नहीं निकलेगा. साथ ही नदी का पानी शहर में घुस सकता है.

सीएम ने अफसरों को किया अलर्ट

शहर के सीवरेज के साथ ही नालों के पानी को पंप के जरिए निकाला जा रहा है. स्लूइस गेट को भी बंद किया जाएगा. बिहार में बाढ़ से बचाव के लिए 10 जिलों में स्थायी और 18 जिलों में अस्थायी आश्रय स्थल का भी निर्माण किया गया है. इससे लोगों को बाढ़ के दौरान मदद मिलेगी. बता दें कि बाढ़ को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर है. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बढ़ते गंगा के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया था और अधिकारियों को अलर्ट मेड पर किया है. सीएम ने गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का मुआयना किया. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जल स्तर को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह अलर्ट रहें और सारी तैयारी पूरी रखें.

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सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

इधर, गोपालगंज में तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है. तटबंधों पर अधिकारी और इंजीनियरों की टीम तैनात है और इनकी ओर से कैंप किया जा रहा है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्राइवेट नाव के परिचालन पर रोक लगाई गई है. वहीं, डीएम नवल किशोर चौधरी ने निचले इलाके में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थान पर चले जाने की अपील की है. गांवों में पानी के फैलने की आशंका है. इसको लेकर संबंधित अंचलों के सीओ गांवों में माइक से लोगों से अपील कर रहे हैं. तटबंधों पर निगरानी बढ़ चुकी है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. प्रत्येक एक किलोमीटर पर श्रमिक तैनात है. डीएम खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं. गंडक नदी के बांधो पर 24 घंटे लगातार संबंधित पदाधिकारियों द्वारा पेट्रोलिंग हो रही है.

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