13.1 C
Ranchi
Tuesday, February 25, 2025 | 07:26 am
13.1 C
Ranchi
No videos found

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Durga Puja: अररिया के इस मंदिर में मां दुर्गा और मां काली की होती है एक साथ आराधना, जानें इसकी मान्यताएं

Advertisement

Durga Puja: मंदिर भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से तकरीबन 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. इस मंदिर के नाम व आकर्षण से नेपाल के भीतरी इलाकों से बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष यहां पूजा अर्चना को पहुंचते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

अररिया जिले के सिकटी प्रखंड के मुख्य व्यवसायिक केंद्र बरदाहा बाजार में स्थित सार्वजनिक काली सह दुर्गा मंदिर अपने स्थापना काल से ही प्रसिद्धि की ओर अग्रसर है. यह मंदिर ऐसी जगह अवस्थित है जो हिंदू व मुस्लिम सौहार्द का आदर्श प्रस्तुत करता है. यह मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था व समर्पण के साथ आकर्षण का भी केंद्र बिंदु है. मंदिर भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से तकरीबन 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. इस मंदिर के नाम व आकर्षण से नेपाल के भीतरी इलाकों से बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष यहां पूजा अर्चना को पहुंचते हैं.

मंदिर में नारियल फोड़कर की जाती है पूजा

शारदीय नवरात्र में पूरे भक्तिभाव से माता की पूजा अर्चना की जाती है. जिसमें दोनों समुदाय के लोग शामिल होते हैं. यहां महाअष्टमी को विशेष पूजा आयोजित की जाती है. ऐसा मानना है कि अष्टमी के दिन इस मंदिर में नारियल फोड़कर पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस दिन मंदिर में कुमारी कन्याओं को विशिष्ट भोजन में खीर व मिठाई परोसे जाते हैं. इनके भोजन से तृप्त होने से भी देवी का विशिष्ट आशीर्वाद मिलता है.

महंत स्व श्यामसुंदर भारती के परिजनों ने की थी मंदिर की स्थापना

बुजुर्ग विश्वनाथ मंडल, मोती लाल साह सहित दूसरे बुजुर्ग इस मंदिर के बारे में बताते हैं कि अंग्रेजी शासनकाल में ही इस मंदिर की स्थापना यहां के महंत स्व श्याम सुंदर भारती के पूर्वजों के द्वारा 20 वीं सदी में की गयी थी. उस समय भी कच्चे घर में देवी भगवती की नवरात्र मर मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती थी. 1990 के शुरुआती दिनों में मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्यक्रम शुरू हुआ. धीरे-धीरे पूजा समिति के सक्रिय होने व लोगों की जागरुकता के साथ इसके निर्माण का प्रयास सार्थक हुआ. अब यह एक भव्य मंदिर का स्थान ले चुका है.

पहले दी जाती थी बलि, अब वैष्णवी रूप की होती है पूजा

पूर्व में इस मंदिर में देवी दुर्गा के भक्तों द्वारा नवमी तिथि को छगर की बली दी जाती थी. कालांतर में यहां कतिपय कारणों से बली प्रथा बंद हो गयी. अब यह भगवती के वैष्णवी रूप की पूजा वैदिक मंत्रोच्चार व पूरे विधि विधान के साथ की जाती है. नवरात्र में देवी भगवती की पूजा अर्चना के बाद विजयादशमी पर मूर्ति के विसर्जन के बाद यहां देवी काली की प्रतिमा स्थापित की जाती है. मां काली की प्रतिमा सालोभर रहती है. भक्ति जागरण के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन पूजा समिति की ओर से किया जाता है.

भक्त देते हैं शक्तिपीठ की मान्यता

मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मनोज कुमार साह उर्फ बिगुल ने बताया कि मंदिर को लेकर भक्तों की आस्था इसे शक्तिपीठ का स्थान देती हैं. दशहरा के समय भव्य मेले का आयोजन होता है. आसपास के दर्जनों गांव सहित नेपाल स सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है. दोनों समुदाय के सहयोग से विधि-व्यवस्था का संधारण किया जाता है, जो यहां के लिए बहुत बड़ी विशेषता है. स्थानीय लोगों के सहयोग से मंदिर का हर कार्य पूर्ण होता आया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर