18.1 C
Ranchi
Saturday, February 22, 2025 | 11:35 pm
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा को अपनाकर ही फिर भारत बन सकता विश्व गुरु: डॉ सिद्धार्थ शंकर

Advertisement

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में जुबली हाॅल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

दरभंगा. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में जुबली हाॅल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डाॅ सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि आयातित ज्ञान की अपेक्षा अपनी प्राचीन ज्ञान परंपरा को पहचानने का प्रयत्न होना चाहिए. यह प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा से ही संभव है. अतीत में हम विश्व गुरु थे और इस परंपरा को आत्मसात कर के ही हम पुनः विश्व गुरु बन सकते हैं. वहीं समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ अजय कुमार पंडित ने कहा कि आज का दिन गुरुजनों के प्रति श्रद्धा निवेदित करने का दिन है. किताबों से नहीं गुरुमुख से सच्चे ज्ञान की प्राप्ति होती है. समारोह के विशिष्ट वक्ता विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्र ने भारतीय शिक्षण पद्धति में निहित गुरु-शिष्य परंपरा के महात्म्य पर प्रकाश डाला. वहीं अध्यक्षीय संबोधन में लनामिवि के मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. चंद्र भानु प्रसाद सिंह ने कहा कि गुरु की सार्थकता अपने शिष्यों से पराजित होने में है. उन्होंने कहा कि आज का दिन वेदव्यास के महान कृतित्व को याद करने का दिन है. वेदव्यास ने वेदों की श्रुति परंपरा को लिपिबद्ध किया. आज ही महाभारत की रचना पूर्ण हुई थी. भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही संदीपन ऋषि से दीक्षा ली थी. प्रो. सिंह ने कहा कि तकनीकी परिवर्तन ने गुरु-शिष्य परंपरा को खंडित किया है. वहीं सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभाष चंद्र मिश्र ने मिथिला के संदर्भ में गुरु-शिष्य परंपरा के वैशिष्ट्य को रेखांकित किया. हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश कुमार ने आधुनिक युग में गुरु-शिष्य परंपरा में आये बदलाव पर प्रकाश डाला. समारोह का समापन कार्यक्रम समन्वयक डाॅ विनोद बैठा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ. इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो. अजय नाथ झा, परीक्षा नियंत्रक डाॅ विनोद कुमार ओझा, उप कुलसचिव डाॅ कामेश्वर पासवान, डाॅ मंजरी खरे, विभिन्न महाविद्यालयों के कार्यक्रम पदाधिकारीगण समेत में एनएसएस के स्वयंसेवक उपस्थित थे. इससे पहले महर्षि वेदव्यास की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गयी. हिन्दी की शोधप्रज्ञ बेबी एवं खुशबू ने गुरुवंदना की प्रस्तुति दी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें