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मौसम की बेरुखी से खरीफ फसल बचाना हुआ किसानों के लिए मुश्किल

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तेज धूप व उमस भरी गर्मी से आमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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बहादुरपुर. तेज धूप व उमस भरी गर्मी से आमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सूखे की स्थिति देख किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. किसानों को खरीफ फसल को बचाने के लिए एड़ी-चोटी एक करना पड़ रहा है. खेतो में लगी धान की फसलों में दरारें फटने लगी है. किसान जैसे-तैसे पटवन कर फसल को बचाने में जुटे हुए हैं. तेज धूप एवं उमस भरी गर्मी के कारण पटवन करने के एक-दो दिन बाद ही खेतों में पटवन कराने की जरूरत पड़ जाती है. गर्मी के कारण अब धीरे-धीरे खेतों में लगी बोरिंग का पानी का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. इस कारण किसानों को खेती में खर्च का दबाव बढ़ने लगा है. सरकारी नलकूप बन्द पड़े हुए हैं. विभाग की मानें तो जिले के सभी प्रखंडों के प्रत्येक पंचायत में एक से दो नलकूप हैं, परंतु कुछ ना कुछ तकनीकी गड़बडी के कारण बंद पड़े हैं. इस बार किसानों को खरीफ फसल को बचाना काफी मुश्किल है. अंदामा के किसान संजीत कुमार दास, अतुल सिंह, गुड्डू सिंह, टीकापट्टी-देकुली के श्याम नंदन यादव, नागेश्वर पासवान आदि बताया कि खरीफ फसल को बचाना काफी मुश्किल हो गया है. सरकारी नलकूप बंद पड़े हुए हैं. डीजल संचालित व इलेक्ट्रिक पंप सेट से जैसे-तैसे पटवन कर रहे हैं. ऐसे में खर्च का दबाव बढ़ने लगा है. इसी तरह बारिश नहीं होगी तो खेतों में लगी धान की फसल को बचाना काफी मुश्किल हो जायेगा. जिले में एक से 15 अगस्त तक वर्षापात पर नजर डालें तो अभी तक समान्य वर्षापात से 33 फीसदी एमएम कम बारिश हुई है. वित्तीय वर्ष 2023 में एक से 15 अगस्त तक सामान्य वर्षापात 137.95 एमएम के विरुद्ध 183.72 एमएम वर्षापात रिकार्ड किया गया था. इस वर्ष सामान्य वर्षापात 137.95 एमएम के विरुद्ध 105.37 एमएम रिकार्ड किया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में 33 मिलीमीटर कम बारिश हुई है. जिले के विभिन्न प्रखंडों में वित्तीय वर्ष 2024 में खरीफ के तहत विभिन्न फसलों का 96 प्रतिशत आच्छादन हुआ है. इसके तहत एक लाख आठ हजार 580.4 हेक्टेयर के विरुद्ध एक लाख छह हजार 427 हेक्टेयर में आच्छादन हुआ है. इसमें धान का लक्ष्य एक लाख 709.40 हेक्टेयर में 98 हजार 616 हेक्टेयर में आच्छादन हुआ है. इसी प्रकार मक्का लक्ष्य 1144.03 हेक्टेयर के विरूद्ध 1324 हेक्टेयर, मरुआ 1876.03 हेक्टेयर के विरुद्ध 1816 हेक्टेयर व दलहन 1581.91 हेक्टेयर के विरूद्ध 1351 हेक्टेयर में आच्छादन हुआ है. डीएओ सह परियोजना निदेशक आत्मा विपिन बिहारी सिन्हा ने बताया कि जिले में इस वर्ष बहुत कम बारिश हुई है, बावजूद खरीफ के तहत विभिन्न फसलों का 96 प्रतिशत आच्छादन हो चुका है. धान 95 प्रतिशत आच्छादन हुआ है. वहीं मक्का 124 प्रतिशत व मरुआ 93 प्रतिशत आच्छादन हुआ है. सूखे की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार व कृषि विभाग द्वारा किसानों को डीजल अनुदान दिया जा रहा है. जिले के विभिन्न प्रखंडों के एक हजार किसानों को अभीतक डीजल अनुदान की राशि खाते में भेजी जा चुकी है. शेष किसानों के आवेदनों को बीएओ व कृषि समन्वयक को सत्यापित करने का निर्देश दिया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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