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80 फीसदी मेडिकल लीगल केस स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों के खिलाफ

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चिकित्सा के दौरान उत्पन्न होने वाले मेडिको लीगल केस के बारे में विस्तार से बताया.

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दरभंगा. अहमदाबाद के वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ एमसी पटेल ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में स्थानीय विशेषज्ञों को गर्भवती महिलाओं की चिकित्सा के दौरान उत्पन्न होने वाले मेडिको लीगल केस के बारे में विस्तार से बताया. कहा कि हमें चिकित्सा के दौरान सजग रहना है. पहले मरीजों को डॉक्टर दिलासा देते थे कि इलाज के दौरान आपको कुछ नहीं होगा. परंतु, अब डॉक्टर को मरीजों से दिलासा की जरूरत है, कि इलाज के बाद मरीज और उनके परिजनों द्वारा डॉक्टर के साथ कुछ नहीं किया जायेगा. कहा कि डॉक्टरी पेशा से संबंधित वर्तमान में दो दर्जन के आसपास कानून है, जिन्हें डॉक्टरों को जानना जरूरी है. अनिश्चितता के कारण इलाज के दौरान डॉक्टरों को निर्णय लेने में किसी भी चूक का दुष्परिणाम मेडिको लीगल केस के रूप में मिलता है. कहा कि अभी जितने भी मेडिकल लीगल केस होते हैं, उसमें 80 प्रतिशत स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों के खिलाफ होते हैं. डॉ एमसी पटेल ने मेडिकल लीगल केस से बचने के लिए मरीज के साथ संवाद स्थापित करने पर जोर दिया. परीक्षण के दौरान प्राप्त जानकारी को सूक्ष्मता के साथ नोट करने और रिकॉर्ड को समुचित समय तक सुरक्षित रखने को आवश्यक बताया. मरीज से हर प्रक्रिया के लिए अलग कंसेंट लेने को कहा. कंसेंट लेना सिर्फ एक हस्ताक्षर नहीं, बल्कि मरीज के साथ चर्चा की हुई सारी बातों को बिंदुवार नोट कर मरीज से सहमति लेना जरूरी बताया. स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ओम प्रकाश, डॉ अलका झा, डॉ राजश्री पूर्वे, डॉ सुप्रिया नारायण, डॉ कुमुदिनी झा ने भी व्याख्यान दिया. मौके पर डॉ भरत प्रसाद, डॉ अरुणाचल झा, डॉ सुप्रिया नारायण, डॉ बबीता सिंह, डॉ सीमा प्रसाद, डॉ शशि बाला प्रसाद, डॉ रेनू झा, डॉ वसुधा रानी आदि मौजूद रही.

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