19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 11:10 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

स्कंदमाता की हुई पूजा-अर्चना

Advertisement

नवरात्र के पांचवें दिन सोमवार को मां स्कंदमाता की आराधना की गयी

Audio Book

ऑडियो सुनें

बक्सर.

नवरात्र के पांचवें दिन सोमवार को मां स्कंदमाता की आराधना की गई. शहर समेत जिले भर के मंदिरों में माता भगवती के पांचवें स्वरूप देवी स्कंदमाता की पूजा विधि-विधान से की गयी. जिससे माहौल भक्तिमय हो गया. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच माता रानी को गंध, पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य अर्पित किए गए और घंटे-घड़ियाल व शंख ध्वनि के बीच उनकी आरती उतारी गय. सुबह से लेकर दोपहर बाद तक मां भगवती के दर्शन-पूजन के लिए देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं के तांता लगे रहे. इसके अलावा पंडालों एवं घरों में नवरात्र का अनुष्ठान करने वाले भक्तों द्वारा भी वैदिक विधि-विधान से मंत्रोच्चार के बीच मां स्कंदमाता की आराधना कर दुर्गा सप्तशती के पाठ किए गए. पौराणिक कथाओं के मुताबिक नौरात्र का पांचवां दिन भगवती ”स्कंदमाता” को समर्पित है. यह माता अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं. देवी स्कंदमाता का स्वरूप चार भुजा धारी हैं. जिनके नीचे की दाहिने हाथ में कमल पुष्प सुशोभित होता है. बाई तरफ की ऊपर वाली भुजा वर मुद्रा में होता है. कमल के आसन पर विराजमान रहने वाली इस माता का वर्ण शुभ्र तथा वाहन शेर है. इनका आसन कमल होने के कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है. मां स्कंदमाता की उपासना से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. उपासक को इस मृत्युलोक में ही परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है. उसके लिए मोक्ष का द्वार सुलभ हो जाता है. इनकी उपासना से बाल रूप भगवान स्कंद की स्वयमेव हो जाती है. यह देवी सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री हैं. अतएव इनके पूजन-अर्चन करने वाले श्रद्धालु अलौकिक तेज एवं कांति से संपन्न हो जाता है. वहीं चक्की में नवरात्र के पांचवें दिन स्कंद माता की उपासना का दिन होता है. नवरात्र के पांचवें दिन सोमवार को चक्की प्रखंड सहित आसपास के सभी गांवों में विभिन्न देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने स्कंदमाता की पूजा अर्चन भक्ति भाव से किया. सोमवार को अहले सुबह से ही गांव की गलियों में मंदिरों पर जाने के लिए महिला व पुरुष श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया था. विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण किया जा रहा था. वहीं मंदिर परिसर में महिलाओं द्वारा पारम्परिक देवी गीत गाने से मंदिर गूंज रहा थे.पंडित बासुदेव ओझा ने बताया कि पांचवें दिन मां स्कंदमाता का दिन है जो मोक्षदायनी माता परम सुख देने वाली हैं. मां अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें