सिल्क सिटी की सड़कों पर सोमवार को लोगों को भारत में विविधता में एकता की संस्कृति को प्रदर्शित किया गया. ऐसे में पूरा भारत भागलपुर के मुख्य बाजार क्षेत्र में देखने को मिला. भागलपुर रंग महोत्सव के तीसरे दिन मुख्य बाजार अंतर्गत डोकानिया धर्मशाला स्थित बने नाट्यग्राम से रंग जुलूस निकाला गया.
जुलूस में दिया अलग-अलग सामाजिक संदेश
विभिन्न चौक-चौराहों पर रंग जुलूस में असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड व बिहार की 13 सांस्कृतिक संस्थाओं ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन नृत्य व भाव-भंगिमा से किया. रंग जुलूस में पथ जमशेदपुर की ओर से भगवान बिरसा मुंडा व संथाली संस्कृति, नॉर्थ ईस्ट कलर्स ऑफ टेलेंट, असम के प्रतिभागी बिहू नृत्य, रवींद्र नगर नाट्य युद्ध, कोलकाता की ओर से बांग्ला संस्कृति, रंगश्री पटना की ओर से स्वच्छता का संदेश, मेधा, जलपाईगुड़ी दर्पण नाटक, पश्चिम बंगाल की महिला टीम ने बंगाली मैरेज फेस्टिबल, गीता थियेटर, जमशेदपुर की ओर से समाज की कुरीतियों पर चोट, ममलखा, हरिदासपुर के स्कूल के छात्र-छात्रा की ओर से देशभक्ति की झांकी प्रस्तुत की गयी. भागलपुर के स्कूल के छात्र स्वच्छता जागरूकता संदेश, मंजूषा कला प्रशिक्षण केंद्र, बरारी की ओर से मंजूषा कला, एसएमएस मिशन के बच्चों ने अनुशासन का संदेश दिया.इससे पहले रंग जुलूस काे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता देवाशीष बनर्जी, निदेशक कपिलदेव रंग, गौतम बनर्जी, तरुण घोष, प्रकाशचंद्र गुप्ता, तापस घोष आदि ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. पूरे मार्ग में देशभक्ति गीत व धुन पर विभिन्न प्रांतों के कलाकारों लोक नृत्य पेश किये. इस मौके पर डॉ अशोक यादव, दीपक पाठक, सुनील कुमार रंग, शांतनु गांगुली, जगतराम साह कर्णपुरी, लीजा घोष, तनीमा सरकार, घोष गौरव, प्रणव कुमार, धीरज कुमार, रवि कुमार, महबूब आलम, तकी जावेद आदि उपस्थित थे.
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