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निगम की बैठक में अब आम लोगों की होगी इंट्री, आधा दर्जन नियमों में बदलाव

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नगर निगम के नियमों में बदलाव करने का फैसला सरकार ने लिया है.

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– सरकार ने नगर निगम से जुड़े नियमों में किया बदलाव, वरीय संवाददाता, भागलपुर नगर निगम के नियमों में बदलाव करने का फैसला सरकार ने लिया है. नगरपालिका संशोधन बिल को लेकर हो रहे विरोध के बाद यह बदलाव किया है. बदलाव के तहत मुख्य कार्यपालक अधिकारी पर अब स्टैंडिंग कमेटी नजर रख सकेंगे. कचरा प्रबंधन का दर निर्धारण और क्रियान्वयन नगरपालिका ही करेगी. अब आमलोग भी नगरपालिका की बैठकों में शामिल हो सकेंगे. यानी, नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हो या फिर सामान्य बोर्ड की बैठक, इसकी कार्यवाही आमलोग भी देख सकेंगे. अब तक नगरपालिका की बैठक में सिर्फ सदस्यों की भागीदारी होती रही है. संसद एवं विधानमंडल की कार्यवाही देखने के लिए भी दर्शकों के लिए दर्शक दीर्घा की व्यवस्था की जाती रही है. इस तर्ज पर नगरपालिका की प्रत्येक बैठक में कार्यवाही को देखने के लिए अब मेयर, मुख्य पार्षद व अध्यक्ष द्वारा सदस्यों के अतिरिक्त लोगों को इसमें बैठने की अनुमति दी जा सकेगी. नगर निगम की बैठक में 20 व्यक्ति, नगर परिषद में 15 व्यक्ति एवं नगर पंचायत की बैठक में कार्यवाही देखने के लिए 10 व्यक्ति को अनुमति मिल सकेगी. लेकिन, इसमें भाग लेने वाले आम लोगों को बोलने की अनुमति नहीं होगी. स्टैंडिंग कमेटी को फिर से मिला सुपरवाइजर का पावर नगर निगम में सुपरवाइजर का पावर फिर से स्टैंडिंग कमेटी को मिला है. राज्य सरकार ने यह बदलाव किया है. पहले मुख्यालय स्तर पर प्रावधान था. इस संबंध में मेयर डॉ बसुंधरा लाल ने राज्य सरकार एवं नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्णय का स्वागत की है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि का सम्मान और अधिकार को ध्यान में रख राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है. यह बदलाव भी हुआ प्रोसिडिंग 15 दिन के अंदर जारी करनी होगी नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी और बोर्ड की बैठक की प्रोसिडिंग 15 दिन के अंदर जारी करनी होगी. इस नियम के बदलाव से आम नागरिकों की सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी. दरअसल, यह अक्सर देखा जा रहा है कि स्टैंडिंग कमेटी या समान्य बोर्ड की बैठक में जो निर्णय लिए जाते हैं और जो प्रस्ताव पारित होते हैं वह लंबे समय तक प्रोसिडिंग में फंसा रहता है. जबतक प्रोसिडिंग की कॉपी निगम प्रशासन की ओर से नगर सरकार को उपलब्ध नहीं करा दी जाती है, तब तक आगे की कार्यवाही मुमकिन नहीं होती है. इससे योजनाएं लंबित रहती है. प्रोसिडिंग को अगली बैठक में रखना किया अनिवार्य निगम के स्टैंडिंग कमेटी व सामान्य बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय और प्रस्ताव की अब अगली बैठक में रखना अनिवार्य किया है. पहले व्यवस्था में यह 7 दिन थी. लेकिन, अगली बैठक में कभी रखी जाती है, तो कभी नहीं. प्रोसिडिंग में महीनों लग जाता है. निकायों से पास फैसला रोकने का अधिकार सरकार ने लिया वापस निकायों से पास फैसला रोकने का अधिकार सरकार ने अपने पास रखा था. इसे अब वापस लिया है. एजेंसी का चयन और दर तय करने का पावर नगर निकाय को मिला सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि एजेंसी के चयन की प्रक्रिया और दर का निर्धारण नगर निकाय द्वारा किया जायेगा. यह निर्णय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं संचालन का सौंपा जाना और प्रभार का बिल तैयार करना एवं उनका संग्रहण से संबंधित है.

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