24.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 05:42 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Bihar News: प्रशासन के लेटलतीफी से होगा बड़ा नुकसान, एक माह बाद भी नहीं खुली लीची बगान की वित्तीय निविदा

Advertisement

Bihar News: सहरसा मंडल कारा की जमीन पर लीची बगान है. दरअसल फरवरी महीने के प्रारंभ में ही जेल सुपरीटेंडेंट ने अखबारों में लीची बगान की निविदा प्रकाशित करायी थी. समय पर टेक्निकल बिड खुला और 26 फरवरी को वित्तीय निविदा खुलने की तारीख निर्धारित की गई थी. लेकिन अब तक नहीं हुआ.

Audio Book

ऑडियो सुनें

सहरसा. जिला प्रशासन के लेटलतीफी की इंतहा है. जिससे कई क्षेत्रों में कार्य की गति अवरुद्ध होती है और सरकार को वित्तीय नुकसान भी होता है. अब जिस निविदा के खुलने की तिथि 26 फरवरी निर्धारित की गई थी, वह एक महीने बाद भी नहीं खुल सकी है. जिला प्रशासन न तो इसका कोई कारण बता रहा है और न ही कोई नई तारीख ही मुकर्रर कर रही है.

निविदा खुलने का इंतजार कर रहे लोग

मंडल कारा की जमीन पर लीची बगान भी प्रशासन की इसी लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा है. दरअसल फरवरी महीने के प्रारंभ में ही जेल सुपरीटेंडेंट ने अखबारों में लीची बगान की निविदा प्रकाशित करायी थी. समय पर टेक्निकल बिड खुला और 26 फरवरी को वित्तीय निविदा खुलने की तारीख निर्धारित की गई थी. लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन इस दिशा में कोई कदम बढ़ाता नहीं दिख रहा है.

टीएन लाल दास ने लगाया था बगान

मत्स्यगंधा जलाशय और रक्तकाली चौंसठ योगिनी धाम के निर्माण के समय ही साल 1997 में तत्कालीन जिला पदाधिकारी तेज नारायण दास ने मंडल कारा से पूरब खाली और बेकार पड़ी जमीन पर लीची बगान लगाया. यहां मंडल कारा के कुल भूखंड छह बीघे में से चार बीघे पर लीची के लगभग 120 पेड़ लगे हैं. इन पेड़ों से हर साल पांच से साढ़े पांच लाख रुपये तक के लीची बिकते हैं. हर साल जेल सुपरीटेंडेंट इस बगान की बंदोबस्ती के लिए टेंडर निकालते हैं.

Also Read: Bochaha By Polls: बोचहां सीट पर 13 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला, फूलगोभी तो किसी को अंगूर मिला चुनाव चिह्न
अधर में लटके टेंडर प्रक्रिया

अधिक बोली लगाने वालों को साल भर के लिए यह बगान सुपुर्द कर दिया जाता है. लेकिन इस साल जब पेड़ में अत्यधिक मंजर आये हैं और फल बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में अब तक टेंडर का पूरा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. जानकार बताते हैं कि लीची अथवा आम के फल को बचाने के लिए समय पर पानी व दवा के छिड़काव की जरूरत होती है. अधर में लटके टेंडर प्रक्रिया के कारण लीची की पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना दिख रही है. मिली जानकारी के अनुसार इस बार भी तीन लोगों ने टेंडर में भाग लिया है. लेकिन वित्तीय निविदा खुलने के इंतजार में वे पेड़ के मंजरों को निहार भर रहे हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें