19 C
Ranchi
Friday, February 21, 2025 | 01:46 am
19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सुरक्षा कारणों से एसडीएम ने नाव के परिचालन पर लगायी रोक

Advertisement

कोईलवर प्रखंड मुख्यालय से 12 किमी दूर कायमनगर पंचायत का ज्ञानपुर गांव पिछले एक महीने से बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोईलवर.

कोईलवर प्रखंड मुख्यालय से 12 किमी दूर कायमनगर पंचायत का ज्ञानपुर गांव पिछले एक महीने से बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है. इस दौरान पूरे गांव में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है. गांव के चारो तरफ बाढ़ का पानी पसरने से गांव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आपातकाल में महिला व बुजुर्ग मरीजों को इलाज के लिए ले जाए जाने में परेशानी हो रही है. बच्चियों के स्कूल छूट रहे हैं. इस दौरान स्थानीय लोग किसी तरह दो नाव का जुगाड़ कर गांव से मुख्य सड़क तक आते थे. उसे भी गुरुवार को एसडीएम ने बंद करवा दिया जिससे परेशानी और बढ़ गयी. अब वैकल्पिक रास्ते का सहारा लेकर लोग कायमनगर पहुंच रहे है जिससे उन्हें पांच से सात किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है.

गांव के चारों तरफ पसरा है बाढ़ का पानी :

पटना-बक्सर फोरलेन से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर बसे ज्ञानपुर गांव से सटे बरसाती नदी का पानी पूरे गांव के आसपास के इलाके में फैल गया है. पिछले एक महीने से यह पानी गांव के चारो तरफ के खेत और रास्तो पर 2 से 10 फुट की गहराई तक पसरा है. इससे स्थानीय लोगों को गांव से बाहर निकलने में परेशानी होने लगी. स्थानीय लोगों ने जनसहयोग से दो नाव की व्यवस्था की जो प्रति व्यक्ति 5 रुपये लेकर लोगों को मुख्य सड़क तक पहुंचाता था. इस नाव से दैनिक मजदूरी करने वाले लोग,स्कूल जाने छात्र छात्राएं और बुजुर्ग महिला एवं प्रसूति महिलाओं को अस्पताल या अन्य कार्यों के लिए गांव से बाहर आने जाने में सहूलियत होती थी. गुरुवार की दोपहर बाढ़ का निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए नाव का परिचालन बंद कर दिया साथ ही नाव चलाते पकड़े जाने पर नाविकों पर एफआईआर करने की बात कह दी. एसडीएम के आदेश के बाद नाविकों ने नाव का परिचालन बंद कर दिया. इस दौरान एसडीएम ने लोगों को गांव के पीछे से होकर गुजरने वाली बांध पर बनी सड़क इस्तेमाल करने को कहा. साथ ही उस रूट पर ऑटो चलवाने की भी बात कही. हालांकि 36 घंटे बाद भी कोई ऑटो उस सड़क पर नही चल रही थी जिस वजह से मजबूरन लोगों को जरूरी काम के लिए पांच किमी से अधिक की दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है.

अब पांच किमी अतिरिक्त दूरी करनी पड़ रही तय :

गुरुवार दोपहर एसडीएम के निरीक्षण के बाद बंद हुए नाव के परिचालन के बाद ज्ञानपुर के लोग परेशानी में पड़ गये. सुबह दैनिक मजदूरी करने गये लोग और आरा के स्कूल गए छात्र छात्रा जब शाम को लौटे तो उन्हें मायूस होना पड़ा. किसी तरह वे बाढ़ के पानी में घुसकर और तैरकर गांव पहुंचे. इसी बीच आरा के अमीरचंद स्कूल से पढ़कर घर लौट रही छात्रा जब तैरकर अपने घर पहुंचने की कोशिश कर रही थी तो डूबने लगी. शोरगुल सुन स्थानीय लोगों ने पानी में छलांग लगाई और उसे बचाकर किनारे पर ले आये. स्थानीय लोगों ने बताया कि नाव का परिचालन बन्द होने से समस्या बढ़ गयी है. इधर एसडीएम ने जो ऑटो चलाने की बात कही थी उसका शुक्रवार तक कोई अता पता नहीं था. मजबूरन लोग बांध के रास्ते पांच किमी की दूरी पैदल तय कर कायमनगर आते जाते दिखे. स्थानीय महिलाओं ने बताया कि एसडीएम ने जिस रास्ते का विकल्प बता नाव ल परिचालन बंद करा दिया है, वह कहीं से सही नहीं है. बांध के रास्ते पांच किमी की दूरी तय करनी पड़ती है जो जंगल झाड़ से घिरा हुआ है. गांव के दो दर्जन से अधिक लड़कियां आरा के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में पढ़ने जाती हैं. ऐसे में सुनसान और जंगल झाड़ वाले रास्ते से उनका आना जाना कहीं से सुरक्षित नहीं है. इसी डर से शुक्रवार को कई लड़कियां स्कूल नहीं गयीं. इधर गांव के प्राथमिक और मध्य विद्यालय में भी पढ़ाई बाधित है. विद्यालय के दरवाजे पर ही डूबने भर पानी लगा हुआ है. इसी डर से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नही भेज रहे हैं. हालांकि शिक्षक किसी तरह स्कूल आ रहे हैं.

बीडीओ, सीओ, एसडीएम, विधायक के निरीक्षण के बाद भी कोई सुविधा नहीं :

ग्रामीणों ने बताया कि जबसे बाढ़ आया है किसी ने सुध नही ली है. स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर बीडीओ सीओ एसडीएम विधायक जो भी आता है या तो फोरलेन सड़क पर से देख कर चला जाता है या फिर गांव के बाहर बाहर ही घूमकर चले जाते हैं. निरीक्षण के बाद भी सरकारी स्तर पर न ही नाव की व्यवस्था की गई है और ना ही अन्य सुविधाएं लोगों को मुहैया करायी गयी है. उल्टे जो नाव लोगों ने व्यवस्था की थी उसे भी बंद करवा दिया गया. तकरीबन एक महीने से पानी से घिरे यहां के लोगों को अब महामारी का भी डर सता रहा है.वे भविष्य में होने वाले महामारी को लेकर भी आशंकित हैं. इधर इस बाबत बात करते हुए सदर एसडीओ विकास कुमार ने इस संबंध में बताया कि सुरक्षा कारणों को लेकर नाव के परिचालन को बंद कराया गया है. वैकल्पिक तौर पर बांध के रास्ते ज्ञानपुर जाने वाले पथ पर ऑटो का परिचालन शुरू कराने को कहा गया है. जल्द ही स्थानीय लोगों की अन्य समस्याओं का समाधान कराया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें