14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 04:04 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

भारत की बढ़ती हिस्सेदारी

Advertisement

भारत में विभिन्न सुधार कार्यक्रमों के साथ-साथ निवेश और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

वैश्विक आपूर्ति शृंखला और उत्पादन प्रक्रिया में भारत का हिस्सा बढ़ रहा है. इस मामले में चीन सिरमौर है, पर अनेक कारणों से बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन के साथ-साथ अन्य देशों में भी अपनी गतिविधियां बढ़ा रही हैं. कुछ कंपनियां चीन को छोड़ भी रही हैं. इसका सर्वाधिक लाभ भारत को होने की संभावना है. नोमुरा रिसर्च के मुताबिक, कंपनियों के भारत के प्रति आकर्षण का मुख्य कारण भारत का विशाल उपभोक्ता बाजार है. इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, विभिन्न प्रकार के संयंत्र एवं साजो-सामान, सेमीकंडक्टर असेंबली आदि के मामले में भारत की प्रगति तेजी से हो रही है. आर्थिक विकास की प्रक्रिया में ऐसा समय-समय पर होता है, जब उत्पादक विकसित देशों को छोड़कर विकासशील देशों का रुख करते हैं. ऐसे निर्णयों के पीछे सस्ता श्रम, संसाधनों की उपलब्धता, नियम-कानूनों में स्थायित्व एवं पारदर्शिता, राजनीतिक स्थिरता, ठोस सुधार प्रक्रिया, भू-राजनीतिक स्थिति जैसे कारण होते हैं.

वैश्विक आपूर्ति शृंखला में चीन का एक-चौथाई हिस्सा है. एक ही देश पर इतनी अधिक निर्भरता अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए एक आदर्श स्थिति नहीं है. साथ ही, महामारी के बाद मांग भी बढ़ने लगी है तथा अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आ चुकी है. भारत में विभिन्न सुधार कार्यक्रमों के साथ-साथ निवेश और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं. जनसांख्यिकीय लाभांश की स्थिति में होने के कारण यहां श्रम उपलब्धता भी अपेक्षाकृत बेहतर है. नोमुरा ने रेखांकित किया है कि भारत में निवेशकों को प्रारंभ में संयम रखने की आवश्यकता है, पर निकट भविष्य में अवसर बढ़ेंगे. कंपनियों और निवेशकों के आने से भारत के निर्यात में भी रिकॉर्ड वृद्धि का अनुमान है, जो 2023 में 431 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 835 अरब डॉलर हो सकता है.

हमारे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इलेक्ट्रॉनिक्स का योगदान लगभग तीन प्रतिशत है, जो अनेक एशियाई देशों से बहुत कम है. केंद्र सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए अनेक प्रयास कर रही है, जिनमें उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन योजना प्रमुख है. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाल में एक व्यापक नीति लागू की गयी है. रक्षा उत्पादन में निवेश के नियमों में सुधार होने से निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ी है. सौर ऊर्जा और दवा निर्माण भी ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों की रुचि है. इन सभी क्षेत्रों में हाल के वर्षों में उत्साहजनक विकास हुआ है. संबंधित उत्पादों के लिए बहुत बड़ा घरेलू बाजार तो है ही, निरंतर बढ़ते निर्यात से यह इंगित होता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत में निर्मित वस्तुओं के प्रति विश्वास बढ़ रहा है. ऐसे में विस्तार के प्रयास में लगी कंपनियों के लिए भारत पसंदीदा गंतव्य बन गया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें