22.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 01:02 pm
22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Happy Independence Day: अक्षय ऊर्जा बना भारत की तरक्की का नया ईंधन

Advertisement

वर्ष 1998 में इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन एक्ट ने ऊर्जा क्षेत्र में आर्थिक सुधारों को गति दी. इससे केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीइआरसी) तथा राज्यों में नियामकीय व्यवस्था खड़ी हुई. 2003 में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की वजह से ग्रामीण इलाकों में भी हर घर तक बिजली की पहुंच तय हुई.

Audio Book

ऑडियो सुनें

अरविंद कुमार मिश्रा

- Advertisement -

भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. इस लक्ष्य तक पहुंचने में ऊर्जा सबसे अहम किरदार है. 75 वर्ष पहले जब देश आजाद हुआ, तबसे अब तक जीवनशैली में काफी बदलाव आये हैं. जीवन को गुणवत्ता देने की बेहतरीन कहानियां ईंधन की बदौलत ही लिखी जा रही हैं. घरों में जलाऊ लकड़ी की जगह एलपीजी और लालटेन की जगह एलइडी बल्ब हैं. सड़कों में इलेक्ट्रिक वाहन फर्राटे मार रहे हैं. ऊर्जा संसाधनों से देश ने खाद्यान सुरक्षा के साथ रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा को नया मुकाम दिया है.

वर्ष 1947 में आजादी की पहली सुबह तक देश में 1362 मेगावाट बिजली तैयार होती थी. 23,238 किमी लंबी ट्रासमिशन लाइनों से सीमित शहरों और कस्बों तक बिजली पहुंचती थी. इस समय देश में 4 लाख मेगावाट से अधिक बिजली तैयार हो रही है. सरकारी दावों के मुताबिक, शत प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य भी हासिल किया जा चुका है. ट्रांसमिशन लाइन की लंबाई 1 करोड़, 34 लाख, 40 हजार 258 सीकेटी किमी को पार कर चुकी है. प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 16 यूनिट से बढ़कर 1231 यूनिट से अधिक है.

ऊर्जा आत्मनिर्भरता की यात्रा में पिछले सात दशक में कई बड़े नीतिगत कदम उठाये गये. वर्ष 1948 में इलेक्ट्रिसिटी (सप्लाइ) एक्ट आया. इससे केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीइए) तथा राज्यों में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का गठन हुआ. वर्ष 1998 में इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन एक्ट ने ऊर्जा क्षेत्र में आर्थिक सुधारों को गति दी. इससे केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीइआरसी) तथा राज्यों में नियामकीय व्यवस्था खड़ी हुई. 2003 में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की वजह से ग्रामीण इलाकों में भी हर घर तक बिजली की पहुंच तय हुई. इसमें बिजली के उत्पादन, वितरण को प्रतिस्पर्धी बनाने के साथ बिजली चोरी रोकने के उपाय हुए. सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के इन साझा प्रयासों से देश आज बिजली निर्यातक बन चुका है.

सवाल है आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की इस यात्रा को किस ओर ले जाना है. हम सब जानते हैं कि ऊर्जा रूपी प्रकृति का उपहार हमारी जिंदगी को बेहतर बनाता है. यदि यह अनियोजित तरीके से इस्तेमाल हो तो जलवायु संकट भी पैदा करता है. ऐसे में ऊर्जा की टोकरी को अब सौर, पवन, हाइड्रोजन जैसे अक्षय संसाधनों से महकाना होगा. कभी न खत्म होने वाले ऊर्जा के ये अक्षय स्रोत न सिर्फ कम प्रदूषक हैं, बल्कि लागत सक्षम हैं. भारत ने बढ़ते जलवायु संकट के बीच नवीकरणीय ऊर्जा की ताकत को पहचाना है. देश में पिछले पांच साल में अक्षय ऊर्जा उत्पादन 162 फीसदी बढ़ा है. हमारे ऊर्जा जरूरत में 158.12 गीगावाट हिस्सेदारी (लगभग 40 फीसदी) नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की है. 2035 तक इसे 450 गीगावाट करने का लक्ष्य है. भारत सौर तथा पवन ऊर्जा उत्पादन में विश्व में चौथे स्थान पर पहुंच चुका है. देश में अकेले पवन ऊर्जा उत्पादन की क्षमता 695 गीगावाट आंकी गयी है.

वर्ष 2015 में बने अंतरराष्ट्रीय सोलर गठबंधन के जरिये भारत दुनिया में सौर ऊर्जा का नेतृत्वकर्ता बना है. सोलर पीवी मैन्युफैक्चरिंग को पीएलआइ (प्रॉडक्शन लिंक्ड इंशेटिव) में शामिल कर सरकार सोलर पीवी विनिर्माण को बढ़ावा दे रही है. वर्ष 2023 की शुरुआत में ही केंद्रीय कैबिनेट ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी देकर नवीकरणीय ऊर्जा के एक असीमित क्षेत्र में कदम रखा है. भारत ग्रीन हाइड्रोजन का निर्यातक बन सकता है. बशर्ते इलेक्ट्रोलाइजर्स के विनिर्माण को बढ़ावा देना होगा. जी-20 की अध्यक्षता वर्ष में भारत ने विश्व जैव ईंधन गठबंधन की नींव रख दी है. इससे कृषि अपशिष्ट को बेशकीमती ईंधन में तब्दील करने के लिए तकनीकी अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों के साथ साझेदारी बढ़ेगी. यह पेट्रोल व डीजल में 20 फीसदी इथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार होगा. इससे किसान भी ऊर्जा उत्पादक बनेंगे.

अक्षय ऊर्जा संसाधनों से तैयार होने वाली बिजली के पारेषण (ट्रांसमिशन) के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर (जीइसी) बन रहा है. इसके पहले चरण में सात सौर पार्क से बिजली मेन ट्रांसमिशन लाइन में आनी शुरू हो चुकी है. जीइसी में एक राज्य के भीतर (इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम) और एक से अधिक राज्यों (इंट्रा स्टेट ट्रांसमिशन) के बीच ग्रीन एनर्जी के ट्रांसमिशन को मुमकिन बनाता है. इससे एक आम आदमी भी अपनी जरूरत से अतिरिक्त बिजली तैयार करे तो स्थानीय हरित ऊर्जा ग्रिड को दे सकता है.

प्राकृतिक गैस किसी भी जीवाश्म ईंधन के मुकाबले कम प्रदूषक और सस्ती होती है. फिक्की की रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे ऊर्जा परिदृश्य में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी अभी 6.2 प्रतिशत है. इसे 15 फीसदी करने का लक्ष्य है. देश में गैस पाइपलाइन का 22,000 किमी का नेटवर्क खड़ा हो चुका है. यदि इसे अगले पांच साल में 35 हजार किमी कर लिया जाता है तो छोटे शहरों तक पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की पहुंच आसान होगी.

कोयला, पेट्रोल और डीजल समेत जिन जीवाश्म ईंधन ने इंसानी जीवन को गुणवत्ता दी, वह उपभोक्तावादी प्रवृत्ति की वजह से पर्यावरण के दुश्मन करार दिये जा रहे हैं. ऐसे में इन संसाधनों को कोसने की जगह सहेजना होगा. इसके लिए ऊर्जा विविधिकरण की नीति कारगर विकल्प है. इसमें जीवाश्म ईंधन के साथ अक्षय संसाधनों के उत्पादन और खपत पर जोर दिया जाता है. इस दशक के अंत तक भारत अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता 500 गीगावॉट तभी कर पायेगा, जब 50 फीसदी ऊर्जा जरूरत सूरज के प्रकाश, हवा और पानी से पूरी हो. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के मुताबिक यह लक्ष्य 2026-27 में ही हासिल कर लिया जाएगा. आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में यह एक सुखद संकेत है.

(लेखक ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ हैं.)

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें