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Monday, April 21, 2025 | 03:19 am

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विराग गुप्ता

लेखक और वकील

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केवल कानून से नहीं बंद होगी धांधली

परीक्षा में धांधली रोकने के लिए लाये गये नये कानून की धारा 17 के तहत कानून मंत्रालय ने अभी विस्तृत नियम नहीं बनाया है.

नीट मामले के दोषियों को कड़ी सजा मिले

नीट परीक्षा में हुई धांधली पर समय से कार्रवाई नहीं हुई, या इस पर व्यापम की तरह लंबी खिचड़ी पकी, तो युवाओं का संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा और डगमगा सकता है.

सरल भाषा में लिखे जाएं फैसले

सरल और समझ में आने वाले फैसलों के अनेक पहलू हैं. फैसलों का मुख्य आधार कानून हैं, जो जटिल होने के साथ अंग्रेजी भाषा में हैं. भारी दस्तावेज और लंबी सुनवाई के बाद दुरुह और विरोधाभासी फैसलों से मुकदमेबाजी का मर्ज बढ़ता जाता है.

अदालत में सुनवाई के बाद फैसला जल्द हो

सुप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर 2023 में कहा था कि देश में छह फीसदी आबादी मुकदमेबाजी से पीड़ित है. मामलों के जल्द निपटारे के लिए जस्टिस रवींद्र भट्ट की बेंच ने गाइडलाइन जारी किया था.

नागरिकता संशोधन कानून पर सियासत

किसी भी कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना नेताओं का संवैधानिक अधिकार है.

राजनीतिक भ्रष्टाचार में कमी की उम्मीद

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी प्रकार की रिश्वतखोरी के लिए विधायकों और सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो सकेगा.

चुनावी बॉन्ड पर रोक के मायने

विधायक, सांसद, अफसर, जज और मंत्रियों सभी को संपत्ति का विवरण देना होता है. तो पार्टियां पारदर्शिता से आमदनी और खर्च का विवरण सार्वजनिक क्यों नहीं करतीं?

नकल माफिया के खिलाफ सख्ती जरूरी

रेलवे, यूपीएससी, बैंकिंग, जेइइ, नीट, एसएससी, नेट और यूपीएससी की परीक्षाओं और इंटरव्यू में धांधली रोकने के लिए नये कानून का इस्तेमाल होगा. इसमें तीन से दस साल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

नये कानून में रिहाई का रोडमैप

न्याय में देरी, मुकदमों के अंबार और लाखों कैदियों की वजह से पीड़ित परिवारों का सामाजिक और आर्थिक ढांचा दरक रहा है. पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश फ्रैंकफर्टर को उद्धृत करते हुए कहा था कि अदालतें लोकतांत्रिक समाज का अच्छा प्रतिबिंब बनने के लिए डिजाइन नहीं की गयी हैं.
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