Warning: Undefined variable $categories in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Trying to access array offset on value of type null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Attempt to read property "slug" on null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Deprecated: addslashes(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 343
37.6 C
Ranchi
Sunday, April 20, 2025 | 05:40 pm

BREAKING NEWS

के सी

Browse Articles By the Author

साझी नीति और नीयत जरूरी

बिहार और ओडिशा के मुख्यमंत्रियोंकी एक राय थी कि अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए सभी राज्यों की एक साझा नीतिबने और दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद अभी संक्रमण के हॉटस्पॉट हैं. बिहार अभीटॉप 15 की सूची से बाहर है

कोरोना काल में बिहार चुनाव

यह सही है कि पुराने चुनावी दंगल जैसा वातावरण संभव नहीं हो सकता. नुक्कड़ सभाओं से लेकर महारैली में जुटी भीड़ चुनाव का तापमान तैयार करती थी और मतदाता तथा कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय भी.

बिहार में सभी दलों की प्रतिष्ठा दांव पर

आधा दर्जन से अधिक विधायक बगावत कर जेडी(यू) में शामिल हो चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी एनडीए को ही भविष्य का सत्तारूढ़ दल स्वीकार कर चुके हैं.

बड़े बदलाव के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर

विचारों की प्रखरता, अडिग विश्वास ने कर्पूरी जी को कभी विचलित नहीं होने दिया. कर्पूरी ठाकुर जिन विचारों और कार्यक्रमों को जमीन पर उतारने में समर्पित रहे, वे डॉ लोहिया द्वारा प्रतिपादित थे.

बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा

विशेष दर्जा के तहत मिली रियायतों और संसाधनों से शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों में बहुमुखी विकास संभव हो पायेगा.

बिहार के विकास के सूत्रधार नीतीश

नीतीश कुमार के शासन में समावेशी और सतत विकास हुआ और बिहार ने वास्तव में भारतीय राज्यों के बीच अपना कद बड़ा कर लिया है.

जाति जनगणना से विषमता होगी दूर

नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की राजनीतिक पार्टियां प्रधानमंत्री से अनुरोध कर चुकी हैं कि जातिगत जनगणना से समाज में समानता उत्पन्न होगी.

बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा

अविकसित राज्यों को गरीबी के कलंक से दूर करने के लिए विशेष राज्य के दर्जे और विशेष अनुदान के फर्क को समझना होगा.

लोकतंत्र के लिए घातक परिवारवाद

नीतीश कुमार ने लोक लाज के उच्च आदर्शों को स्वीकार किया. कभी अपने परिवार के किसी सदस्य का किसी भी प्रकार का दखल स्वीकार नहीं किया.
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels