Warning: Undefined variable $categories in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Trying to access array offset on value of type null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Attempt to read property "slug" on null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Deprecated: addslashes(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 343
31.9 C
Ranchi
Sunday, April 20, 2025 | 09:50 pm

BREAKING NEWS

डॉ अनिल प्रकाश जोशी

Browse Articles By the Author

बेनतीजा रह गया जलवायु सम्मेलन

COP29 : यह बहुत अजीब बात है, परंतु इसे दोहराना अत्यंत जरूरी है कि कॉप (सीओपी) लंबे समय से इन्हीं मुद्दों में उलझा हुआ है, परंतु आज तक कोई ठोस और साझा निर्णय नहीं आ सका है, जिससे विकसित और विकासशील देशों के बीच समन्वय स्थापित हो सके.

गंगा को तारने के लिए आगे आने की जरूरत

Save Ganga : जब गंगा, यमुना से संबंधित कोई भी बात उठे, तो उसे मात्र किसी सरकारी योजना के दायित्व के नजरिये से नहीं देखना चाहिए. अब इस सवाल के लिए कोई ज्यादा जगह नहीं है कि फिर किसे इसका जिम्मेदार माना जाए.

वायु प्रदूषण का बढ़ता जानलेवा खतरा

Air Pollution : हमें नहीं भूलना चाहिए कि वायु प्रदूषण बहुत खतरनाक है, क्योंकि हम हर क्षण इसे अपने अंदर ले रहे हैं. प्रदूषित हवा हमारे रक्त संचार का हिस्सा बन जाती है और हमारे महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंच उन पर विपरीत प्रभाव डालती है.

पर्यावरण की बेहतरी के प्रयास की समीक्षा जरूरी

पारिस्थितिकी से जुड़े कार्यों का सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) की तरह कोई एक आकलन या सूचक नहीं है. यह स्थिति केवल भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में है. पारिस्थितिकी विकास कार्यों का व्यवस्थित विवरण आना चाहिए. एक सकल पर्यावरणीय उत्पादन सूचक जैसा कुछ बनाया जाए, जिससे पता चले कि प्रकृति और पर्यावरण की बेहतरी के लिए क्या क्या प्रयत्न हो रहे हैं और उनके परिणाम क्या हैं.

बढ़ते तापमान से मुश्किल में जीवन

हमने अपनी जीवनशैली को कुछ इस तरह बना दिया है कि अब हम उन आवश्यकताओं से बहुत ऊपर उठ गये हैं जो जीवन का आधार मात्र थीं.

चुनाव में प्रकृति पर भी रहे ध्यान

हमने कभी इस तरह से मुद्दे खड़े ही करने की कोशिश नहीं की, इसलिए राजनीतिक दलों के ऊपर सारा दोष नहीं मढ़ा जा सकता है. इसके लिए हम ही दोषी हैं, यह स्वीकार किया जाना चाहिए.

चिपको आंदोलन : पर्यावरण को बचाने की आवाज

पर्यावरण के बिगड़ते जाने की बात को दृष्टि में रखते हुए, यह स्वीकार किया गया कि इस क्षेत्र में वनों की कमी और उसके कारण हो रहे विनाश के पीछे वनों की व्यावसायिक बिक्री है, जो विनाशकारी साबित हो रही है.

जल संकट पर नये सिरे से चर्चा हो

पानी आवश्यकता ही नहीं, हमारे प्राणों से जुड़ा है. इसके लिए हम सबकी पहल जरूरी है, अन्यथा आने वाले समय में क्या देश और क्या दुनिया सभी को प्यासा ही गुजर करना होगा.

विलासितापूर्ण जीवन पर नियंत्रण जरूरी

सुंदर दुनिया को तभी भोग सकते हैं, जब जीवन बिना लड़खड़ाये टिकने योग्य हो. मात्र एक बात कि हम किस तरह अपनी आवश्यकताओं तक सीमित रहें. अपने आराम और विलासिता वाले जीवन पर कुछ अंकुश लगायें.
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels