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Sunday, April 20, 2025 | 05:52 am

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आलोक मेहता

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सुनहरी तस्वीर के साथ चुनौतियों की रेखाएं, पढ़ें आलोक मेहता का लेख

India In 2025 : भारत के प्रसिद्ध स्वामी और ज्योतिर्विद योगेश्वरानंद की भविष्यवाणी है कि मई, 2025 भारत के भविष्य के लिए टर्निंग पॉइंट साबित होगा. उन्होंने इस साल की एक दुर्लभ खगोलीय घटना के बारे में कुछ दिलचस्प भविष्यवाणियां साझा कीं, जो देश में बड़े बदलाव ला सकती है.

प्रवासी नहीं, अपने हैं मजदूर

कभी सुनाकिसी नेता को दिल्ली में प्रवासी कहा गया?” मेरे मोहल्ले के रिक्शा वालेसीताराम के इस सवाल का जवाब मेरे पास नहीं था.

चीन से साइबर मुकाबले की तैयारी

भारत को ही नहीं, दुनिया के अधिकांश देशों को अपनी संप्रभुता, साइबर कारोबार की रक्षा करते हुए साइबर सुरक्षा और स्वात्तता के लिए मिल कर नये कानून बनाने होंगे.

शिक्षा का भारतीयकरण

नयी नीति में शिक्षा को प्रारंभ से ही कौशल विकास यानी आवश्यकता के अनुसार पढ़ाई और व्यावहारिक कामकाज के लिए उपयोगी बनाया जा रहा है.

स्वास्थ्य के लिए क्रांतिकारी पहल

गांव से शहर तक के गरीब, कम शिक्षित लोग अपना तथा देश का भला और बुरा समझने लगे हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य की नयी क्रांति से देश का भविष्य अधिक सुरक्षित और खुशहाल हो सकेगा.

आपसी लड़ाई से मीडिया को नुकसान

प्रसारण और सोशल मीडिया पर आवाज उठने से सरकार को कहां नुकसान होनेवाला है. इसलिए, आपसी लड़ाई के दौरान भविष्य को ध्यान में रख सबको तय करना होगा- आत्म अनुशासन या सरकारी लगाम?

अन्नदाताओं के हितों की रक्षा जरूरी

आशा करनी चाहिए कि पश्चिमी देशों की तरह किसान उत्पादन, मेहनत, सम्मान के साथ आत्मनिर्भर बनेंगे. अनावश्यक आंदोलनों में समय क्यों बर्बाद करें.

‘एक देश-एक चुनाव’ देश की जरूरत

एक साथ चुनाव कराने का विचार कोई नया मोदी मंत्र नहीं है. संविधान निर्माताओं द्वारा स्थापित लोकतंत्र के आधार पर 1952 से 1967 तक चली आदर्श व्यवस्था को पुनः अपनाना मात्र है.

ईमानदारों के कंधे पर टिका लोकतंत्र

रेडियो वॉयस ऑफ जर्मनी में चार दशक पहले वरिष्ठ सहयोगी रहीं नाज बहन शाह का फोन देर रात आया. जर्मनी में बसीं नाज बहन ने चिंता के साथ पूछा- ‘आलोक, वहां सब ठीक है?’ मैंने समझा कि भूकंप के हल्के झटकों की खबर से बुजुर्ग बहन चिंतित हैं.
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