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पथरैटा गांव में पेयजल संकट गहराया , ग्रामीण परेशान

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अरियरी. अरियरी प्रखंड अंतर्गत हजरतपुर मडरौ पंचायत के पथरैटा गांव में ग्रामीण पेयजल संकट से जूझने को विवश है .पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों का आक्रोश अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के प्रति लगातार बढ़ने लगा है. पेयजल संकट से परेशान ग्रामीणों में ब्रह्मदेव चौधरी, सुधीर कुमार, गोलू कुमार, संजीव कुमार ,रूपा देवी ,राजकुमारी देवी सहित अन्य ने बताया कि लंबे अरसे से उन्हें पेयजल संकट के कारण काफी फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि गांव में नल जल योजना को लेकर पूर्व में ही बोरिंग कराई गई है और करीब डेढ़ सौ घरों तक कनेक्शन भी किया गया है. परंतु तकनीकी खराबी के कारण काफी कम मात्रा में पानी की आपूर्ति होती है ,जिसके कारण अधिकांश घरो तक पानी पहुंचता ही नहीं है. इतना ही नहीं गांव में अधिकांश सरकारी चापाकल भी खराब है. पेयजल के लिए दर-दर भटकने को विवश होना पड़ता है. कई ग्रामीणों की माने तो उन्हें खेतों में जाकर बोरिंग का पानी लाना पड़ता है. ग्रामीणों ने कहा कि सर्दी के मौसम में जब पानी की ऐसी किल्लत है तो आने वाले गर्मी के मौसम में पेयजल संकट और भी गहरा जाएगा. ग्रामीणों ने इस दिशा में समय रहते जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से पहलकदमी की मांग की जाएगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

अरियरी. अरियरी प्रखंड अंतर्गत हजरतपुर मडरौ पंचायत के पथरैटा गांव में ग्रामीण पेयजल संकट से जूझने को विवश है .पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों का आक्रोश अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के प्रति लगातार बढ़ने लगा है. पेयजल संकट से परेशान ग्रामीणों में ब्रह्मदेव चौधरी, सुधीर कुमार, गोलू कुमार, संजीव कुमार ,रूपा देवी ,राजकुमारी देवी सहित अन्य ने बताया कि लंबे अरसे से उन्हें पेयजल संकट के कारण काफी फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि गांव में नल जल योजना को लेकर पूर्व में ही बोरिंग कराई गई है और करीब डेढ़ सौ घरों तक कनेक्शन भी किया गया है. परंतु तकनीकी खराबी के कारण काफी कम मात्रा में पानी की आपूर्ति होती है ,जिसके कारण अधिकांश घरो तक पानी पहुंचता ही नहीं है. इतना ही नहीं गांव में अधिकांश सरकारी चापाकल भी खराब है. पेयजल के लिए दर-दर भटकने को विवश होना पड़ता है. कई ग्रामीणों की माने तो उन्हें खेतों में जाकर बोरिंग का पानी लाना पड़ता है. ग्रामीणों ने कहा कि सर्दी के मौसम में जब पानी की ऐसी किल्लत है तो आने वाले गर्मी के मौसम में पेयजल संकट और भी गहरा जाएगा. ग्रामीणों ने इस दिशा में समय रहते जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से पहलकदमी की मांग की जाएगी.

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