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Deoghar News : भारतीय ज्ञान की परंपरा सर्वश्रेष्ठ, पूरे विश्व में है इसकी छाप

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डॉ जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज में दो दिवसीय अंतर्विषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा पर चर्चा की गयी.

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प्रतिनिधि, जसीडीह : डॉ जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज में दो दिवसीय अंतर्विषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह, कुलपति डॉ जेपी मिश्रा, नेपाल के जनकपुरधाम स्थित राजर्षि जनक विश्वविद्यालय के डॉ आरके शाह, इग्नू क्षेत्रीय केंद्र देवघर के सहायक निदेशक डॉ सरोज कुमार मिश्रा ने किया. इसकी शुरुआत में पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी गयी. डॉ सरोज ने कहा कि कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन अद्वितीय है. इससे बहुत कुछ सिखने को मिलता है. अधिवेशन, संगोष्ठी व सेमिनार मानव चिंतन का मंच है. इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य भारतीय मौलिक ज्ञान का विस्तार से चर्चा करना है. मुख्य वक्ता डॉ संजय झा व ललित नारायण ने भारतीय ज्ञान परंपरा के जानकारी देते हुए कहा कि मिथिलांचल के ज्ञान योगदान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसकी परंपरा व्यक्ति को व्यक्ति से जोड़ना है, जो सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान नहीं, बल्कि वैश्विक सुख शांति, आर्थिक व्यवस्था, न्याय दर्शन, पर्यावरण संरक्षण, भौगोलिक अध्ययन, औद्योगिक नीति, सामाजिक व राजनीतिक, वसुधैव कुटुम्बकम नीति को लेकर पूरे विश्व में अपनी छाप है. डॉ ईश्वर चंद ने चार पुस्तकों की विवेचना करते हुए कहा कि चिंतन, मनन, पर्यावरण संबंधित चर्चाएं पुस्तक में मिलेगी. इस मौके पर सलाले विश्वविद्यालय, इथोपिया के पूर्व प्रोफेसर डॉ मनोज कुमार मिश्रा, समन्वयक डॉ रामकृष्ण चौधरी, कॉलेज की प्राध्यापिका भावना भारती, परशुराम प्रसाद राय, रामसेवक सिंह गुंजन, चंद्र किशोर चौधरी, महादेव पंडित, अमरेंद्र ठाकुर, शिवनारायण यादव, जयचंद, संजय गुप्ता, शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के निर्देशक हिमांशु देव आदि मौजूद थे. हाइलाइट्स डॉ जगन्नाथ मिश्रा महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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